Himachal Politics: सूबे की सियासी माथापच्ची सुलझाने में जुटी कांग्रेस, विक्रमादित्य को बता दिया पार्टी का फ्यूचर; पढ़ें इनसाइड स्टोरी
Inside Story: हिमाचल प्रदेश में बीते दिनों जबरदस्त सियासी उठापटक देखने को मिली। इस बीच विवाद को शांत करने में कांग्रेस जुट गई है। यही वजह है कि अब वीरभद्र सिंह के बेटे विक्रमादित्य को पार्टी का भविष्य बताया गया है। आपको इस पूरे विवाद की इनसाइड स्टोरी बताते हैं।
कांग्रेस ने हिमाचल में शुरू किया डैमेज कंट्रोल।
Himachal Pradesh News: हिमाचल प्रदेश कांग्रेस में उथल-पुथल अभी खत्म नहीं हुई है। राज्यसभा चुनाव में 6 विधायकों के बागी हो जाने के बाद भी लगातार कई और के भी नाराज होने की खबर है। हालांकि आलाकमान के सही समय पर एक्शन लेने के बाद सुक्खू सरकार बच तो गई, लेकिन अभी तक समन्वय समिति का गठन नहीं हो सका है। फिलहाल शांत पड़े राजनीतिक तूफान के बीच कांग्रेस हिमाचल में सब कुछ ठीक ठीक कर लेना चाहती है। टाइम्स नाउ नवभारत की पड़ताल में कुछ अहम बातें सामने आई हैं। आपको बताते हैं कि हिमाचल का विधानसभा सत्र खत्म होने के बाद से क्या-क्या हुआ?
विक्रमादित्य हिमाचल में कांग्रेस का भविष्य
वीरभद्र सिंह के बेटे और मौजूदा विधायक विक्रमादित्य लगातार प्रियंका गांधी के संपर्क में हैं। सोमवार को दिल्ली में हुई बैठक के बाद आलाकमान ने विक्रमादित्य को कहा कि वो हिमाचल में कांग्रेस का भविष्य हैं। दरअसल 6 विधायकों की सदस्यता जाने के बाद राज्य में कांग्रेस की सरकार सुरक्षित है, इसलिए अब पार्टी इस समय का इस्तेमाल सब कुछ सामान्य करने में कर रही है। विधानसभा चुनाव के नतीजे के ठीक बाद विक्रमादित्य और उनकी मां प्रतिभा सिंह ने पूरी कोशिश कि राज्य की कमान उनके हाथ में आए। लेकिन ऐसा न होने पर 14 महीने बाद राजा वीरभद्र के राजनीतिक उत्तराधिकारी का धैर्य टूट गया।
दबाव में सीएम नहीं बदलना चाहती थी कांग्रेस
राजसभा में क्रॉस वोटिंग के बाद कांग्रेस नेतृत्व ने डीके शिवकुमार और भूपिंदर हुड्डा को पर्यवेक्षक बनाकर भेजा। वहां पहुंचकर विधायकों की नाराजगी की बात पर्यवेक्षकों ने आलाकमान के सामने रखी थी। लेकिन साथ ही में ये भी कहा था कि अभी बीजेपी की साजिश के चलते और 6 अपने ही विधायकों के बागी होने के चलते सीएम बदलने से जनता के बीच संदेश ठीक नहीं जाएगा। ऐसे में ये तय हुआ कि लोकसभा चुनाव तक सुखविंदर सिंह सुक्खू को सीएम रहने दिया जाए। दूसरा पार्टी को ये भी पता है विक्रमादित्य के साथ ज्यादा विधायक नहीं हैं।
जल्द शिमला में लगेगी वीरभद्र सिंह की मूर्ति
हिमाचल प्रदेश में चल रहे राजनीतिक उठापटक के बीच जब विक्रमादित्य ने अपने मंत्री पद से इस्तीफा देने की बात कही थी, तब उन्होंने एक और मुद्दा उठाया था। प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान विक्रमादित्य ने आरोप लगाया कि जिन राजा वीरभद्र सिंह की विरासत को लेकर कांग्रेस ने हिमाचल प्रदेश में सत्ता में वापसी की उन्हीं की मूर्ति लगाने के लिए सरकार जगह तक नहीं दे रही है।
विक्रमादित्य सिंह को अभी भरोसा दिलाया गया है कि जल्द ही शिमला के रिज एरिया में पूर्व मुख्यमंत्री राजा वीरभद्र सिंह की भव्य मूर्ति लगाई जा सकती है, बशर्ते उनका परिवार कांग्रेस के साथ बना रहे। इसके अलावा प्रियंका गांधी ने विक्रमादित्य को पीडब्ल्यूडी मंत्रालय में फ्री हैंड देने का वादा किया है।
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