NEET पर कांग्रेस-बीजेपी में खिंची तलवारें, खरगे ने पूछे तीखे सवाल, तो प्रधान ने फिर दिया छात्रों को भरोसा
। कांग्रेस ने नीट परीक्षा में कथित धांधली को लेकर इसे व्यापम 2.0 करार दिया। पार्टी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस पर मूकदर्शक बने नहीं रह सकते।

NEET पर भिड़े बीजेपी-कांग्रेस
NEET Paper Leak: चिकित्सा पाठ्यक्रमों में प्रवेश से जुड़ी परीक्षा नीट-स्नातक (NEET) पेपर लीक मामले पर कांग्रेस और बीजेपी की अगुवाई वाली एनडीए सरकार के बीच तलवारें खिंच गई हैं। एक ओर जहां इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है, वहीं दूसरी ओर कांग्रेस लगातार बीजेपी और सरकार पर हमलावर है। कांग्रेस ने नीट परीक्षा में कथित धांधली को लेकर इसे व्यापम 2.0 करार दिया। पार्टी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस पर मूकदर्शक बने नहीं रह सकते। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि इस मामले की सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में फोरेंसिक जांच होनी चाहिए। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि मोदी सरकार और शिक्षा मंत्री व एनटीए ने नीट घोटाले की लीपापोती चालू कर दी है। उन्होंने इसे लेकर कई सवाल दागे।
खरगे ने पूछे तीखे सवाल
अगर नीट में पेपर लीक नहीं हुआ तो बिहार में 13 आरोपियों को पेपर लीक के चलते गिरफ्तार क्यों किया गया? क्या रैकेट में शामिल शिक्षा माफिया व संगठित गिरोह को पेपर के बदले 30-50 लाख रुपये तक के भुगतान का पटना पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने पर्दाफाश नहीं किया? गुजरात के गोधरा में नीट-स्नातक में धोखाधड़ी करने वाले रैकेट का भंडाफोड़ नहीं हुआ है? अगर मोदी सरकार के मुताबिक नीट में कोई पेपर लीक नहीं हुआ तो ये गिरफ़्तारियां क्यों हुई? इससे क्या निष्कर्ष निकला? क्या मोदी सरकार देश की जनता की आंखों में पहले धूल झोंक रही थी या अब?
खरगे ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने 24 लाख युवाओं के अरमानों का गला घोंटा है। उन्होंने दावा किया कि इन एक लाख सीटों (एमबीबीएस की) में से करीब 55,000 सरकारी कॉलेजों की सीट हैं जहां एससी, एसटी, ओबीसी और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के बच्चों के लिए सीटें आरक्षित होती हैं। मोदी सरकार ने एनटीए का दुरुपयोग कर स्कोर और रैंक की ज़ोरदार धांधली की है जिससे आरक्षित सीटों का कटऑफ भी बढ़ गया है। ऐसा लगता है कि गुणवान के छात्रों को रियायती दरों में सरकारी दाखिले से वंचित करने के लिए ग्रेस मार्क, पेपर लीक और धांधली का खेल खेला गया।
पवन खेड़ा ने बताया व्यापम 2.0
वहीं, कांग्रेस के मीडिया विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने आरोप लगाया कि ‘नीट घोटाला’ ‘व्यापम 2.0’ है जिस पर मोदी सरकार लीपापोती करना चाहती है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार को नीट घोटाले में सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में स्वतंत्र फोरेंसिक जांच का आदेश देना चाहिए। खेड़ा ने कहा कि कुछ भी गड़बड़ नहीं होने संबंधी शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान का बयान शर्मनाक और छात्रों के घावों नमक छिड़कने की तरह है। उन्होंने कहा, क्या यह सच नहीं है कि इस साल 67 टॉपर थे जिन्हें 720 पूर्णांक मिले? 2023 में यह संख्या सिर्फ दो थी। 2022 में कोई भी अभ्यर्थी पूरे अंक हासिल नहीं कर सका। 2021 में सिर्फ तीन उम्मीदवार ही यह स्कोर हासिल कर सके।
उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री मोदी हमेशा मूकदर्शक नहीं रह सकते। जब 24 लाख युवाओं का भविष्य दांव पर लगा है, तो वे चुप क्यों हैं? अगर मोदी सरकार का दावा है कि पूरी परीक्षा प्रक्रिया पारदर्शी है, तो उसे पिछले साल और इस साल 580 से अधिक अंक प्राप्त करने वाले छात्रों का पूरा परिणाम एनटीए द्वारा सार्वजनिक किया जाना चाहिए। 580 से अधिक अंक प्राप्त करने वाले छात्रों के केंद्रों को भी सार्वजनिक किया जाना चाहिए ताकि पता चल सके कि कितने छात्र अपने स्थान से दूर नीट परीक्षा देने आए थे।
प्रधान बोले, परीक्षार्थियों के हितों की रक्षा करेंगे
वहीं, इसे लेकर आज फिर शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान की सफाई सामने आई। प्रधान ने कहा, केंद्र सरकार नीट परीक्षार्थियों के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। मैं छात्रों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि उनकी सभी चिंताओं का निष्पक्षता और समता के साथ समाधान किया जाएगा। किसी भी छात्र को नुकसान नहीं होगा और किसी भी बच्चे का करियर खतरे में नहीं पड़ेगा।
नीट परीक्षा से संबंधित तथ्य माननीय सर्वोच्च न्यायालय के संज्ञान में हैं। केंद्र सरकार माननीय सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसार छात्रों की भलाई के लिए सभी आवश्यक कार्रवाई करेगी। नीट की काउंसलिंग प्रक्रिया जल्द ही शुरू होगी और इस दिशा में बिना किसी भ्रम के आगे बढ़ना जरूरी है।
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