यूएन में भारत का यह कदम कांग्रेस को भी आया पसंद, जानें क्या है मामला

संयुक्त राष्ट्र संघ में मानवीय आधार पर चैरिटी से संबंध रखने वाली संस्थाओं को मदद के लिए प्रस्ताव और वोटिंग हुई थी। हालांकि भारत ने विरोध दर्ज करते हुए वोटिंग से दूर रहा। भारत की तरफ से जो तर्क पेश किए गए थे उसकी सराहना कांग्रेस के कद्दावर नेता शशि थरूर भी कर रहे हैं।

शशि थरूर, कांग्रेस के कद्दावर नेता

आतंकवाद का सामना कर रहे मुल्कों में भारत भी है। आतंकी संगठनों के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र संघ में तरह तरह के प्रस्ताव पेश किए जाते हैं जिसमें इन आतंकी संगठनों पर लगाम लगाने का संकल्प लिया जाता है। दुनिया के कुछ आतंकी संगठनों के खिलाफ प्रतिबंध भी लगाए गए हैं। लेकिन यह देखा गया है कि वे आतंकी संगठन खुद को चैरिटी संस्था के तौर पर पेश करते हैं और पहले की तरह आतंकी गतिविधियों में शामिल हो जाते हैं। हाल ही में संयुक्त राष्ट्र संघ में अमेरिका और आयरलैंड की तरफ से चैरिटी संस्थाओं को मानवीय आधार पर मदद के संबंध में प्रस्ताव पेश किया गया जिस पर मतदान भी हुआ। हालांकि भारत ने मतदान की प्रक्रिया से दूर रखा। भारत सरकार के पक्ष को यूएन में स्थाई प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने पेश किया तो इसके साथ ही कांग्रेस के कद्दावर नेता शशि थरूर ने विदेश मंत्री एस जयशंकर की तारीफ की जिसे अहम माना जा रहा है।

शाबाश इंडिया

मतदान के भारत के स्पष्टीकरण पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए थरूर ने कहा कि वह देश के उन आपत्तियों से पूरी तरह सहमत हैं, जिसके कारण मतदान में भाग नहीं लिया।थरूर ने एक ट्वीट में कहा, "प्रस्ताव के पीछे की मानवीय चिंताओं को समझते हुए, मैं भारत की उन आपत्तियों से पूरी तरह सहमत हूं, जिसने इसके बहिष्कार को प्रेरित किया। शाबाश, @IndiaUNNewYork @DrSJaishankar

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