IEC 2023:भारत को चीन की कम्युनिस्ट पार्टी और शी जिनपिंग से बड़ा खतरा, निपटने के लिए हर क्षेत्र में विकास ही फॉर्मूला- माइक पोम्पिओ
India Economic Conclave 2023: एशिया प्रशांत क्षेत्र में चीन की कम्युनिस्ट पार्टी और शी जिनपिंग सबसे बड़े खतरे हैं। इस पीढ़ी से ज्यादा अगली पीढ़ी के लिए यह बड़ी चुनौती है। और चूंकि भारत चीन का पड़ोसी है। तो सबसे ज्यादा उसके लोगों को शी जिनपिंग और चीन कम्युनिस्ट पार्टी के खतरे का सामना करना पड़ेगा।
IEC 2023 में अमेरिका के पूर्व सेक्रेटरी ऑफ स्टेट माइक पोम्पिओ
India Economic Conclave 2023: अमेरिका के पूर्व सेक्रेटरी ऑफ स्टेट माइक पोम्पिओ ने भारत के लिए चीन की कम्युनिस्ट पार्टी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग को बड़ा खतरा बताया है। उन्होंने कहा है कि चीन से निपटने का केवल एक ही फॉर्मूला है-हर क्षेत्र में खूब विकास करिए। भारत को इकोनॉमिक और मिलिट्री दोनों क्षेत्रों में जबरदस्त विकास करना होगा। माइक पोम्पिओ ने ये बातें इंडिया इकोनॉमिक कॉन्क्लेव के दूसरे दिन टाइम्स नेटवर्क के एमडी और सीईओ एम.के.आनंद से बातचीत के दौरान कही है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की तारीफ करते हुए कहा कि मोदी के कुशल नेतृत्व की वजह से चीन के साथ मजबूती से निपटा जा सका। यही नहीं पैम्पिओ ने अमेरिका के साथ बेहतर होते रिश्तों की एक बड़ी वजह प्रधानमंत्री मोदी को बताया।
डोनॉल्ड ट्रंप के समय भारत के साथ रिश्तों में पर खोले कई राज
भारत के साथ ट्रंप शासन के दौरान रिश्तों में आए अहम बदलाव पर पोम्पिओ ने कहा कि सबसे पहले मैं इतिहास की बात करता हूं। भारत और अमेरिका दोनों ब्रिटिश कॉलोनी थे। और द्वितीय विश्व युद्ध के बाद पूरी दुनिया में बहुत कुछ बदला। इस दौरान भारत एक अहम शक्ति के रूप में उभरा है। और इस समय भारत अहम पोजीशन रखता है।
जब डोनॉल्ड ट्रंप सत्ता में आए, तो हमने सबसे पहले उस धारण को बदलने की कोशिश की, जिसमें दुनिया यह मानती थी कि अमेरिका फर्स्ट, ट्रंप प्रशासन का मानना था भारत के लोगों के लिए भारत फर्स्ट है। हम इस धारणा के साथ आगे बढ़े और इसका असर यह हुआ कि दोनों देशों के बीच गहरे इकोनॉमिक, रक्षा संबंध बने। दोनों देशों के बीच न केवल द्विपक्षीय स्तर पर संबंध मजबूत हुए बल्कि वैश्विक और क्षेत्रीय स्तर पर क्वॉड जैसे पहल हुए। मुझे उम्मीद है कि दोनों देश अगले 75 साल भी मिलकर दुनिया को संपन्न बनाएंगे।
चीन बड़ा खतरा
एशिया-प्रशांत क्षेत्र पर पोम्पिओ ने कहा कि अमेरिका के दृष्टिकोण से देखा जया तो एशिया प्रशांत क्षेत्र में चीन की कम्युनिस्ट पार्टी और शी जिनपिंग सबसे बड़ा खतरा है। इस पीढ़ी से ज्यादा अगली पीढ़ी के लिए यह बड़ी चुनौती है। और चूंकि भारत चीन का पड़ोसी है। तो सबसे ज्यादा उसके लोगों को शी जिनपिंग और चीन कम्युनिस्ट पार्टी के खतरे का सामना करना पड़ेगा। और उससे निपटने का एक ही फॉर्मूला है कि भारत इकोनॉमिक और रक्षा के क्षेत्र में खूब तरक्की करे। जितना वह संपन्न होगा उतना ही उसके लिए चीन से निपटना आसान होगा।
शी जिनपिंग पर साधा निशाना
चीन की कम्युनिस्ट पार्टी और शी जिनपिंग के रवैये को देखते हुए अमेरिका एशिया-प्रशांत क्षेत्र को मजबूत करना चाहता है। इसके तहत एशियाई देश जिसमें खाड़ी देश भी शामिल है। उनके साथ अमेरिका रिश्ते बेहतर करना चाहता है। इसके अलावा भारत, जापान जैसे दोस्तों के साथ इकोनॉमिक और सुरक्षा संबंध भी मजबूत करना अहम है।
शी जिनपिंग के रवैये पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि कोई देश अगर दुनिया का नेतृत्व करना चाहता है, तो उसे पारदर्शी होना चाहिए। ऐसा नहीं होना चाहिए कि अगर आपके देश में वायरस फैले तो आप चुप्पी साध लें और लॉकडाउन,शटडाउन कर दुनिया को अंधेरे में रखें। भारत-अमेरिका जैसे जिम्मेदार देश ऐसा कभी नहीं करते।
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