चिराग पासवान ने चाचा पशुपति को अभी माफ नहीं किया? समझिए इस विवाद के सियासी मायने

Chirag Paswan Vs Pashupati Paras: बीते 18 जुलाई, 2023 को जब एनडीए की बैठक हुई और चिराग पासवान ने अपने चाचा पशुपति पारस के पैर छुए, तो ऐसा लगा कि जैसे यूपी में अखिलेश और शिवपाल का मिलन हो गया है वैसे ही बिहार में भी चिराग और पशुपति के बीच सुलह हो जाएगी। हालांकि चाचा पारस और भतीजे चिराग दोनों ने ही शायद ये मूड बना लिया है कि एनडीए में रहते हुए भी अपनी लड़ाई खत्म नहीं करेंगे।

Chirag Vs Paras

चाचा पशुपति पारस के बयान पर चिराग पासवान ने प्रतिक्रिया दी।

Chirag Paswan Slams Pashupati Paras: सियासत में चाचा बनाम भतीजा की जंग काफी मशहूर है। उत्तर प्रदेश, बिहार और महाराष्ट्र में इसका कई बार इसकी पिक्चर देखने को मिल जाती है। हाल ही में अजित पवार ने अपने चाचा को गच्चा दिया था। हालांकि बिहार की सियासत की बात की जाए तो जिस तरह पशुपति पारस ने अपने भतीजे चिराग पासवान को पटखनी दी थी, वो सभी ने देखा था। दिल्ली में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 18 जुलाई को एनडीए की बैठक हुई, तो चिराग और उनके चाचा पशुपति एक साथ नजर आए थे। इस मौके पर चिराग ने अपने चाचा और केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस के पैर छुए और चाचा ने अपने भतीजे को गले से लगा लिया। ऐसा लगा कि बस अब सारे गिले शिकवे दूर हो ही जाएंगे। मगर चाचा ने भतीजे को कोसने का सिलसिला जारी रखा। अब चिराग पासवान ने रविवार को अपने चाचा के इस बयान 'पैर छूने से नहीं दिल मिलेंगे' पर प्रतिक्रिया दी है।

शाह और नड्डा ने दूर की चिराग की सारी चिंता

चिराग पासवान एनडीए की बैठक में शामिल होने के बाद रविवार को दिल्ली से पटना पहुंचे थे। जहां उन्होंने मीडिया के सवालों का सामना किया और कहा कि 'जिस तरह भाजपार्टी के दिग्गज नेताओं ने लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास से संपर्क किया और सम्मान दिया, उससे आगामी लोकसभा चुनाव 2024 की रूपरेखा तैयार हो गई। गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से हुई मुलाकात के बाद हमारी सभी चिंताएं दूर हो गई हैं।

चाचा पशुपति पारस पर क्या बोले चिराग पासवान?

हाजीपुर लोकसभा सीट को लेकर चिगाव बनाम पशुपति की जंग तेज हो गई है। पशुपतिनाथ पारस ने शनिवार को इस सीट पर दावा ठोका तो चिराग ने उनको जवाब देते हुए कहा कि 'हाजीपुर से पशुपतिनाथ पारस के दावा ठोकने पर चिराग ने कहा, 'एक बात साफ कर दूं कि आप जब किसी गठबंधन का हिस्सा होते हैं, तो गठबंधन की मर्यादा है कि तमाम बातों को ध्यान में रखकर ही गठबंधन धर्म का पालन करना चाहिए। ऐसी बातें बोलने से कोई फायदा नहीं होगा, अगर गठबंधन में हैं तो अपनी परेशानियों और दुविधाओं को गठबंधन के सामने रखिए.'

चाचा के तंज से चिराग को नहीं पड़ता है फर्क

चाचा पशुपतिनाथ पारस ने शनिवार को ये भी कहा था कि पैर छूने से दिल नहीं मिलेंगे। चाचा की इस टिप्पणी के जवाब में चिराग ने बोला कि 'हम पिछले विवाद से काफी आगे निकल चुके हैं, मैंने चाचा के बारे कोई टिप्पणी नहीं की, हमें बिहार फर्स्ट बिहारी फर्स्ट की चिंता है। मुझे इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है कि कौन क्या कह रहा है और ना ही मैं इस तरह के तंज पर कोई जवाब देना चाहता हूं।'

चिराग के चुप्पी के क्या हैं सियासी मायने?

एक मीडिया रिपोर्ट में ये दावा किया गया था कि पशुपति पारस को राज्यसभा के रास्ते संसद भेजा जा सकता है या फिर उन्हें राज्यपाल जैसा पद दिया जा सकता है। हालांकि चिराग के चाचा ने इन दावों को सिरे से खारिज कर दिया और कहा कि मैं लोकसभा चुनाव 2024 हाजीपुर से ही लड़ूंगा। दुनिया की कोई ताकत मुझे हाजीपुर से अगला चुनाव लड़ने से नहीं रोक सकती। जबकि उनके भतीजे चिराग पासवान हाजीपुर से ही चुनाव लड़ने का दावा कर रहे हैं। मगर सवाल ये खड़ा होता है कि रविवार को आखिर चिराग पासवान ने अपने चाचा के तीखे बयानों पर करारा पलटवार क्यों नहीं किया? वो कहावत है न कि दूध का जला छाछ भी फूंक फूंक कर पीता है। चिराग को पिछली बार मिले झटके से इतना तो समझ आ चुका है कि उतावलेपन में कोई गलती नहीं करनी है। वो शांत रहकर और कूटनीति से ही अपने चाचा का मुकाबला कर सकते हैं। आगामी लोकसभा चुनाव 2024 में हाजीपुर सीट किसके खाते में जाएगी, ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा।

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आयुष सिन्हा author

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