मणिपुर हिंसा में 'हथियार' का काम कर रही चीन की बाइक, मात्र 25 हजार कीमत, नंबर प्लेट तक नहीं
Manipur violence : यह कैनन बाइक हल्की होने के साथ-साथ इसकी कीमत काफी कम है। यह मात्र 25,000 रुपए में उपलब्ध है। साथ ही इसके मेंटिनेंस में कम लागत आ रही है। यह भारत की अन्य मोटरबाइक की कीमत के एक चौथाई के बराबर है। पुलिस यदि इन बाइकों को जब्त भी करती है तो उपद्रवियों को ज्यादा नुकसान नहीं हो रहा है।
मणिपुर हिंसा में चीन की बाइक का हो रहा इस्तेमाल।
Manipur violence : मणिपुर में गत 3 तीन मई के बाद जारी हिंसा का दौरा थमा नहीं है। इस हिंसा में बीते 55 दिनों में 130 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है। राज्य में शांति के लिए सरकार और सेना दोनों की तरफ से कदम उठाए जा रहे हैं बावजूद इसके स्थितियां जटिल एवं गंभीर बनी हुई है। इस बीच मणिपुर हिंसा में चीन का कनेक्शन भी सामने आया है। रिपोर्टों की मानें तो इस हिंसा में उपद्रवी चीन की कैनन बाइक का धड़ल्ले से इस्तेमाल कर रहे हैं।
25 हजार रुपए में मिल रही बाइक
यह कैनन बाइक हल्की होने के साथ-साथ इसकी कीमत काफी कम है। यह मात्र 25,000 रुपए में उपलब्ध है। साथ ही इसके मेंटिनेंस में कम लागत आ रही है। यह भारत की अन्य मोटरबाइक की कीमत के एक चौथाई के बराबर है। पुलिस यदि इन बाइकों को जब्त भी करती है तो उपद्रवियों को ज्यादा नुकसान नहीं हो रहा है।
बाइक जब्त करने के लिए चला अभियान
रिपोर्टों के अनुसार हिंसा प्रभावित उखरूल एवं कामजोंग जिलों में कैनन बाइक का धड़ल्ले से इस्तेमाल हो रहा है। पहाड़ी इलाकों में बड़ी संख्या में 125 सीसी की यह बाइक देखी जा सकती है। भारत-म्यांमार सीमा के नजदीक उखरूल, कामजोंग और चुराचंदपुर में पुलिस ने चीन की बाइकों को जब्त करने के लिए इससे पहले कभी इतना बड़ा अभियान नहीं चलाया है। कुछ समय पहले तक इन बाइकों का इस्तेमाल अफीम की तस्करी में किया जाता था।
चीन से थाइलैंड होते हुए आते हैं पार्ट्स
ऐसा नहीं है कि बाइक चीन से तैयार होकर मणिपुर पहुंच रही है। बल्कि इसके पार्ट्स चीन के यून्नात प्रांत से थाइलैंड होते हुए मणिपुर पहुंच रहे हैं। फिर मणिपुर एवं म्यांमार के डीलरों के यहां इनके पार्ट्स को असेंबल किया जा रहा है। उखरूल एवं कामजोंग में तीन में से दो बाइक कैनन बाइक ही नजर आती हैं। इन जिलों में भारतीय बाइक बेचने वाले डीलर नहीं हैं।
सेना ने वीडियो जारी कर अपील की
मणिपुर में कुछ दिनों महिला एक्टिविस्टों ने सेना के काफिले को घेराव कर उग्रवादियों को छुड़ाया। अब सेना ने एक वीडियो जारी कर यह बताया है कि ये महिलाएं कैसे उनके अभियान में बाधा बन रही हैं। सेना की स्पीयर कोर ने सोमवार को अपने एक ट्वीट में कहा, 'मणिपुर की महिला एक्टिविस्ट जानबूझकर रास्तों में अवरोध पैदा करने के साथ-साथ सुरक्षा बलों के अभियान में दखल दे रही हैं। जीवन एवं संपत्तिया बचाने जैसी गंभीर परिस्थितियों में इस तरह का अवांछित दखल सुरक्षा बलों के समय पर कार्रवाई करने की क्षमता को प्रभावित करता है। हम शांति कायम करने के अपने प्रयासों में राज्य के सभी लोगों से योगदान करने की अपील करते हैं। हमारी मदद कर मणिपुर की मदद करें।'
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