'व्यापम का राष्ट्रीय स्वरूप है NEET घोटाला...', कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने सरकार पर साधा निशाना

NEET UG Exam 2024: कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कहा कि जून 2024 को जब NEET परीक्षा का रिजल्ट आता है तो 67 छात्रों को 720 में से पूरे 720 अंक कैसे मिल गये? जबकि 720 में से 720 अंक पाने वाले छात्र वर्ष 2020 में सिर्फ 2, वर्ष 2021 में 3, वर्ष 2022 में 0, वर्ष 2023 में भी सिर्फ 2 थे।

Digvijay Singh

दिग्विजय सिंह

NEET UG Exam 2024: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने नीट परीक्षा में हुई कथित धांधली को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। दिग्विजय सिंह ने मध्य प्रदेश के व्यापम घोटाले से तुलना करते हुए इसे व्यापम का राष्ट्रीय स्वरूप करार दिया। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफार्म 'एक्स' पर सरकार से कई तीखे सवाल भी पूछे हैं। दिग्विजय सिंह ने कहा, NEET (यूजी)-2024 में हुआ घोटाला अत्यंत गंभीर है। यह मध्यप्रदेश में हुये व्यापम घोटाले का ही विकराल राष्ट्रीय स्वरूप है जो राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी NTA की कार्यप्रणाली पर न सिर्फ संदेह पैदा करता है बल्कि उसे दोषपूर्ण और भ्रष्टाचार से युक्त भी दर्शाता है।
दिग्विजय सिंह ने आगे कहा कि फरवरी 2024 में संसद में 'द पब्लिक एग्जामिनेशन बिल 2024' पारित होने और इस संबन्ध में कठोर कानून बनने के बावजूद मेडीकल कॉलेज में प्रवेश के लिये आयोजित NEET जैसी बड़ी परीक्षा में NTA द्वारा राष्ट्रव्यापी घोटाला किया जाना सरकार और परीक्षा एजेंसी की समस्त विश्वसनीयता पर सवाल खड़े करता है। इस दौरान उन्होंने सरकार से कई सवाल करते हुए जवाब भी मांगा।

दिग्विजय सिंह ने पूछे ये 13 सवाल

1. जब 5 मई 2024 को NEET की परीक्षा थी तो 4 मई को ही पटना में इसका पेपर कैसे लीक हो गया तथा 6 मई को पटना में पकड़े गये लोगो पर FIR दर्ज होने के बाद सरकार ने कोई कदम क्यों नही उठाया?
2. NTA ने इस परीक्षा के रजिस्ट्रेशन की तारीख 9 फरवरी 2024 से 9 मार्च 2024 तय की थी। फिर इस तारीख को 16 मार्च तक बढ़ाया गया। फिर क्या कारण था कि 10 अप्रैल को एक दिन के लिये फिर से ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन विंडो को खोला गया?
3. 6 मई को उत्तरप्रदेश के एक अखबार में छपी यह खबर कि छात्रों ने पैसा इकट्ठा करके 60 करोड़ में NEET का प्रश्नपत्र खरीदा था, इसके बाद भी NTA ने 6 मई 2024 को प्रेस नोट जारी करके इन खबरों पर संज्ञान लेने की बजाय इन्हें निराधार कैसे बता दिया?
4. जून 2024 को जब इस परीक्षा का रिजल्ट आता है तो 67 छात्रों को 720 में से पूरे 720 अंक कैसे मिल गये जबकि 720 में से 720 अंक पाने वाले छात्र वर्ष 2020 में सिर्फ 2, वर्ष 2021 में 3, वर्ष 2022 में 0, वर्ष 2023 में भी सिर्फ 2 थे। पिछले वर्ष की तुलना में टॉपर्स ऑल इंडिया रेंक-1 की संख्या में 5625 प्रतिशत की वृद्धि कैसे हुई? क्या यह अप्रत्याशित नही है?
5. प्रश्नों के दो तरह के उत्तर होने के विवाद को लेकर 1563 छात्र कोर्ट गये और उन्हें ग्रेस अंक दिये गये। तो क्या जो छात्र कोर्ट नही जा सके उनके साथ अन्याय नही हुआ?
6. हरियाणा के झज्झर स्थित एक ही परीक्षा केन्द्र के 8 छात्रों ने कैसे इस परीक्षा में 720 में से 720 अंक हासिल कर लिये? जबकि इनमें से एक छात्र तो 12 वीं की परीक्षा में अनुत्तीर्ण हो गया? इस केन्द्र के इन सभी टॉपर्स के नाम में सरनेम क्यों नही है?
7. झारखण्ड के हजारीबाग स्थित एक परीक्षा केन्द्र पर बिहार पुलिस ने अनियमितता होने का संदेह होने पर जॉंच की थी और एनटीए ने पेपर लीक होने से इंकार किया था तो फिर इस परीक्षा केन्द्र के एक साथ 8 छात्रों को भी 720 में से 720 अंक कैसे मिल गये? और इसी केन्द्र के कुछ छात्रों को 716, 718 और 719 अंक कैसे आ गये?
8. जिन छात्रों को 718 और 719 अंक मिले है वो किस फार्मूले के तहत मिले है क्योंकि स्थापित फार्मूले के अनुसार यदि कोई छात्र एक प्रश्न गलत हल करता है तो उसके उस प्रश्न के लिये निर्धारित 4 अंक कम हो जाते है तथा 1 अंक की माइनस मार्किंग होती है अर्थात उसे एक प्रश्न गलत होने पर अधिकतम 715 अंक ही मिल सकते है।
9. ओडिशा, कर्नाटक और झारखण्ड के छात्रों ने गुजरात का गोधरा सेंटर चुना था। पेपर एक दिन पहले टेलीग्राम पर लीक हो गया था। इसके साक्ष्य मौजूद होने के बावजूद NTA ने कोई भी गड़बड़ी होने से क्यों इंकार कर दिया?
10. गुजरात के इंटरनेशनल एजुकेशन कन्सल्टेंट के माध्यम से छात्रों द्वारा 20 से 25 लाख रूपये की रिश्वत देने के आरोप पर सरकार ने संज्ञान क्यों नही लिया?
11. राजस्थान के सवाई माधौपुर के एक परीक्षा केन्द्र में हिन्दी माध्यम के छात्रों को अंग्रेजी माध्यम का प्रश्नपत्र क्यों दिया गया?
12. माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने NEET की पवित्रता पर सवाल खड़े किये है तथा आज ग्रेस अंक पाने वाले 1563 छात्रों की 23 जून 2024 को पुनः परीक्षा कराने के आदेश दिये है। इससे उन छात्रों को लाभ नही होगा जो कोर्ट नही जा सके है।
13. मेरी इसमें मॉंग है कि पूरी परीक्षा को निरस्त करके इसे यथाशीघ्र आयोजित की जानी चाहिए तथा संसद में पारित नये कानून के तहत इस प्रकरण की संपूर्ण निष्पक्ष जॉच होनी चाहिए और दोषियों कठोरतम दण्ड दिया जाना चाहिए।
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प्रांजुल श्रीवास्तव author

मैं इस वक्त टाइम्स नाउ नवभारत से जुड़ा हुआ हूं। पत्रकारिता के 8 वर्षों के तजुर्बे में मुझे और मेरी भाषाई समझ को गढ़ने और तराशने में कई वरिष्ठ पत्रक...और देखें

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