'मोदी के हनुमान' चिराग पासवान को मिला 'चाचा' वाला मंत्रालय, क्या चलेंगे पिता रामविलास के नक्शे कदम पर!
Cabinet Minister Chirag Paswan: मोदी कैबिनेट में चिराग पासवान को खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय मिला है,चिराग पासवान की पार्टी इस बार पांच सीटों पर चुनाव लड़ी और हर जगह जीत मिली।
चिराग पासवान को खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय मिला है
Cabinet Minister Chirag Paswan: लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के सुप्रीमो चिराग पासवान पहली बार मोदी कैबिनेट (Modi Cabinet) में मंत्री बने हैं उन्हें खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय का चार्ज दिया गया है गौर हो कि मोदी 2.0 में चिराग के चाचा पशुपति कुमार पारस भी केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री थे वहीं यही मिनिस्ट्री इस बार चिराग को मिल गई है।
मोदी 3.0 में लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के सुप्रीमो को अहम जिम्मेदारी दी गई है गौर हो कि वो पहली बार केंद्रीय मंत्री बने हैं, ध्यान रहे कि केंद्र में एनडीए की सरकार बन गई रविवार 9 जून को नरेंद्र मोदी ने लगातार तीसरी बार राष्ट्रपति भवन से भारत के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली पीएम मोदी के साथ ही 71 सांसदों ने मंत्रिपद की शपथ ली इनमें चिराग पासवान का नाम भी नाम शामिल रहा।
रामविलास पासवान के 'असली' राजनीतिक उत्तराधिकारी
चिराग पासवान ने पिता रामविलास पासवान के 'असली' राजनीतिक उत्तराधिकारी के रूप में अपनी स्थिति मजबूत कर ली है। रविवार को सबको चौंकाते हुए चिराग को नरेन्द्र मोदी सरकार में शामिल किया गया और इसके साथ ही राजनीति के दंगल में उनकी जोरदार वापसी हुई।
चिराग ने अभिनय की दुनिया में भी हाथ आजमाया
चार जून को घोषित लोकसभा चुनाव परिणाम में चिराग ने हाजीपुर सीट अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी राष्ट्रीय जनता दल के शिवचंद्र राम को एक लाख 70 हजार से अधिक मतों के अंतर से पराजित किया। इसी के साथ अपनी पार्टी के उम्मीदवारों को बाकी चार सीट पर जीताने में भी कामयाब रहे, 31 अक्टूबर 1982 जन्मे चिराग ने कंप्यूटर साइंस की पढ़ाई की है और अभिनय की दुनिया में भी हाथ आजमाया, लेकिन फिल्मी दुनिया में कोई खास सफलता नहीं मिलने पर बाद में वह पूर्णकालिक रूप से राजनीति में उतर आये।
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सियासत की बिसात पर गोटियां बिछाने के मामले में अपने पिता के असल वारिस
खुद को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का 'हनुमान' बताने वाले चिराग पासवान केंद्र में अब मंत्री के रूप में अपनी नयी पारी शुरू करने जा रहे हैं।उन्होंने 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जनता दल (यू)को झटका देने के बाद चिराग ने इस बार आम चुनाव में राजग के कोटे से अपनी पार्टी के लिए पांच सीटें हासिल कर यह जता दिया कि वह सियासत की बिसात पर गोटियां बिछाने के मामले में अपने पिता के असल वारिस हैं।
चिराग का राजनीति में प्रवेश 2012 में हुआ
पिता के मार्गदर्शन में चिराग ने अपने राजनीतिक सफर की शुरूआत की थी। उन्हें राजनीति में प्रवेश करने में मुश्किलों का सामना नहीं करना पड़ा।चिराग का राजनीति में प्रवेश 2012 में हुआ जब उन्हें लोजपा में संसदीय बोर्ड का राष्ट्रीय अध्यक्ष नियुक्त किया गया। वह पहली बार 2014 में बिहार के जमुई लोकसभा सीट से चुने गए। 2019 में भी वह इसी सीट से चुने गए।
'बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट' के मिशन
'बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट' के मिशन को लेकर आगे बढ़ रहे लोजपा अध्यक्ष चिराग को 2020 में अपने पिता के निधन के बाद पारिवारिक एवं राजनीतिक दोनों स्तर पर मुश्किलों का सामना करना पड़ा। पार्टी के छह में से पांच सांसदों ने अलग गुट बना लिया जिसका नेतृत्व उनके चाचा पशुपति पारस ने किया। लेकिन चिराग ने संयम के साथ परिपक्वता का भी प्रदर्शन किया और उसका फल उन्हें 2024 के संसदीय चुनाव में मिला जब भारतीय जनता पार्टी नीत गठबंधन राजग के तहत उन्हें बिहार में कुल पांच सीट मिलीं।
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