असम में वक्फ कानून के खिलाफ प्रदर्शन हुआ हिंसक, पुलिस पर पथराव; कछार में निषेधाज्ञा लागू
असम के कछार में वक्फ (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ आयोजित एक रैली में प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव कर दिया। जिसके बाद पुलिसकर्मियों ने भी लाठीचार्ज किया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प भी हुई।

असम में वक्फ बिल के खिलाफ प्रदर्शन
पश्चिम बंगाल के बाद अब असम में वक्फ कानून के खिलाफ किए जा रहे प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़क उठी है। पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच भिड़ंत देखने को मिली है। इस घटना के बाद कछार में निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है।
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पुलिस पर पथराव
असम के कछार जिले में रविवार को वक्फ (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ आयोजित एक रैली में प्रदर्शनकारियों के पुलिस पर पथराव करने पर पुलिसकर्मियों ने भी लाठीचार्ज किया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प भी हुई। इस तरह के और अधिक आंदोलन को रोकने के लिए कछार जिला प्रशासन ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 163 के तहत पूरे जिले में तत्काल प्रभाव से निषेधाज्ञा लागू कर दी है। अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि हाल ही में पारित कानून का विरोध करने के लिए बिना अनुमति के सिलचर शहर के बेरेंगा इलाके में कई सौ लोग सड़कों पर उतर गए। उन्होंने कहा, ‘‘करीब 300-400 लोग सड़क जाम कर प्रदर्शन कर रहे थे। जब हमने रास्ता खाली कराने की कोशिश की तो उनमें से कुछ ने हम पर पत्थर फेंके। भीड़ को तितर-बितर करने के लिए हमें हल्का लाठीचार्ज करना पड़ा।’’
पुलिस ने लिया एक्शन
उन्होंने बताया कि मामला दर्ज कर लिया गया है, लेकिन अभी तक किसी को हिरासत में नहीं लिया गया है और ना ही किसी को गिरफ्तार किया गया है।
प्रदर्शनकारियों ने काले झंडे दिखाए और भाजपा सरकार के खिलाफ नारे लगाए तथा अधिनियम को निरस्त करने की मांग की। दिन में कुछ घंटे बाद कछार जिला प्रशासन ने कहा कि वक्फ अधिनियम के खिलाफ हाल के विरोध प्रदर्शनों से बढ़ते तनाव और सार्वजनिक शांति के लिए मंडरा रहे खतरे को देखते हुए प्रशासन ने कानून और व्यवस्था के किसी भी उल्लंघन को रोकने के लिए एक निर्णायक कदम उठाया है।
धारा 163 लागू
एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया कि कछार के जिला अधिकारी ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 163 के तहत जिले भर में तत्काल निषेधात्मक उपाय लागू कर दिये हैं।’ इसमें कहा गया है कि तत्काल प्रभाव से बिना पूर्व अनुमति के पांच या अधिक व्यक्तियों के एकत्र होने या हथियार लेकर चलने पर सख्त प्रतिबंध लगा दिया गया है। आदेश में बगैर मंजूरी लिए बंद, रैलियां, हड़ताल, धरना और प्रदर्शन जैसे आंदोलन से जुड़े कार्यक्रमों के आयोजन पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है। इसके मुताबिक, जिलाधिकारी ने चेतावनी दी है कि इस निर्देश का कोई भी उल्लंघन प्रासंगिक कानूनी प्रावधानों के तहत सख्त कार्रवाई को आमंत्रित करेगा। इस प्रशासनिक कदम का उद्देश्य इस अस्थिर अवधि के दौरान कछार जिले में शांति बहाल करना और शांति और स्थिरता सुनिश्चित करना है।
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