Exclusive: कांग्रेस का 85वां अधिवेशन, जानिए CWC चुनाव को लेकर नेताओं ने क्या-क्या कहा?

छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में कांग्रेस का 85वां राष्ट्रीय अधिवेशन हो रहा है। इसके पहले दिन कांग्रेस नेताओं ने स्टीयरिंग कमिटी के अंदर CWC चुनाव को लेकर नेताओं ने अपने विचार रखे। जानिए किसे क्या कहा।

कांग्रेस का 85वां राष्ट्रीय अधिवेशन (तस्वीर- कांग्रेस मीडिया डिपार्टमेंट)

कांग्रेस का 85वां राष्ट्रीय अधिवेशन छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में हो रहा है। इसके पहले दिन स्टीयरिंग कमिटी की बैठक में पार्टी की 26 साल पुरानी परम्परा को ही आगे बढ़ाने का काम हुआ। करीब ढ़ाई घंटे तक चली इस बैठक की शुरुआत इस चर्चा से हुई कि CWC का चुनाव हो या नहीं। स्टीयरिंग कमिटी के सदस्यों ने अपनी राय बैठक में रखनी शुरू की। नीचे जानिए स्टीयरिंग कमिटी के अंदर CWC चुनाव को लेकर नेताओं ने क्या-क्या कहा?

  • स्टीयरिंग कमिटी के नेता ने कहा कि हमें किसी को दिखाने की जरुरत नहीं है। खरगे को जब चुनाव के जरिये चुना गया उस वक्त उन्हें पीसीसी डेलीगेट के 85% वोट मिले थे। मल्लिकार्जुन खड़गे पर हमें पूरा भरोसा है।
  • उत्तराखण्ड के पूर्व CM हरीश रावत ने कहा कि अध्यक्ष को चुनने वाले पीसीसी डेलीगेट के ही प्रतिनिधि हम हैं। जब खड़गे को बहुमत मिला तो आज वो उसी बहुमत के अधिकार से CWC सदस्य चुनें।
  • संगठन के माहिर मध्यप्रदेश के पूर्व CM दिग्विजय सिंह और अजय माकन ने CWC का चुनाव हो इसकी वकालत करते हुए कहा कि चुनाव हो ये बात कांग्रेस का संविधान भी कहता है, इसपर दूसरे नेता ने जवाब दिया कि कांग्रेस के संविधान में तो जिला और ब्लॉक स्तर पर भी चुनाव की बात कही गई है लेकिन वहां भी हम आपसी सहमति से करते हैं। आपसी सहमति भी एक चुनाव है।
  • कांग्रेस के संविधान में चुनाव की बात लिखी गई है लेकिन ये कहीं नहीं लिखा गया की आपसी सहमति नहीं हो सकती।
  • स्टीयरिंग कमिटी के एक नेता ने अपना नाम नहीं बताने की शर्त पर कहा कि अगर CWC का चुनाव नहीं हुआ तो बीजेपी हमे क्रिटिसाइज करेगी, दूसरे नेता ने उन्हें रोकते हुए कहा कि हम दूसरों को दिखाने के लिए कुछ नहीं करेंगे। अगर ऐसा है तो उन्हें ये भी देखना चाहिए की कांग्रेस की तरह किसी पार्टी ने संगठनात्मक चुनाव नहीं करवाया।
  • नेताओं की आपसी चर्चा के बाद कमिटी में सर्वसम्मति से फैसला लिया गया की कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकाअर्जुन खड़गे को अधिकार दिया जाये कि वो CWC के सदस्यों को चुने।
  • वहीं स्टीयरिंग कमिटी में कांग्रेस संविधान में बदलाव को लेकर आये सुझाव पर भी चर्चा हुई।
  • जिसमें पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा ने सुझाव दिया कि राज्यों में PCC और AICC डेलीगेट्स की संख्या बढ़ी है ऐसे में CWC सदस्यों की संख्या भी बढ़नी चाहिए। पहले वर्किंग कमिटी में 12 चुने हुए और 11 नॉमिनेटेड (नामित) सदस्य होते थे, जिसकी कुल संख्या 23 होती है, जिसे बढ़ाकर 35 की जाए।
  • कांग्रेस संगठन और चुनाव में सभी वर्गों को समान अवसर मिले इसे लेकर भी संविधान में बदलाव की राय दी गई। जिसके तहत 50% आरक्षण - OBC, अल्पसंख्यक, ST-SC, महिला और युवाओं को संगठन और टिकट में प्रमुखता दी जाएगी। वहीं बचे 50% में भी कुछ हिस्सा महिला और युवाओं के लिए आरक्षित होंगे।

संविधान में बदलाव के अन्तर्गत ये भी सुझाव सामने आया कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष, पूर्व प्रधानमंत्री, लोकसभा और राज्यसभा में कांग्रेस के नेता CWC के हमेशा सदस्य रहे, ये परंपरा अभी भी चल रही है लेकिन अब इसे कांग्रेस के संविधान में शामिल करने का फैसला लिया गया।

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