G20: चीनी शिष्टमंडल के उस 'रहस्यमयी' बैग में क्या था? ताज पैलेस होटल में 12 घंटे तक मचा रहा हड़कंप

Chinese Mysterious Bag: जी-20 सम्मेलन में शरीक होने वाले मेहमानों को दिल्ली के अलग-अलग होटलों में ठहरने की व्यवस्था की गई थी। होटल ताज पैलेस में चीनी शिष्टमंडल रुका था। इसी होटल में ब्राजील के राष्ट्रपति भी रुके थे। मेहमानों एवं शिष्टमंडल की देखभाल करने वाली टीम को उनके साथ आने वाले सामानों को उचित जगह पर रखवाने के निर्देश दिए गए थे।

Hotel taj Palace

चीन के पीएम ली कियांग होटल ताल पैलेस में रुके थे।

G20 सम्मेलन के आयोजन को सफल बनाने एवं मेहमानों को अपना सर्वोत्तम सेवा देने के लिए भारत सरकार के अधिकारी जहां दिन-रात लगे रहे, वहीं दिल्ली के पांच सितारा होटल ताज पैलेस में करीब 12 घंटे तक एक अलग तरह का 'ड्रामा' चला। दरअसल, चीन के शिष्टमंडल के साथ आए एक 'रहस्यमयी' बैग ने सुरक्षा एजेंसियों के कान खड़े कर दिए। इस बैग की जांच को लेकर दोनों तरफ से करीब 12 घंटे तक गतिरोध बना रहा। चीनी शिष्टमंडल इस बैग की जांच कराने के लिए तैयार नहीं हुआ और जब उसने यह बैग दिल्ली स्थित अपने दूतावास भेजा तब जाकर यह गतिरोध समाप्त हुआ। हालांकि, इस बड़े आकार वाले बैग में क्या था यह अभी भी रहस्य बना हुआ है।

अलग-अलग होटलों में ठहरे थे विदेशी मेहमान

जी-20 सम्मेलन में शरीक होने वाले मेहमानों को दिल्ली के अलग-अलग होटलों में ठहरने की व्यवस्था की गई थी। होटल ताज पैलेस में चीनी शिष्टमंडल रुका था। इसी होटल में ब्राजील के राष्ट्रपति भी रुके थे। मेहमानों एवं शिष्टमंडल की देखभाल करने वाली टीम को उनके साथ आने वाले सामानों को उचित जगह पर रखवाने के निर्देश दिए गए थे। चीनी शिष्टमंडल के साथ एक बैग ऐसा भी था जिसका साइज सामान्य से काफी बड़ा था। बैग के इस बड़े आकार ने होटलकर्मियों एवं टीम का ध्यान खींचा लेकिन प्रोटोकॉल का ध्यान रखते हुए सुरक्षा कर्मियों ने इस बैग को जाने दिया।

स्कैनर में बैग डालने के लिए तैयार नहीं हुए चीनी

रिपोर्टों के मुताबिक बैग के कमरे में पहुंच जाने पर होटल के एक कर्मी ने उसमें कोई 'संदिग्ध उपकरण' होने की जानकारी अपने वरिष्ठों को दी। इस पर वरिष्ठ सुरक्षाकर्मियों ने आपस में सलाह-मशविरा किया और फिर बैग को स्कैनर में डालने की बात कही। दिलचस्प बात यह है कि चीनी शिष्टमंडल इस बैग को स्कैनर में डालने एवं उसकी जांच कराने के लिए तैयार नहीं हुआ। इसे लेकर दोनों पक्षों में गतिरोध बन गया। सुरक्षाकर्मी ये जानना चाहते थे कि बैग में क्या रखा हुआ है।

प्राइवेट इंटरनेट कनेक्शन की मांग की थी

रिपोर्टों के मुताबिक यही नहीं सुरक्षाकर्मी को यह भी पता चला कि चीनी शिष्टमंडल ने अपने लिए होटल में एक प्राइवेट इंटरनेट कनेक्शन दिए जाने की मांग की थी। इस पर बैग के बारे में सुरक्षाकर्मियों का संदेह और बढ़ गया। हालांकि, होटल ने प्राइवेट इंटरनेट कनेक्शन उपलब्ध कराने से इंकार कर दिया। सूत्रों का कहना है कि बैग की जांच को लेकर करीब 12 घंटे तक गतिरोध बना रहा। बाद में चीनी शिष्टमंडल अपना बैग दिल्ली दूतावास भेजने के लिए तैयार हुआ। तब जाकर यह 'ड्रामा' खत्म हुआ।

कमरे के बाहर तैनात हो गए भारतीय सुरक्षाकर्मी

सूत्रों का कहना है कि ताज पैलेस की सुरक्षा से जुड़े लोगों ने इस घटना की पुष्टि की है। उनके मुताबिक चीनी सुरक्षाकर्मियों ने बैग की जांच कराने से इंकार किया जबकि भारत सुरक्षा टीम जांच कराने के अपने स्टैंड पर अड़ी रही। सूत्र ने बताया कि चीन की ओर से मना किए जाने के बाद तीन सदस्यों वाली एक सुरक्षा टीम कमरे के बाहर तैनात कर दी गई। यह टीम करीब 12 घंटे तक रही। बाद में चीन के एक सुरक्षाकर्मी ने बताया कि बैग को दूतावास भेज दिया गया है।

चार्टर्ड फ्लाइट से दिल्ली आए थे कियांग

बैग में क्या था? इस बारे में शीर्ष अधिकारियों का कहना है कि बैग में कोई सर्विलांस उपकरण था, इसके बारे में निश्चित रूप से वे कुछ नहीं कह सकते, क्योंकि वे बैग की जांच नहीं कर पाए। बता दें कि चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग जी20 सम्मेलन के लिए नहीं आए। उन्होंने अपनी जगह प्रधानमंत्री ली कियांग को भेजा। कियांग की यात्रा के बारे में अंतिम समय में जानकारी दी गई। हैरान करने वाली बात यह है कि कियांग एक चार्टर्ड फ्लाइट से दिल्ली आए। भारतीय सुरक्षा एजेंसियों को इस बात ने भी हैरान किया।

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आलोक कुमार राव author

करीब 20 सालों से पत्रकारिता के पेशे में काम करते हुए प्रिंट, एजेंसी, टेलीविजन, डिजिटल के अनुभव ने समाचारों की एक अंतर्दृष्टि और समझ विकसित की है। इ...और देखें

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