कपिल सिब्बल ने मोहन भागवत के सद्भाव के आह्वान पर किया कटाक्ष किया, बोले- 'कौन सुन रहा है... मोदी?'

Kapil Sibal: पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने कहा कि मोहन भागवत का विजयादशमी पर संदेश। सभी त्योहारों को एक साथ मनाया जाना चाहिए.. सभी प्रकार के लोगों के बीच दोस्त होने चाहिए... भाषा विविध हो सकती है, संस्कृतियां विविध हो सकती हैं, भोजन विविध हो सकता है लेकिन दोस्ती... उन्हें एक साथ लाएगी। कौन सुन रहा है? मोदी? अन्य?"

RSS प्रमुख मोहन भागवत पर पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने साधा निशाना

Mohan Bhagwat: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के विजयादशमी भाषण पर कटाक्ष करते हुए राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने पूछा कि उनकी टिप्पणियों को कौन सुन रहा है। शनिवार को अपने विजयादशमी भाषण के दौरान, मोहन भागवत ने कहा कि एक स्वस्थ और सक्षम समाज के लिए पहली शर्त समाज के विभिन्न वर्गों के बीच सामाजिक सद्भाव और आपसी सद्भावना है। उन्होंने आगे कहा कि यह कार्य केवल कुछ प्रतीकात्मक कार्यक्रमों के आयोजन से नहीं बल्कि व्यक्तिगत और पारिवारिक स्तर पर सौहार्द विकसित करने की पहल करके पूरा किया जा सकता है।

कपिल सिब्बल ने मोहन भागवत पर कसा तंज

एक्स पर बात करते हुए, पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने कहा कि मोहन भागवत का विजयादशमी पर संदेश। सभी त्योहारों को एक साथ मनाया जाना चाहिए.. सभी प्रकार के लोगों के बीच दोस्त होने चाहिए... भाषा विविध हो सकती है, संस्कृतियां विविध हो सकती हैं, भोजन विविध हो सकता है लेकिन दोस्ती... उन्हें एक साथ लाएगी। कौन सुन रहा है? मोदी? अन्य?"

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने भी साधा निशाना

इससे पहले, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने भी भागवत की टिप्पणी की आलोचना करते हुए कहा कि आरएसएस उस पार्टी का समर्थन करता है जो देश में फूट डालना चाहती है। भागवत ने कहा कि भारत का राष्ट्रीय जीवन सांस्कृतिक एकता की मजबूत नींव पर खड़ा है और देश का सामाजिक जीवन महान मूल्यों से प्रेरित और पोषित है। आरएसएस प्रमुख ने सांस्कृतिक परंपराओं के लिए डीप स्टेट, वोकिज्म और कल्चरल मार्क्सिस्ट द्वारा उत्पन्न खतरों का उल्लेख करते हुए कहा कि मूल्यों और परंपराओं का विनाश इस समूह की कार्यप्रणाली का एक हिस्सा है। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि ऐसे समूहों का पहला कदम समाज की संस्थाओं पर कब्जा करना है।
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