CAA पर भारत को किसी उपदेश की जरूरत नहीं, जगदीप धनखड़ बोले- 'ये नागरिकता देने का कानून, छीनने का नहीं'
Citizenship Amendment Act: CAA को लेकर उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि भारत को इस मामले पर किसी दूसरे देश से किसी उपदेश की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि सीएए को लेकर झूठी बातें और गलत सूचनाएं फैलाई जा रही हैं। उपराष्ट्रपति ने कहा कि सीएए न तो किसी भारतीय नागरिक को उसकी नागरिकता से वंचित करता है और न ही किसी को भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन करने से रोकता जैसा कि पहले होता था।
भारत को CAA पर किसी उपदेश की जरूरत नहीं- उपराष्ट्रपति
Citizenship Amendment Act: नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (CAA) को पड़ोसी देशों में सताए गए धार्मिक अल्पसंख्यकों के लिए एक राहत बताते हुए उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि भारत को इस मसले पर अन्य देशों से किसी उपदेश की जरूरत नहीं है। धनखड़ ने यह भी कहा कि CAA को लेकर झूठी बातें और गलत सूचनाएं फैलाई जा रही हैं। सीएए को पिछले माह अधिसूचित किया गया था।
मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी में 2023 बैच के आईएएस अधिकारी प्रशिक्षणार्थियों को संबोधित करते हुए धनखड़ ने कहा कि ‘भारत को समानता के मुद्दे पर किसी से भी उपदेश लेने की जरूरत नहीं है क्योंकि हम हमेशा इसमें विश्वास रखते हैं ।’ उन्होंने कहा कि ‘ कुछ देशों में अभी तक महिला राष्ट्रपति नहीं हैं जबकि हमारे यहां ब्रिटेन से भी पहले महिला प्रधानमंत्री बन गयी थी। अन्य देशों में उच्चतम न्यायालयों ने बिना महिला जज के 200 साल पूरे कर लिये जबकि हमारे यहां ऐसा हो चुका है।’
उपराष्ट्रपति ने कहा कि सीएए न तो किसी भारतीय नागरिक को उसकी नागरिकता से वंचित करता है और न ही किसी को भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन करने से रोकता जैसा कि पहले होता था। उन्होंने कहा कि सीएए पड़ोसी देशों के उत्पीड़ित धार्मिक अल्पसंख्यकों को भारतीय नागरिकता हासिल करने की सुविधा प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि ‘हमारे पड़ोस में उनकी धार्मिक प्रतिबद्धता के कारण सताए गए लोगों को यह राहत, उपचारात्मक संबंध भेदभावपूर्ण कैसे हो सकता है?’ धनखड़ ने याद दिलाया कि सीएए उन्हीं लोगों पर लागू होता है जो 31 दिसंबर 2014 को या उससे पहले भारत में आए हों।
हाल के वर्षों में शासन व्यवस्था में हुआ सुधार- धनखड़
उपराष्ट्रपति ने कहा कि यह लोगों की आमद के लिए कोई आमंत्रण नहीं है। उन्होंने कहा कि ‘हमें इन आख्यानों को बेअसर करना होगा। ये अज्ञानता से नहीं, बल्कि हमारे देश को बर्बाद करने की रणनीति से उत्पन्न होते हैं।’ धनखड़ ने युवाओं से हमारे गौरवशाली और मजबूत संवैधानिक निकायों को कलंकित करने और धूमिल करने के उद्देश्य से तथ्यात्मक रूप से अस्थिर राष्ट्र-विरोधी आख्यानों के रणनीतिक आयोजनों का खंडन करने का आह्वान किया। उपराष्ट्रपति ने कहा कि हाल के वर्षों में शासन व्यवस्था में सुधार हुआ है। उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक मूल्य और उसका सार गहरा रहा है क्योंकि कानून के समक्ष समानता को अनुकरणीय तरीके से लागू किया जा रहा है।
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