अरुणाचल में 1962 के बाद से चीन का कोई अतिक्रमण नहीं- चार माह की यात्रा के बाद BJP रिपोर्ट में दावा
BJP on China Encroachment: अरुणाचल प्रदेश भाजपा के नेता ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि बॉर्डर के इलाकों में स्थिति सामान्य है और भारतीय सेना पूरी तत्परता से यहां पर तैनात है, इन इलाकों में से कहीं भी चीन के किसी भी अतिक्रमण का कोई निशान नहीं दिखाई देते।
संसद यात्रा का बैनर लिए लोग। (फाइल)
BJP on China Encroachment: भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की 11 सदस्यों वाली टीम ने चार महीने तक अरुणाचल प्रदेश में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) के इलाकों का दौरा करने के बाद अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि 1962 के बाद से अरुणाचल प्रदेश में चीन का कोई अतिक्रमण दिखाई नहीं देता। नौ दिसंबर को तवांग में चीनी सेना की घुसपैठ की कोशिश के बाद अरुणाचल प्रदेश की बीजेपी इकाई ने 22 दिसंबर से अपना यह दौरा शुरू किया था, जिसमें 11 सदस्यीय टीम ने बॉर्डर के हर एक गांव जाकर वहां की स्थिति को जाना-समझा। इस दौरान इस टीम ने भारतीय सेना के जवानों और आईटीबीपी के लोकल यूनिट्स के साथ भी मुलाकात की और स्थिति का जायजा लिया।
यह सर्वे 22 दिसंबर से 24 अप्रैल के बीच बॉर्डर के इलाकों में चला था। राज्य भाजपा इकाई की 11 सदस्यीय टीम ने अपने उपाध्यक्ष तार तारक के नेतृत्व में 22 दिसंबर से 24 अप्रैल तक 'सरहद यात्रा' की। दक्षिणपूर्व अंजॉ जिले से शुरू हुए दौरे के प्रत्येक चरण में स्थानीय भाजपा नेता शामिल हुए और ये सर्वे उत्तर-पश्चिमी तवांग जिले में पूरा हुआ।
अरुणाचल भाजपा के नेता ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि बॉर्डर के इलाकों में स्थिति सामान्य है और भारतीय सेना पूरी तत्परता से यहां पर तैनात है। इन इलाकों में से कहीं भी चीन के किसी भी अतिक्रमण का कोई निशान नहीं दिखाई देते। भारतीय जनता पार्टी के नेता तारक के मुताबिक, "हमारे सीमा दौरे के दौरान, हमने एलएसी पर सेना और भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के जवानों के साथ-साथ सीमावर्ती गांवों के निवासियों के साथ बातचीत की, हमें पता चला कि सीमा पर स्थिति सामान्य और शांतिपूर्ण है।"
नौ दिसंबर 2022 को तवांग में चीनी सेना की घुसपैठ के बाद कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दलों ने भारतीय सेना की मौजूदगी पर सवाल उठाते हुए दावा किया था कि अरुणाचल प्रदेश में चीन अतिक्रमण कर रहा है जिसके बाद अब बीजेपी ने पूरे मामले पर अपनी रिपोर्ट साझा की है। 2 अप्रैल 2023 को चीन ने अरुणाचल प्रदेश की 11 जगहों के नाम चीनी भाषा में जारी करके एक बार फिर इन जगहों पर अपना दावा ठोका था जिसे भारत के विदेश मंत्री ने पुरजोर तरीके से नकार दिया था।
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