Cloud Seeding: क्लाउड सीडिंग क्या है , जिसने दुबई को भी कर दिया था 'पानी-पानी'

What is Cloud Seeding in Hindi: क्लाउड सीडिंग बादलों से बारिश करवाने का एक आधुनिक तरीका होता है। क्लाउड सीडिंग के द्वारा कराई गई बारिश को आर्टिफिशियल रेन कहा जाता है। क्लाउड सीडिंग के लिए विमान द्वारा एक हाइट पर आसमान में सिल्वर आयोडाइड और ड्राई आइस के साथ नॉर्मल साल्ट बादलों में छोड़ा जाता है।

Cloud Seeding

जानिए क्या होती है क्लाउड सीडिंग

What is Cloud Seeding: एक तरफ जहां दुनिया के कई देश भीषण गर्मी से जूझ रहे हैं, तो वहीं दुबई को 16 अप्रैल को बाढ़ की स्थिति का सामना करना पड़। दुबई के लोग जहां बादल देखने के लिए तरसते है, उसी देश में लोग बारिश और बाढ़ से परेशान हो गए। 16 अप्रैल 2024 को संयुक्त अरब अमीरात के सबसे आधुनिक शहर दुबई इतनी बारिश हुई कि पूरा शहर जलमग्न हो गया। आप को बता दें, ये प्राकृतिक बारिश नही बल्कि कृत्रिम वर्षा थी। जिस विधि से ये वर्षा कराई गई उसे क्लाउड सीडिंग कहते है। आखिर क्या है यह क्लाउड सीडिंग सिस्टम जिसका प्रयोग करने की वजह से दुबई में इतनी बारिश हुई, चलिए जानते हैं...

क्या होती है क्लाउड सीडिंग

क्लाउड सीडिंग (Cloud Seeding) बादलों से बारिश करवाने का एक आधुनिक तरीका होता है। क्लाउड सीडिंग के द्वारा कराई गई बारिश को आर्टिफिशियल रेन कहा जाता है। क्लाउड सीडिंग के लिए विमान द्वारा एक हाइट पर आसमान में सिल्वर आयोडाइड (Silver Iodide) और ड्राई आइस (Dry Ice) के साथ नॉर्मल साल्ट बादलों में छोड़ा जाता है। इसे ही क्लाउड सीडिंग कहा जाता है। बता दें, क्लाउड सीडिंग हर प्रकार के मौसम में नहीं की जा सकती है। क्लाउड सीडिंग के लिए आसमान में काम से कम 40 प्रतिशत बादलों का होना जरूरी है जिनमें पानी भी हो। अगर बादलों में पानी कम होगा और ह्यूमिडिटी नहीं होगी तो फिर बारिश नहीं हो पाएगी।

क्लाउड सीडिंग (Cloud Seeding) सूखाग्रस्त क्षेत्रों को राहत देने, कृषि को बढ़ाने, पनबिजली उत्पादन के माध्यम से बिजली उत्पादन की सुविधा प्रदान करने, वायु प्रदूषण से निपटने में मदद कर सकती है। दुबई, थाईलैंड, चीन, इजराइल और भारत सहित कई देशों में क्लाउड सीडिंग विधि का प्रयोग किया जाता है। क्लाउड के सीडिंग संभावित लाभों के बावजूद, क्लाउड सीडिंग दीर्घकालिक पर्यावरणीय प्रभाव के कारण एक विवादास्पद विषय बना हुआ है। हालांकि यह कुछ क्षेत्रों में सूखे और पानी की कमी को कम करने में मदद करता है, लेकिन यह बारिश के प्राकृतिक पैटर्न को बदलने और पारिस्थितिक तंत्र को बाधित करने जैसे अनपेक्षित परिणाम भी पैदा कर सकता है।

जानें क्या है क्लाउड सीडिंग के फायदे (Benefit of Cloud Seeding)

  • क्लाउड सीडिंग का प्रयोग कर के सही समय पर खेती करने के लिए बारिश कराई जा सकती है।
  • क्लाउड सीडिंग विधि का प्रयोग करके एयरपोर्ट पर फॉग को कम किया जा सकता है।
  • क्लाउड सीडिंग के जरिये बारिश नहीं होने के कारण खराब हो रही फसल को बचाया जा सकता है।
  • क्लाउड सीडिंग का प्रयोग बढ़ते प्रदूषण को भी कम करने में किया जाता है।

क्या है क्लाउड सीडिंग के नुकसान (Disadvantage of Cloud Seeding)

  • क्लाउड सीडिंग में प्रयोग किया गया सिल्वर आयोडाइड वातावरण को नुकसान पहुंचाता है।
  • क्लाउड सीडिंग में मौजूद सिल्वर आयोडाइड के कारण कई लोगों को नाक बहना, त्वाचा का फटना, सिर दर्द, डायरिया और अनेमिया जैसे बीमारी हो सकती है।
  • क्लाउड सीडिंग द्वारा बारिश कराना काफी महंगा होता है। क्लाउड सीडिंग के कारण बाढ़ और आंधी तूफान जैसे खतरे पैदा हो सकते है।

कब हुई क्लाउड सीडिंग की शुरुआत? (When Cloud Seeding Started)

क्लाउड सीडिंग (Cloud Seeding) की शुरुआत ऑस्ट्रेलिया के बाथुर्स्ट स्थित जनरल इलेक्ट्रिक लैब में हुई थी। ऑस्ट्रेलिया में ही सबसे पहले इसका प्रयोग करके दिखाया गया था। जिसके बाद दुनिया के कई देशों ने क्लाउड सीडिंग का प्रयोग किया। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका के न्यूयार्क में 1940 के दशक में इसका प्रयोग किया गया था। वहीं इसके बाद चीन और कई और देशों ने क्लाउड सीडिंग का प्रयोग किया।

क्या भारत में भी क्लाउड सीडिंग का हुआ प्रयोग? (Cloud Seeding In India)

वर्ष 1952 में भारत में भी क्लाउड सीडिंग (Cloud Seeding) का पहली बार परीक्षण किया गया था। वहीं, 1984 में तमिलनाडु में इसका पहली बार प्रयोग किया गया। इसके बाद आंध्र प्रदेश में भी इसका प्रयोग किया गया था।

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Shashank Shekhar Mishra author

शशांक शेखर मिश्रा टाइम्स नाउ नवभारत डिजिटल (www.timesnowhindi.com/ में बतौर कॉपी एडिटर काम कर रहे हैं। इन्हें पत्रकारिता में करीब 5 वर्षों का अनुभव ह...और देखें

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