राहुल के चेहरे पर तंज और गुस्सा दोनों, बोले-गांधी हूं सावरकर नहीं, किसी से नहीं डरता
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर टिप्पणी किए जाने के एक मानहानि मामले में राहुल गांधी को दो साल की सजा सुनाई गई है। उनकी संसद सदस्यता भी रद्द कर दी गई है। इसके बाद कांग्रेस नेता ने प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया।
राहुल गांधी ने कहा, मैंने कई बार बोला है कि हिन्दुस्तान में लोकतंत्र पर आक्रमण हो रहा है। इसके हमें रोज नए-नए उदाहरण मिल रहे हैं। मैंने संसद में सबूत दिए, अडानी और PM मोदी के रिश्ते के बारे में बोला। मैंने स्पीकर को डिटेल चिट्ठी लिखी। प्वाइंट बाई प्वाइंट। मैंने कहा, अडानी जी को नियम बदल कर एयरपोर्ट दिए गए, लेकिन कुछ नहीं हुआ। मेरे खिलाफ मंत्रियों ने झूठ बोला कि मैंने विदेशी ताकतों से मदद मांगी है। मैंने स्पीकर सर से कहा, संसद का नियम है कि अगर कोई सांसद पर आरोप लगाता है, तो सांसद को जवाब देने का हक है। मैंने चिट्ठी लिखी, उसका जवाब नहीं आया। मैं स्पीकर के रूम में गया। कहा, मुझे आप बोलने क्यों नहीं दे रहे हैं, वो मुस्कुराए कहा, मैं कुछ नहीं कर सकता।
मैं सवाल पूछता रहूंगा राहुल गांधी ने कहा, मैं सवाल पूछने से पीछे नहीं हटूंगा। मैं फिर पूछता हूं कि 20 हजार करोड़ रुपये किसके हैं और अडानी का मोदी जी के साथ क्या रिश्ता है? अगर इनको लगता है कि मेरी सदस्यता रद्द करके, डराकर, धमकाकर, जेल भेजकर मुझे बंद कर सकते हैं, तो मुझे किसी चीज से डर नहीं लगता। उन्होंनें कहा, मैं हिंदुस्तान के लोकतंत्र के लिए लड़ रहा हूं, और लड़ता रहूंगा।
देखें राहुल गांधी की लाइव प्रेस कॉन्फ्रेंस-
राहुल 'राग' के कुछ अंश- सदन में अगला भाषण लिहाजा डर कर सरकार ने अयोग्य घोषित किया।
- अगर स्थाई तौर पर अयोग्य घोषित करें तो भी सवाल पूछते रहेंगे।
- मोदी के इशारे पर ध्यान भटकाने की कोशिश।
- देश में लोकतंत्र पर आक्रमण हो रहा है।
- स्पीकर से कहा कि कैंब्रिज में यह नहीं कहा कि लोकतंत्र खतरे में है।
- संसद में सबूत देकर अपनी बात रखी।
- संसद में मेरे बारे में झूठ बोला गया।
- अडानी को लेकर सवाल पूछता रहूंगा।
- देश के लोकतंत्र को बचाए रखने के लिए हर मुमकिन कोशिश करुंगा।
- अयोग्यता मेरे लिए मतलब नहीं रखता, मैं डरता नहीं।
- गांधी किसी से माफी नहीं मांगते, वो सावरकर नहीं है।
23 मार्च को सुनाई गई थी सजा बता दें, 23 मार्च को सूरत की एक अदालत ने राहुल गांधी को मानहानि के मामले में दो साल की सजा सुनाई थी। इसके अलगे ही दिन यानी 24 मार्च को राहुल गांधी की संसद सदस्यता को रद्द कर दिया गया। इस फैसले के बाद राहुल गांधी अगले आठ साल तक चुनाव नहीं लड़ सकेंगे।
कांग्रेस के साथ विपक्ष भी मुखरराहुल गांधी को लेकर संसद के फैसले पर कांग्रेस से लेकर विपक्ष भी मुखर है। कांग्रेस ने जहां इस फैसले को लेकर भाजपा व केंद्र सरकार की आलोचना भी की है, तो विपक्षी पार्टियों का साथ भी राहुल गांधी को मिला है। आम आदमी पार्टी के अरविंद केजरीवाल, ममता बनर्जी, अखिलेश यादव, उद्धव ठाकरे और तेजस्वी यादव ने केंद्र सरकार पर हमला बोला है।
राहुल ने दी थी प्रतिक्रियासूरत कोर्ट द्वारा दोषी करान दिए जाने के बाद राहुल गांधी ने अपनी पहली प्रतिक्रिया दी थी, उन्होंने कहा था कि वह कोई भी कीमत चुकाने के लिए तैयार हैं। राहुल गांधी ने शुक्रवार को ट्वीट कर कहा था, मैं भारत की आवाज के लिए लड़ रहा हूं, मैं कोई भी कीमत चुकाने के लिए तैयार हूं।
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मैं इस वक्त टाइम्स नाउ नवभारत से जुड़ा हुआ हूं। पत्रकारिता के 8 वर्षों के तजुर्बे में मुझे और मेरी भाषाई समझ को गढ़ने और तराशने में कई वरिष्ठ पत्रक...और देखें
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