खुलेआम SC, ST और OBC वर्ग का आरक्षण छीना जा रहा है- राहुल गांधी का लेटरल एंट्री को लेकर केंद्र पर बड़ा हमला

राहुल गांधी ने लेटरल एंट्री को लेकर मोदी सरकार पर हमला बोला है। केंद्र सरकार ने लेटरल एंट्री के माध्यम से 45 विशेषज्ञों की विभिन्न केंद्रीय मंत्रालयों में संयुक्त सचिव, निदेशक और उपसचिव जैसे प्रमुख पदों पर नियुक्ति करने की घोषणा की।

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राहुल गांधी ने आरक्षण को लेकर बोला बीजेपी पर हमला

मुख्य बातें
  • राहुल गांधी ने आरक्षण को लेकर मोदी सरकार को घेरा
  • राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर लगाए कई गंभीर आरोप
  • राहुल गांधी ने आरएसएस को भी घेरा

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आरक्षण को लेकर बीजेपी पर बड़ा हमला बोला है। आईएएस में लेटरल एंट्री को लेकर राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर निशाना साधा है। राहुल गांधी ने कहा कि ‘IAS का निजीकरण’ आरक्षण खत्म करने की ‘मोदी की गारंटी’ है।

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'राष्ट्र विरोधी कदम'

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने रविवार को ‘लेटरल एंट्री’ के जरिये लोक सेवकों की भर्ती करने के सरकार के कदम को राष्ट्र विरोधी कदम करार दिया और आरोप लगाया कि इस तरह की कार्रवाई से अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग का आरक्षण खुलेआम छीना जा रहा है। पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ‘‘संघ लोक सेवा आयोग के बजाय राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के माध्यम से लोक सेवकों की भर्ती करके संविधान पर हमला कर रहे हैं।’’

राहुल गांधी ने क्यों साधा निशाना

राहुल गांधी ने ऐसे समय में यह हमला बोला है जब एक दिन पहले ही केंद्र सरकार ने ‘लेटरल एंट्री’ के माध्यम से 45 विशेषज्ञों की विभिन्न केंद्रीय मंत्रालयों में संयुक्त सचिव, निदेशक और उपसचिव जैसे प्रमुख पदों पर नियुक्ति करने की घोषणा की। आमतौर पर ऐसे पदों पर अखिल भारतीय सेवाओं - भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस), भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) और भारतीय वन सेवा (आईएफओएस) - और अन्य ‘ग्रुप ए’ सेवाओं के अधिकारी तैनात होते हैं।

राहुल गांधी का संघ पर भी निशाना

राहुल गांधी ने एक्स पर लिखा- नरेंद्र मोदी संघ लोक सेवा आयोग की जगह ‘राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ’ के ज़रिए लोकसेवकों की भर्ती कर संविधान पर हमला कर रहे हैं। केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों में महत्वपूर्ण पदों पर लेटरल एंट्री के ज़रिए भर्ती कर खुलेआम SC, ST और OBC वर्ग का आरक्षण छीना जा रहा है। मैंने हमेशा कहा है कि टॉप ब्यूरोक्रेसी समेत देश के सभी शीर्ष पदों पर वंचितों का प्रतिनिधित्व नहीं है, उसे सुधारने के बजाय लेटरल एंट्री द्वारा उन्हें शीर्ष पदों से और दूर किया जा रहा है। यह UPSC की तैयारी कर रहे प्रतिभाशाली युवाओं के हक़ पर डाका और वंचितों के आरक्षण समेत सामाजिक न्याय की परिकल्पना पर चोट है। ‘चंद कॉरपोरेट्स’ के प्रतिनिधि निर्णायक सरकारी पदों पर बैठ कर क्या कारनामे करेंगे इसका ज्वलंत उदाहरण SEBI है, जहां निजी क्षेत्र से आने वाले को पहली बार चेयरपर्सन बनाया गया। प्रशासनिक ढांचे और सामाजिक न्याय दोनों को चोट पहुंचाने वाले इस देश विरोधी कदम का INDIA मजबूती से विरोध करेगा। ‘IAS का निजीकरण’ आरक्षण खत्म करने की ‘मोदी की गारंटी’ है।

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शिशुपाल कुमार author

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