गहलोत के सत्ता प्रेम ने गांधी परिवार के प्लान पर फेरा पानी ! रिमोट कंट्रोल की लड़ाई

गांधी परिवार के पिछले चार दशक से करीबी रहे अशोक गहलोत ने ऐन वक्त पर ऐसा झटका दिया है। जिसने कांग्रेस आलाकमान और उनकी टीम की सारी प्लानिंग को धता बता दिया है। आलाकमान भारत जोड़ो यात्रा और करीब 24 साल बाद अध्यक्ष पद का चुनाव कराने से जनता के बीच नया संदेश देना चाहता था। लेकिन गहलोत का सत्ता प्रेम इन सब पर भारी पड़ गया है।

मुख्य बातें
  • अशोक गहलोत का अध्यक्ष पद की रेस से बाहर होना करीब-करीब तय हो गया है।
  • राजस्थान में कांग्रेस आलाकमान के लिए सियासी संकट को रोकना भी चुनौती बना।
  • कमलनाथ, दिग्विजय सिंह जैसे नए नाम अध्यक्ष पद की रेस में आ सकते हैं।

Ashok Gehlot And Congress Crisis:अशोक गहलोत के ताजा विवाद ने गांधी परिवार को बड़ा झटका दे दिया है।भारत जोड़ो यात्रा और गांधी परिवार के अध्यक्ष पद का चुनाव नहीं लड़ने के फैसले बाद पार्टी के जो नेता, उत्साह से भरे थे, उन्हें अब कुछ सूझ नहीं रहा है। हालात यह है कि अशोक गहलोत का अध्यक्ष पद की रेस से बाहर होना करीब-करीब तय हो गया है। और अगर ऐसा होता है तो कांग्रेस पार्टी के लिए यह बड़ा झटका होगा। क्योंकि उसे न केवल नए सिरे से उम्मीदवार की तलाश करनी होगी, बल्कि पार्टी कार्यकर्ताओं को भी इस झटके से उबारना होगा। साथ ही राजस्थान के सियासी संकट को भी संभालना होगा।

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