चिराग को पटना में पुराना बंगला मिला वापस, याद आए पुराने दिन, पिता की मौत के बाद चाचा को हुआ था आवंटित

2014 के लोकसभा चुनाव में पहली बार मैदान में उतरे चिराग ने कहा, यह एक बड़ा संयोग है कि हमें मेरी पार्टी के लिए वही परिसर आवंटित किया गया है, जहां से मैंने अपनी राजनीतिक यात्रा शुरू की थी।

चिराग पासवान (PTI file photo)

Chirag gets back bungalow: केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने शुक्रवार को पटना में सरकारी बंगले पर कब्जा ले लिया, जो कभी उनके दिवंगत पिता राम विलास पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी के कार्यालय के रूप में काम करता था। राजभवन, मुख्यमंत्री के आवास और हवाई अड्डे जैसे स्थानों से कुछ सौ मीटर की दूरी पर स्थित 1, व्हीलर रोड में चिराग पासवान का प्रवेश राजनीति में उनके उत्थान का प्रतीक है क्योंकि हालिया लोकसभा चुनाव में उनकी लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) जिन पांच सीटों पर खड़ी हुई, वे सभी पांच सीटें जीती हैं।

चिराग बोले, यही से सियासी यात्रा की थी शुरू

2014 के लोकसभा चुनाव में पहली बार मैदान में उतरे चिराग ने कहा, यह एक बड़ा संयोग है कि हमें मेरी पार्टी के लिए वही परिसर आवंटित किया गया है, जहां से मैंने अपनी राजनीतिक यात्रा शुरू की थी। चिराग पासवान ने कहा कि उन्होंने बंगल वापस लेने के लिए कभी जोर नहीं डाला था। यह बंगला हाल ही तक उनके चाचा पशुपति कुमार पारस की राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी का कब्जा था, जिनके विद्रोह के कारण उनके दिवंगत पिता द्वारा स्थापित पार्टी में विभाजन हो गया था।

हालांकि, चिराग पासवान ने जोर देकर कहा, मैं ऐसा व्यक्ति नहीं हूं जो किसी के खिलाफ शिकायत रखेगा। वास्तव में इस घर की मेरी यादों में हमेशा चाचा के साथ बिताए गए यादगार पल शामिल रहेंगे। यह उनके द्वारा बनाई गई परिस्थितियों के कारण ही हुआ है जिसके कारण हम अब अलग हो गए हैं।

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