सबसे अधिक ट्रोल किए जाने वाले जजों में से एक हूं- विदाई भाषण में बोले CJI डी वाई चंद्रचूड़, इस बात के लिए मांगी माफी
CJI DY Chandrachud Farewell Speech: न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ नौ नवंबर, 2022 को प्रधान न्यायाधीश नियुक्त किये गए थे। वह 10 नवंबर यानि कि रविवार को पदमुक्त हो जायेंगे। भारत के न्यायिक इतिहास के इस महत्वपूर्ण मौके पर मनोनीत प्रधान न्यायाधीश खन्ना और अटॉर्नी जनरल, सॉलिसिटर जनरल, सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष कपिल सिब्बल ने न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ के योगदान की सराहना की।
विदाई समारोह में चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़
CJI DY Chandrachud Farewell Speech: देश के वर्तमान चीफ जस्टिस डी.वाई. चंद्रचूड़ रविवार को रिटायर हो जाएंगे। सीजेआई डी.वाई. चंद्रचूड़ शुक्रवार को अपने अंतिम कार्य दिवस के दिन जब विदाई समारोह में शामिल हुए तो उन्होंने अपने भाषण में सोशल मीडिया ट्रोलिंग से लेकर न्यायपालिका में आने के बाद की चुनौती पर बात की। इस दौरान उन्होंने अपने माता पिता को भी याद किया और माफी भी मांगी।
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ट्रोल करने वालों पर क्या बोले सीजेआई
प्रधान न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ ने अपने विदाई भाषण में कहा कि जरूरतमंदों और उन लोगों की सेवा करने से बड़ा कोई एहसास नहीं है, जिन्हें वह नहीं जानते थे या जिनसे कभी नहीं मिले थे। विदाई समारोह में सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ ने ट्रोल करने वालों को खुलकर जवाब दिया। CJI ने कहा कि मैं सिस्टम में सबसे अधिक ट्रोल किए जाने वाले जजों में से एक हूं। सीजेआई ने एक शायरी से इसका जवाब दिया कहा...मुख़ालिफ़त से मेरी शख्सियत संवरती है । मैं दुश्मनों का बड़ा एहतराम करता हूं।" CJI ने कहा कि लेकिन मेरे कंधे इतने मजबूत हैं कि मैं सारी आलोचनाएं झेल सकता हूं। सोमवार से मुझे ट्रोल करने वाले लोगों का क्या होगा? वे बेरोजगार हो जाएंगें।
इस बात के लिए सीजेआई ने मांगी माफी
प्रधान न्यायाधीश चंद्रचूड़ ने उनकी इस यात्रा में योगदान देने वाले सभी लोगों, वरिष्ठ अधिवक्ताओं, कनिष्ठों, अधिकारियों और कर्मचारियों के प्रति आभार व्यक्त किया और स्वीकार किया कि उनमें से प्रत्येक ने कानून और जीवन के बारे में उनकी समझ को आकार देने में भूमिका निभाई। उन्होंने अनजाने में हुई किसी भी गलती या गलतफहमी के लिए माफी मांगते हुए कहा, ‘‘यदि मैंने कभी किसी को ठेस पहुंचाई हो तो मैं आपसे क्षमा चाहता हूं।’’
अपने उत्तराधिकारी पर क्या बोले CJI
प्रधान न्यायाधीश ने कहा- ‘‘मैं हमेशा इस न्यायालय के महान लोगों की प्रभावशाली मौजूदगी और इस पद पर बैठने के साथ आने वाली जिम्मेदारी से अवगत था। लेकिन दिन के अंत में, यह किसी व्यक्ति के बारे में नहीं है, यह संस्था और न्याय के उद्देश्य के बारे में है जिसे हम यहां बनाए रखते हैं।’’
उन्होंने अपने सहयोगियों की प्रशंसा की, विशेष रूप से न्यायमूर्ति पारदीवाला और न्यायमूर्ति मिश्रा के साथ पीठ में बिताए गए समय पर प्रकाश डाला।
प्रधान न्यायाधीश ने न्यायालय के भविष्य के प्रति भी अपना विश्वास व्यक्त किया तथा विधिक समुदाय को आश्वस्त किया कि उनके उत्तराधिकारी न्यायमूर्ति खन्ना इसी समान समर्पण और दूरदर्शिता के साथ न्यायालय का नेतृत्व करेंगे। उन्होंने न्यायमूर्ति खन्ना को ‘‘सम्मानित और न्याय के प्रति प्रतिबद्ध" बताया।
500 से अधिक फैसले
हमेशा अपनी बात कहने वाले न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने 500 से अधिक फैसले लिखे, जिनमें से कुछ की आलोचना भी हुई और कई की प्रशंसा की गई। चंद्रचूड़ की विरासत का एक भौतिक स्वरूप भी है - एक नयी कल्पना के अनुरूप ‘न्याय की देवी’। पहले, ‘न्याय की देवी’ यूनानी परिधान में हुआ करती थी, जिसकी आंखों पर पट्टी बंधी थी। उसकी जगह छह फुट ऊंची नयी प्रतिमा स्थापित की गई, जिसके एक हाथ में तराजू और दूसरे हाथ में तलवार की जगह संविधान है। साड़ी पहनी हुई 'न्याय की देवी' की नयी प्रतिमा के सिर पर मुकुट है और आंखों पर पट्टी नहीं बंधी हुई है।
पिता भी थे चीफ जस्टिस
निवर्तमान प्रधान न्यायाधीश के पिता वाई वी चंद्रचूड़ भी प्रधान न्यायाधीश (1978 से 1985) रहे थे, जो इस पद पर सबसे लंबा कार्यकाल था। यह उच्चतम न्यायालय में सर्वोच्च पद पर पिता और पुत्र के आसीन रहने का एकमात्र उदाहरण है। दिल्ली के सेंट स्टीफंस कॉलेज एवं दिल्ली विश्ववविद्यालय (डीयू) के कैंपस लॉ सेंटर से पढ़ाई करने वाले तथा फिर हार्वर्ड लॉ स्कूल से एलएलएम और डॉक्टरेट की डिग्री हासिल करने वाले डी वाई चंद्रचूड़ 9 नवंबर 2022 को प्रधान न्यायाधीश नियुक्त किये गए थे। उनके द्वारा लिखे गए फैसलों की फेहरिस्त लंबी है और इसमें कानून के लगभग सभी पहलू शामिल हैं।
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