CAA पर अभी तक नियम क्यों नहीं बने? TMC का अमित शाह पर पलटवार

Citizenship Amendment Act 2019: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कोलकाता में कहा कि नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) लागू करने से नहीं रोक सकता। इस पर टीएमसी नेता और ममता बनर्जी की मंत्री शशि पांजा ने कहा कि इस पर अभी तक कानून क्यों नहीं बनाए गए।

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सीएए को लेकर टीएमसी ने अमित शाह पर निशाना साधा

Citizenship Amendment Act 2019: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को कोलकाता में एक विशाल रैली में ऐलान किया कि कोई भी केंद्र सरकार को नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) लागू करने से नहीं रोक सकता। इसके कुछ घंटों बाद तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने सवाल किया कि क्यों इसके लिए नियम अभी तक नहीं बनाए गए हैं? टीएमसी नेता और राज्य महिला एवं बाल विकास मंत्री शशि पांजा ने एएनआई से बात करते हुए कहा कि उनके पास सांसदों की संख्या अधिक है, इसलिए उन्होंने कानून बनाया। इस कानून के तहत अभी तक नियम क्यों नहीं बने? नियम बनाने की तारीख में आज भी देरी हो रही है। नियम बनाने का काम 9 बार हो चुका है। वे (केंद्र सरकार) कह रहे हैं कि नियम 2024 में लागू होंगे।

पांजा ने कहा कि जब नागरिकता संशोधन अधिनियम संसद में पारित किया जा रहा था तो पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कानून पर सर्वदलीय बैठक बुलाने और इसमें जल्दबाजी न करने के लिए कहा था। मंत्री ने कहा कि CAA पर सभी दलों के बीच चर्चा होनी चाहिए और CAA को लेकर जल्दबाजी नहीं होनी चाहिए। पांजा ने कहा कि लंबे समय के अंतराल के बाद अमित शाह का नागरिकता संशोधन कानून (CAA) पर जोर देना गाजर और छड़ी जैसा है। लोकसभा चुनाव से पहले सिर्फ वोट हासिल करने की नीति है।

उन्होंने कहा कि यह एक गाजर और एक छड़ी है। वे इसे (गाजर) आपके सामने लटकाकर चुनाव से पहले कुछ सीटें हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं। वास्तविकता यह है कि अगर उनका इसे लागू करने का इरादा था तो उन्हें पहले ही नियम बना लेना चाहिए था। अमित शाह ने अपने संबोधन में कहा कि CAA 'देश का कानून' है और नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार इसे किसी भी कीमत पर लागू करने जा रही है। नागरिकता (संशोधन) अधिनियम देश का कानून है, इसे कोई नहीं रोक सकता और हम इसे लागू करेंगे।

नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (CAA) 2019 का उद्देश्य पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी या ईसाई समुदायों से संबंधित प्रवासियों को नागरिकता प्रदान करने की सुविधा प्रदान करना है। जिन्होंने 31 दिसंबर, 2014 को या उससे पहले भारत में प्रवेश किया था। (संशोधन) अधिनियम 2019 को 12 दिसंबर को अधिसूचित किया गया था और 10 जनवरी 2020 को लागू हुआ।

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रामानुज सिंह author

रामानुज सिंह अगस्त 2017 से Timesnowhindi.com के साथ करियर को आगे बढ़ा रहे हैं। यहां वे असिस्टेंट एडिटर के तौर पर काम कर रहे हैं। वह बिजनेस टीम में ...और देखें

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