गलवान 2.0 की फिराक में चीन? 26 हजार घातक कंटीले डंडेनुमा हथियारों का दिया ऑर्डर, भारतीय सेना भी तैयार

भारत और चीन के बीच 17 दौर की बातचीत हो चुकी है और कुछ इलाकों से सैनिकों को हटाया भी गया है, लेकिन चीन अब भी गलवान संघर्ष की तर्ज पर भारत में घुसने की फिराक में है।

China Army

चीन ने 26 हजार कोल्ड वेपन का ऑर्डर दिया (file photo)

गलवान संघर्ष के तीन साल पूरे होने को हैं और चीन एक बार अपनी चालबाजी से बाज नहीं आ रहा है। हाल ही में जारी हुई एक रिपोर्ट के मुताबिक चीन गलवान संघर्ष में इस्तेमाल किए गए कंटीले डंडानुमा हथियारों से मिलते जुलते नए हथियार खरीद रहा है। चीन ने एलएसी के इर्द-गिर्द सैनिकों की तैनाती पिछले तीन सालों से लगातार बढ़ाए हुए है और यहां युद्धाभ्यास भी करता है।

भारत में घुसने की फिराक में चीन

भारत और चीन के बीच 17 दौर की बातचीत हो चुकी है और कुछ इलाकों से सैनिकों को हटाया भी गया है, लेकिन चीन अब भी गलवान संघर्ष की तर्ज पर भारत में घुसने की फिराक में है। चीन ने बेसबॉल बैट के आकार के नए हथियार खरीदे हैं जिन पर कंटीले तार लगे हुए हैं। गलवान संघर्ष में भी चीन ने इसी तरह के हथियारों का इस्तेमाल किया था। ऐसे डंडे जिन पर किलें लगी हुई थीं, उनसे भारतीय सैनिकों पर वार किया गया था।

हथियार ले जाकर पेट्रोल करने की मनाही

संधि के मुताबिक एलएसी पर बंदूकें और दूसरे हथियार ले जाकर पेट्रोल करने की मनाही है। ऐसे में चीन इन घातक हथियारों की खेप तैयार कर रहा है। चीन लगातार प्रोटोकॉल्स तोड़ता आया है और दिसंबर के महीने में अरुणाचल प्रदेश के तवांग में घुसपैठ की कोशिश के बाद भारतीय सैनिकों ने एक बार फिर चीन को खदेड़ा था। चीन की सेना ने जिन हथियारों को खरीदा है, वह एक बेसबाॉ बैट और गदा का मिला जुला रूप है, इसके ऊपरी सिरे पर नुकीले कांटे लगाए गए हैं।

चीन ने गलवान हिंसा के दौरान इस्तेमाल किए थे हथियार

इसी तरह के हथियार चीनी सैनिकों ने गलवान हिंसा के दौरान इस्तेमाल किए थे, जिसमें लकड़ी के डंडे के एक सिरे पर कंटीले तार लपेट दिए गए थे। संघर्ष के दौरान चीनी सैनिकों ने भारतीय जवानों के खिलाफ इसका इस्तेमाल किया था। गलवान हिंसा में भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हो गए थे, इस दौरान चीन के भी 40 से अधिक जवान मारे गए थे। गलवान हिंसा के बाद से दोनों देशों के बीच तनाव बरकरार है। भारत ने बड़ी संख्या में लद्दाख से सटी एलएसी के पास सैनिकों की तैनाती कर रखी है।

चीन ने 26 हजार कोल्ड वेपन का ऑर्डर दिया

इसके बाद से तनाव कम करने के लिए कई दौर की कोर कमांडर स्तर की बातचीत हो चुकी है और जल्द ही 18वें दौर की बातचीत भी होनी है। खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक, चीन ने हाल ही में 26000 कोल्ड वेपन का ऑर्डर दिया है जिनमें कांटे लगे घातक हथियार तो शामिल हैं ही, खुद के बचाव के लिए आरमर या कवच भी हैं। माना जा रहा है कि जल्द ही इन हथियारों की डिलीवरी चीन की सेना को हो जाएगी।

चीन की मंशा भारत में भीतर घुसकर संघर्ष करने की

यानि जहां भारत लगातार बार-बार बातचीत के जरिए इस मामले को निपटाना चाहता है, वहीं चीन की मंशा भारत में भीतर घुसकर संघर्ष करने की ही है। भारतीय सेना ने इन रिपोर्ट के आधार पर अपनी तैयारी भी पूरी कर ली है। अगर चीन इन हथियारों के साथ एलएसी पर आता है तो भारत भी उसे उसी के अंदाज में जवाब दे देगा इसके लिए भारत में हल्के करंट वाले डंडे और नॉन लीथल वेपंस इकट्ठा करना शुरू कर दिया है। फर्क इतना है कि चीन के हथियार घातक है जबकि भारत के हथियार चीन को जवाब देने के लिए हैं।
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शिवानी शर्मा author

19 सालों के पत्रकारिता के अपने अनुभव में मैंने राजनीति, सामाजिक सरोकार और रक्षा से जुड़े पहलुओं पर काम किया है। सीमाओं पर देश के वीरों का शौर्य, आत्मन...और देखें

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