उच्च न्यायालय ने जिक्र किया कि कांग्रेस सहमत हुई है कि उसने कॉपीराइट का उल्लंघन किया है और वह अपने ट्विटर हैंडल से कंटेंट हटाने को तैयार हो गई। साथ ही उनका इस्तेमाल नहीं करेगी। (फाइल)
तस्वीर साभार : भाषा
कर्नाटक हाई कोर्ट (Karnataka HC) की एक खंड पीठ ने ‘आईएनसी इंडिया’ (INC India) और ‘भारत जोड़ो’ (Bharat Jodo) ट्विटर ‘हैंडल’ (Twitter Account) को ‘ब्लॉक’ करने से जुड़े एक निचली अदालत के आदेश को निरस्त कर दिया। मंगलवार (आठ नवंबर, 2022) को बेंच ने कहा कि यह एक ‘‘दंडनीय कार्य’’ है, जबकि कांग्रेस कॉपीराइट वाले म्यूजिक का इस्तेमाल कर बनाई गई 45 सेकंड की वीडियो क्लिप को बुधवार दोपहर तक अपने सभी सोशल मीडिया अकाउंट्स से हटाने के लिए राजी हो गई।
कोर्ट ने आदेश दिया कि पार्टी विवादित कंटेंट को हटाए जाने से पहले ट्विटर हैंडल और सभी सोशल मीडिया अकाउंट के ‘स्क्रीनशॉट’ (मोबाइल फोन के जरिये खींची गई तस्वीर) उपलब्ध कराए। बेंगलुरु शहरी जिले में एक कोर्ट ने एमआरटी स्टूडियोज की ओर से दायर एक वाद पर सोमवार को अपना आदेश जारी किया था। वाद में दावा किया गया था कि ‘केजीएफ चैप्टर2’ फिल्म की उसके कॉपीराइट वाली 45 सेकंड के गीत का इस्तेमाल कांग्रेस पार्टी ने ‘भारत जोड़ो’ के गाने में किया है।
जस्टिस जी नरेंद्र और जस्टिस पी एन देसाई की खंड पीठ ने मंगलवार शाम एक आपात सुनवाई के तहत कांग्रेस की याचिका पर विचार किया। वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी ने दलील दी कि यह मामला निचली अदालत के आदेश को पार्टी द्वारा चुनौती दिये जाने से संबद्ध है। अपील स्वीकार करते हुए, उच्च न्यायालय ने कहा, ‘‘अपील को सशर्त स्वीकार किया जाता है, जो अर्जी देने वाले (कांग्रेस) द्वारा अपने सोशल मीडिया अकाउंट से संबद्ध सामग्री हटाने पर निर्भर करेगा। यह आदेश वादी के कॉपीराइट की हिफाजत के लिए उसके द्वारा इस अदालत से कोई अनुरोध करने में आड़े नहीं आएगा।’’
इससे पहले, वरिष्ठ अधिवक्ता ने अपनी दलील में इस बात का जिक्र किया कि वाणिज्यिक अदालत (कर्मिशियल कोर्ट) के पास यह अंतरिम आदेश जारी करने की कोई वजह नहीं थी और इस पर रोक नहीं लगाये जाने पर ट्विटर पार्टी के अकाउंट के खिलाफ कार्रवाई कर देगा। उन्होंने दलील दी कि पार्टी एमआरटी के कॉपीराइट का उल्लंघन करने वाले 45 सेकंड के कथित क्लिप को हटाने के लिए तैयार है। उन्होंने अदालत से कहा कि 45 सेकंड के क्लिप के लिए ट्विटर अकाउंट ब्लॉक करना एक गुप्त इरादा रखता है।
सिंघवी ने खंड पीठ से कहा कि यह क्लिप ट्विटर हैंडल पर अक्टूबर से ही है, लेकिन कॉपीराइट धारक ने दो नवंबर को याचिका दायर की, जिस पर पांच नवंबर को सुनवाई हुई और निचली अदालत ने सात नवंबर को आदेश जारी किया। नोटिस जारी किये बगैर और कारण सुने बगैर आदेश जारी कर दिया गया। एमआरटी स्टूडियोज के अधिवक्ता ने दलील देते हुए कहा कि ब्लॉक करने का आदेश सही है।
उच्च न्यायालय ने इस बात का जिक्र किया कि कांग्रेस इस बात से सहमत हुई है कि उसने कॉपीराइट का उल्लंघन किया है और वह अपने ट्विटर हैंडल से सामग्री हटाने को तैयार हो गई तथा उनका उपयोग नहीं करेगी। उच्च न्यायालय ने कहा, ‘‘यह दंडनीय कार्य है।’’ अदालत ने कहा कि मुद्दे की जांच के लिए एक आयुक्त नियुक्त करना समय से पहले उठाया गया कदम था। उच्च न्यायालय ने कहा, ‘‘गलती स्वीकार कर लिये जाने पर, जांच करने का सवाल ही कहां रह जाता है? अगर आपने प्राथमिकी दर्ज कराई है, तो आयुक्त के रूप में एक तकनीकी विशेषज्ञ नियुक्त करने का सवाल कहां पैदा होता है? क्या आप आयुक्त से पुलिस का काम करना चाहते हैं?’’