गणपति पूजा पर प्रधानमंत्री मोदी के मेरे आवास पर आने में कुछ भी गलत नहीं था; CJI ने दिया जवाब

CJI on PM Modi Meet: बीते दिनों देश के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ के आवास पर पीएम मोदी के पहुंचने के मसले को लेकर राजनीतिक सवाल खड़े हुए। तरह-तरह की बातें की गईं। इस बीच खुद सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा है कि गणपति पूजा पर प्रधानमंत्री के मेरे आवास पर आने में कुछ भी गलत नहीं था।

जब गणपति पूजा पर पीएम मोदी पहुंचे सीजेआई के आवास पर।

प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) डी. वाई. चंद्रचूड़़ ने सोमवार को कहा कि गणपति पूजा पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के उनके आधिकारिक आवास पर आने में 'कुछ भी गलत नहीं' था और ऐसे मुद्दों पर 'राजनीतिक हल्कों में परिपक्वता की भावना' की जरूरत है। प्रधानमंत्री के सीजेआई के घर जाने के औचित्य और न्यायपालिका व कार्यपालिका की सीमाओं पर कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्षी दलों और वकीलों के एक वर्ग ने सवाल उठाए थे। दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने आलोचनाओं को दरकिनार करते हुए कहा था कि 'यह देश की संस्कृति का हिस्सा है।'

CJI ने पीएम मोदी के उनके आवास पर जाने को लेकर क्या कुछ कहा?

सीजेआई चंद्रचूड़ ने ‘इंडियन एक्सप्रेस’ द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि इस बात का सम्मान किया जाना चाहिए कि न्यायपालिका और कार्यपालिका के बीच संवाद मजबूत अंतर-संस्थागत तंत्र के तहत होता है और दोनों की शक्तियों के पृथक्करण का मतलब यह नहीं है कि वे एक-दूसरे से मिलेंगे नहीं। उन्होंने कहा, 'शक्तियों के पृथक्करण की अवधारणा का यह अर्थ नहीं है कि न्यायपालिका और कार्यपालिका इस भावना में एक-दूसरे से अलग हैं कि वे मिलेंगे नहीं या तर्कसंगत संवाद नहीं करेंगे। राज्यों में, मुख्य न्यायाधीश और उच्च न्यायालय की प्रशासनिक समिति का मुख्यमंत्री से मिलने और मुख्यमंत्री के मुख्य न्यायाधीश से उनके आवास पर मिलने का एक प्रोटोकॉल है। इनमें से अधिकांश बैठकों में बजट, बुनियादी ढांचे, प्रौद्योगिकी आदि जैसे बुनियादी मुद्दों पर चर्चा की जाती है।'

'प्रधानमंत्री गणपति पूजा के लिए मेरे घर आए, इसमें कुछ भी गलत नहीं है'

सीजेआई ने प्रधानमंत्री के उनके आवास पर आने के बारे में कहा, 'प्रधानमंत्री गणपति पूजा के लिए मेरे घर आए। इसमें कुछ भी गलत नहीं है क्योंकि सामाजिक स्तर पर न्यायपालिका और कार्यपालिका से जुड़े व्यक्तियों के बीच निरंतर बैठकें होती हैं। हम राष्ट्रपति भवन में, गणतंत्र दिवस आदि पर मिलते हैं। हम प्रधानमंत्री और मंत्रियों से बात करते हैं। इस दौरान उन मामलों पर बात नहीं होती, जिनपर हमें फैसला लेना होता है, बल्कि सामान्य रूप से जीवन और समाज से जुड़े मामलों पर बात होती है।'

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