ED की चार्जशीट में पहली बार प्रियंका गांधी वाड्रा का भी नाम, जानिए क्या है पूरा मामला

Priyanka Gandhi Name in ED Charge Sheet: ईडी ने मामले से संबंधित अपने पहले आरोपपत्र में थंपी के कथित करीबी सहयोगी के रूप में रॉबर्ट वाड्रा का नाम शामिल किया है।

Priyanka Gandhi Vadra

प्रियंका गांधी

Priyanka Gandhi Name in ED Charge Sheet: पहली बार प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने अपने आरोप पत्र में कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी के नाम का जिक्र किया है। चार्ज शीट में 2006 में दिल्ली स्थित रियल एस्टेट एजेंट एचएल पाहवा से हरियाणा के फरीदाबाद में 40 कनाल (पांच एकड़) की कृषि भूमि खरीदने में उनकी भूमिका का जिक्र किया गया है। ईडी के अनुसार, यह जमीन फरीदाबाद के अमीपुर गांव में पाहवा से खरीदी गई थी। बाद में उन्होंने वही जमीन फरवरी 2010 में पाहवा को बेच दी। इसी एजेंट पाहवा से प्रियंका के पति रॉबर्ट वाड्रा ने भी 2005-2006 में 334 कनाल (40.08 एकड़) जमीन के तीन टुकड़े खरीदे थे। वाड्रा ने दिसंबर, 2010 में पाहवा को वही जमीन वापस बेच दी थी। हालांकि, दोनों को अभी तक औपचारिक रूप से आरोपी नहीं बनाया गया है।

एजेंट पाहवा से वाड्रा का कनेक्शन

एजेंट पाहवा वही शख्स है, जिसने एनआरआई कारोबारी सीसी थंपी को भी जमीन बेची थी। इस मामले में भगोड़ा हथियार डीलर संजय भंडारी भी शामिल है, जिसके खिलाफ मनी-लॉन्ड्रिंग, विदेशी मुद्रा और काले धन कानूनों के उल्लंघन और आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम के लिए कई एजेंसियां जांच कर रही हैं। वह 2016 में भारत से ब्रिटेन भाग गया था। थंपी पर ब्रिटिश नागरिक सुमित चड्ढा के साथ मिलकर भंडारी को अपराध की कमाई छिपाने में मदद करने का आरोप लगाया गया है। ईडी ने मामले से संबंधित अपने पहले आरोपपत्र में थंपी के कथित करीबी सहयोगी के रूप में रॉबर्ट वाड्रा का नाम शामिल किया है।
ताजा आरोप-पत्र में यह जिक्र किया गया है कि पाहवा को भूमि अधिग्रहण के लिए बही-खातों से नकदी मिल रही थी। इसके मुताबिक, रॉबर्ट वाड्रा ने पाहवा को बिक्री का पूरा भुगतान नहीं किया। इस संबंध में ईडी की जांच अभी भी जारी है। हालांकि, इस लेनदेन को दर्शाने वाले पाहवा के बही खातों की कॉपी 17 नवंबर, 2023 के पत्र के माध्यम से रिकॉर्ड में ली गई थी।

ऐसे जुड़ा रॉबर्ड वाड्रा का नाम

चार्जशीट में यह बताया गया है कि रॉबर्ट वाड्रा ने 1 नवंबर, 2007 और 16 नवंबर, 2007 को भारत में स्काई लाइट हॉस्पिटैलिटी प्राइवेट लिमिटेड और स्काई लाइट रियल्टी प्राइवेट लिमिटेड के नाम से कंपनी शामिल कीं। इन्हें कॉर्पोरेट मंत्रालय की वेबसाइट से डाउनलोड किया गया है। जबकि, संयुक्त अरब अमीरात में स्काई लाइट इन्वेस्टमेंट एफजेडई (FZE) नाम की कंपनी को 1 अप्रैल, 2009 को सीसी थंपी के साथ इसके एकमात्र शेयरधारक के रूप में शामिल किया गया था।

कंपनी को एलएलपी में बदला

आरोप-पत्र में यह भी जिक्र किया गया है कि रॉबर्ट वाड्रा ने 1 नवंबर, 2007 को भारत में ब्लवे ब्रीज ट्रेडिंग प्राइवेट लिमिटेड (Blve Breeze Trading Pvt Ltd) नाम से एक कंपनी बनाई, जिसे बाद में एलएलपी में बदल दिया गया। इस कंपनी की ईमेल आईडी हमेशा bivebreezetrading@zmall.com ic रही है। यह एक प्राइवेट लिमिटेड इकाई थी और बाद में जब यह एलएलपी में बदल गई। इन इकाइयों के निगमन दस्तावेज कॉर्पोरेट मामलों की मंत्रालय की वेबसाइट से डाउनलोड किए गए थे। यह वही ईमेल आईडी है जिस पर दुबई में सीसी थंपी की कर्मचारी बीना, 12 ब्रायनस्टन स्क्वायर, लंदन की संपत्ति के संबंध में बातचीत करती थी।

लंदन में संपत्ति खरीदने का भी जिक्र

ईडी ने मंगलवार को एक बयान में लंदन में एक संपत्ति की खरीद के संबंध में रॉबर्ट वाड्रा का भी जिक्र किया था जो जांच का हिस्सा है। जनवरी 2020 में गिरफ्तार किए गए थंपी ने कथित तौर पर ईडी को बताया कि वह वाड्रा को 10 साल से अधिक समय से जानता है और वे वाड्रा की यूएई के साथ-साथ दिल्ली की यात्राओं के दौरान कई बार मिले थे। (ANI)
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अमित कुमार मंडल author

करीब 18 वर्षों से पत्रकारिता के पेशे से जुड़ा हुआ हूं। इस दौरान प्रिंट, टेलीविजन और डिजिटल का अनुभव हासिल किया। कई मीडिया संस्थानों में मिले अनुभव ने ...और देखें

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