ब्लू बैटलफील्ड की बारूदी हुंकार देख दहला चीन, हर कोशिश होगी नाकाम

पूर्वी चीन सागर के आसमान में QUAD देशों के फाइटर जेट और हंटर हेलिकॉप्टरों की इस उड़ान को देखते रहने के सिवा चीनी सेना के पास कोई चारा नहीं बचा है। 8 नवंबर से 18 दिसंबर यानी 10 दिनों तक चलने वाले इस समुद्री युद्धाभ्यास में लाइव फायर ड्रिल के अलावा कॉम्प्लेक्स सरफेस, सब सरफेस और एयर ऑपरेशंस को अंजाम दिया जा रहा है।

ब्लू बैटलफील्ड (blue battlefield) की ये बारूदी हुंकार देखकर चीन दहल रहा है। चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग(xi jinping) के जिस्म में 11 हजार वोल्ट का करंट लग रहा है और उनकी नौसेना तो पूरी तरह बौखला गई है।ईस्ट चाइना सी में जापान के सगामी बे के योकोसुका तट पर आसमान में गरजते लड़ाकू विमानों का शोर बीजिंग की बेचैनी बढ़ा रहा है। समंदर का सीना चीरकर बारूद बरसा रहे जंगी जहाजों को देखकर चीनी नौसेना परेशान है तो वहीं वॉर एक्सरसाइज (malabar exercise) में लाइव फायर ड्रिल को देखकर चीन को कयामत का खौफ सता रहा है।

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आसमान से निगहबानी

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आसमान से लड़ाकू विमानों की निगरानी और समंदर में सबसे खतरनाक युद्धपोतों की घातक ड्रिल ये तस्वीर है ईस्ट चाइना सी में चल रहे मालाबार वॉर एक्सरसाइज की। जिसमें भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के 38 वॉरशिप दमखम दिखा रहे हैं।मालाबार ड्रिल के इन महाबलियों के अलावा जब 33 एयरक्राफ्ट्स के साथ पनडुब्बियों का शिकार करने वाले हंटर प्लेन्स ने पूर्वी चीन सागर में अपना पराक्रम दिखाया...तो चीनी नौसेना के साउथ चाइना सी से लेकर ईस्ट चाइना सी में हुकूमत का सपना चकनाचूर हो गया।इस बार के युद्धाभ्यास के फोकस प्वाइंट में से एक है रैपिड डिप्लॉयमेंट यानी कि जंग के मद्देनजर किस तरह से कौन से जंगी जहाज को किस वक्त कहां तैनात करना है...और QUAD देशों की नौसेना के बीच कोआर्डिनेशन कैसे मजबूत रखना है...इसके अलावा एंटी सबमरीन वॉरफेयर पर भी फोकस है

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