CISF Raising Day: जब बगावत पर उतारू थे सीआईएसएफ के जवान, बोले थे- वर्दी-वर्दी, भाई-भाई...लेकर रहेंगे पाई-पाई; पढ़ें- पूरा किस्सा

CISF Raising Day 2023, CISF Raising Day Poster, CISF Story and CISF Full Form in Hindi: दरअसल, सीआईएसएफ केवल तीन बटालियनों की संख्या के साथ कुछ संवेदनशील सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को समेकित सुरक्षा कवर मुहैया कराने के लिए 1969 में अस्तित्व में आया था। तब से यह बल, प्रमुख बहु-कुशल संगठन के रूप में विकसित हुआ। फिलहाल यह बल देशभर में 353 प्रतिष्ठानों को सुरक्षा कवर उपलब्ध करा रहा है।

CISF Raising Day 2023, CISF Raising Day Poster, CISF Story and CISF Full Form in Hindi: सीआईएसएफ मौजूदा समय में देश में आतंकवाद से निपटने के साथ सिक्योरिटी के किसी भी तरह के संकट का सामना करने के लिए सक्षम है। पर एक दौर ऐसा भी था, जब इस सुरक्षा बल के जवान बगावत पर उतर आए थे और कहने (छत्तीसगढ़ के बोकारो में सीआईएसएफ कैंप से) लगे थे कि "वर्दी-वर्दी, भाई-भाई...लेकर रहेंगे पाई-पाई। पंजाब की जीत हमारी है, अब सीआईएसएफ की बारी है।" इतना ही नहीं, सीआईएसएफ का तब भारत की सेना से आमना-सामना तक हो गया था और गोलीबारी तक की नौबत आ गई थी। पूरे घटनाक्रम ने तब दिल्ली से सरकार चला रही तत्कालीन मोरारजी देसाई के नेतृत्व वाली सरकार के पसीने छुड़ा दिए थे।
दरअसल, यह किस्सा तब का है, जब सीआईएसएफ के जवानों को केंद्रीय पुलिस का दर्जा मिला हुआ था, पर कुछ कागजी और तकनीकी झोल के चलते वह कुछ सुख-सुविधाओं से वंचित रहते थे। मसलन सीआईएसएफ के जवानों को परमवीर चक्र सरीखे वीरता पुरस्कार नहीं मिलते थे। मार्च, 1979 में देश भर की सीआईएसएफ ईकाइयों ने मिलकर एक संघ बनाया था। यूनियन के कई सदस्यों ने अपनी मांगों को तब गृह मंत्री के समक्ष रखा और मंत्रालय के बाहर कई माह तक हंगामा किया, पर हाल जस का तस ही रहा।
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