मंडी सीट पर 'क्वीन' और 'प्रिंस' में जोरदार टक्कर, दो दिग्गजों की लड़ाई में फंसी हिमाचल प्रदेश की सबसे बड़ी सीट
Mandi Loksabha seat : मंडी हिमाचल प्रदेश की सबसे बड़ी संसदीय सीट है। इस निर्वाचन क्षेत्र में लाहौल-स्पीति के अलावा मंडी, कुल्लू और चंपा जिले आते हैं। चुनाव प्रचार और लोगों से संपर्क करते समय कंगना हिमाचल टीपी पहने हुए नजर आती हैं। वह 'जय श्रीराम' जयकारा लगाती हैं।

मंडी सीट पर कंगना और विक्रमादित्य आमने-सामने।
Mandi Loksabha seat : हिमाचल प्रदेश में वैसे मौसम का मिजाज तो नरम है लेकिन सियासत गरम है। बात यहां की मंडी सीट की हो तो यहां पर दो युवा चेहरों के बीच मुकाबला है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की उम्मीदवार अभिनेत्री कंगना रनौत के सामने कांग्रेस के एवं राजघराने के विक्रमादित्य सिंह हैं। लोगों को अपनी तरफ लुभाने के लिए दोनों ताबड़तोड़ रोड शो एवं जनसभाएं कर रहे हैं। दोनों एक दूसरे पर निशाना भी खूब साध रहे हैं। इस सीट पर दोनों पार्टियों के पुराने इतिहास और इन दोनों युवा नेताओं की लोकप्रियता को देखते हुए मंडी सीट का चुनाव काफी दिलचस्प हो गया है। यहां करीबी मुकाबला देखने को मिल रहा है।
भाजपा उम्मीदवार कंगना के रोड शो और रैलियों में 'फूल नहीं चिंगारी है, ये भारत की नारी है', 'कंगना तुम आगे बढ़ो, राजा-टिक्का नहीं चलेंगे...नहीं चलेंगे, नहीं चलेंगे' जैसे नारे खूब चल रहे हैं। मंडी में कंगना का चुनाव प्रचार बेहद आक्रामक और तेज है। अब तक वह 17 विधानसभा क्षेत्रों का एक बार दौरा कर चुकी हैं। कंगना कहती हैं कि हिमाचल प्रदेश का विकास करने के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य और बुनियादी संरचना को मजबूत बनाने की जरूरत है।
हिमाचल की सबसे बड़ी संसदीय सीट है मंडी
मंडी हिमाचल प्रदेश की सबसे बड़ी संसदीय सीट है। इस निर्वाचन क्षेत्र में लाहौल-स्पीति के अलावा मंडी, कुल्लू और चंपा जिले आते हैं। चुनाव प्रचार और लोगों से संपर्क करते समय कंगना हिमाचल टीपी पहने हुए नजर आती हैं। वह 'जय श्रीराम' जयकारा लगाती हैं। उनके जयकारे का साथ बाकी लोग देते हैं और उनका कांरवा आगे बढ़ता रहता है। वह कहती हैं कि 'अब तक आप लोग दूसरे को सुन-सुनकर निराश हो गए हैं, अब आपकी मुझे सुनने की बारी है।'
कंगना पूछती हैं-क्या आदमी अपवित्र नहीं हो सकता?
अपने रोड शो एवं चुनावी रैलियों में कंगना महिलाओं के सशक्तिकरण की बात करते हुए विक्रमादित्य पर निशाना साधती हैं। वह उनके लिए 'शहजादा' शब्द का इस्तेमाल भी करती हैं। बॉलीवुड अभिनेत्री लोगों से कहती हैं कि विक्रमादित्य उन्हें 'अपवित्र' बताते हैं। वह पूछती हैं कि 'क्या एक महिला ही अपवित्र हो सकती है? एक आदमी अपवित्र नहीं हो सकता। हां, मैं फिल्मों में काम करती हूं...तो इसका मतलब क्या? फिल्म इंडस्ट्री में पुरुष भी काम करते हैं।'
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'बिना मेकअप कंगना को देख लिया तो लोग भाग जाएंगे'
बिना मेकअप घर से बाहर नहीं निकलने के विक्रमादित्य के बयान पर निशाना साधते हुए कंगना कहती हैं कि 'मैं रोजाना सड़क मार्ग से 300 किलोमीटर की दूरी तय कर रही हूं। क्या कोई मेकअप कलाकार यहां आ सकता है?' विक्रमादित्य अपनी रैलियों में कहते हैं कि लोगों ने बिना मेकअप यदि कंगना को देख लिया तो वे डर कर भाग जाएंगे। कंगना लोगों से खुद को हिमाचल की बेटी बताती हैं और इलाके में विकास के लिए वोट मांगती हैं।
हर चीज को महिला केंद्रित बना रहीं कंगना-विक्रमादित्य
कांग्रेस सरकार में पीडब्ल्यूडी मंत्रालय संभालने वाले विक्रमादित्य चुनाव प्रचार में अपनी उदार हिंदुत्व की छवि के साथ आगे बढ़ रहे हैं। वह राम मंदिर का भी जिक्र करते हैं। कंगना पर निशाना साधते हुए कांग्रेस उम्मीदवार अपनी जनसभाओं में कहते हैं कि 'कंगना ने खुद कहा है कि वह एक बार बीफ खा चुकी हैं। मैंने उन्हें केवल शुद्धिकरण की अपनी परंपरा याद दिलाई।' विक्रमादित्य का आरोप है कि कंगना हर एक चीज को या तो महिला केंद्रित या मोदी केंद्रित बना रही हैं। वह पूछते हैं कि मंडी सीट को लेकर कंगना की क्या योजना है? चर्चा यह भी है कि मंडी सीट से कंगना को टिकट मिलने पर भाजपा के कुछ स्थानीय नेताओं में नाराजगी है क्योंकि ये विक्रमादित्य को एक मजबूत विपक्षी नेता के तौर पर देखते हैं।
मंडी सीट पर भाजपा-कांग्रेस दोनों का है दबदबा
चुनावी रणनीतिकारों का कहना है कि कंगाना की चुनावी सभाओं एवं उनके रोड शो में भारी भीड़ जुट रही है। लोग उनके साथ सेल्फी भी ले रहे हैं लेकिन क्या यह भीड़ वोटों में तब्दील होगी, इसे लेकर संदेह है। मंडी सीट पर शुरू से ही कांग्रेस और भाजपा में टक्कर होती रही है। इस सीट पर दोनों ही पार्टियों का दबदबा है। मंडी सीट पर भाजपा पहली बार 1989 में विजयी हुई। इस सीट पर कुल्लू राज घराने के माहेश्वर सिंह विजयी हुए। इसके बाद यह सीट विक्रमादित्य के परिवार के पास आ गई। इसके बाद 2014 से लेकर 2021 तक यह सीट भाजपा के कब्जे में रही।
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2021 के उपचुनाव में कांग्रेस को मिली जीत
बीते दो लोकसभा चुनाव में इस सीट से भाजपा के राम स्वरूप वर्मा विजयी हुए लेकिन शर्मा के निधन के बाद 2021 में इस सीट पर उपचुनाव हुआ जिसमें विक्रमादित्य की मां प्रतिभा सिंह विजयी हुईं। 2022 के विधानसभा चुनाव में मंडी में भाजपा ने शानदार प्रदर्शन किया। यहां की 17 सीटों में से भाजपा 12 सीटें जीतने में सफल रही जबकि कांग्रेस के खाते में मजह पांच सीटें आईं। 2014 के लोकसभा चुनाव की अगर बात करें तो यह सीट भाजपा के खाते में गई। इस चुनाव में भाजपा को 49.97 प्रतिशत जबकि कांग्रेस को 44.48 फीसद वोट मिले। वहीं, 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा 68.75 वोट प्रतिशत के साथ विजयी हुई। कांग्रेस को इस चुनाव में केवल 25.68 फीसद वोट मिले।
इस सीट पर मतदान होने में करीब 15 दिन बचे हैं। यहां वोटिंग अंतिम चरण यानी एक जून को होनी है।
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