कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव के बाद भी गांधी फैमिली के पास रहेगी कमान? खड़गे ने दिए संकेत, कहा- सलाह लेने में शर्म न करूंगा

Congress President Election 2022: कर्नाटक से राज्यसभा सदस्य खड़गे ने अपने प्रचार अभियान के तहत प्रदेश के कुछ कांग्रेस नेताओं से मुलाकात की। पार्टी अध्यक्ष चुनाव में उनका मुकाबला तिरुवनंतपुरम के सांसद शशि थरूर से है, जिसके नतीजे 19 अक्टूबर, 2022 को घोषित किए जाएंगे। वैसे, खड़गे ने चुनाव में अपने प्रतिद्वंद्वी थरूर या उनके अभियान पर कोई सीधी टिप्पणी करने से परहेज किया और केवल इतना कहा कि समर्थन मांगते समय हर किसी को अपनी योग्यता के बारे में बोलने का अधिकार है।

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कांग्रेस की अतंरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ बेटे राहुल गांधी।

तस्वीर साभार : टाइम्स नाउ ब्यूरो

Congress President Election 2022: कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव के बाद पार्टी में असल में किसकी चलेगी? फिलहाल यह तो साफ नहीं हो पाया है। मगर सीनियर नेता और इस पद के लिए तगड़े दावेदार मल्लिकार्जुन खड़ने ने कुछ ऐसे संकेत दिए हैं, जिनसे समझा जा सकता है कि कांग्रेस में आगे गांधी फैमिली की सबसे पहले मानी और सुनी जाएगी। ऐसा इसलिए, क्योंकि रविवार (16 अक्टूबर, 2022) को खड़गे ने कहा कि अगर वह अध्यक्ष बनते हैं तो उन्हें पार्टी के मामलों में गांधी परिवार की सलाह और सहयोग लेने में कोई शर्म नहीं होगी। उस परिवार ने संघर्ष किया है और पार्टी के विकास में अपनी ताकत लगाई है।

सीनियर नेता के मुताबिक, वह 17 अक्टूबर को होने वाले कांग्रेस के सर्वोच्च पद के लिए चुनाव में ‘‘प्रतिनिधियों के उम्मीदवार’’ हैं। दरअसल, खड़गे से उन चर्चाओं के बारे में सवाल हुआ था कि उनके अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) अध्यक्ष बनने पर ‘रिमोट कंट्रोल’ गांधी परिवार के पास होगा? उन्होंने जवाब दिया, ‘‘वे (विपक्षी दल) ऐसी बातें कहते रहते हैं क्योंकि कहने के लिए और कुछ नहीं है। भाजपा इस तरह के अभियान में शामिल है और अन्य लोग इसका अनुसरण करते हैं। सोनिया गांधी ने संगठन में 20 साल तक काम किया है। राहुल गांधी भी अध्यक्ष थे। उन्होंने पार्टी के लिए संघर्ष किया है और इसकी उन्नति के लिए अपनी ताकत लगाई है।’’

पत्रकारों से वह आगे बोले, ‘‘सिर्फ इसलिए कि हम (कांग्रेस) कुछ चुनाव हार गए, ऐसा कहना (गांधी परिवार के खिलाफ) सही नहीं है। उन्होंने इस देश के लिए अच्छा किया है, उनकी सलाह से पार्टी को फायदा होगा, इसलिए मैं उनकी सलाह और सहयोग जरूर मांगूंगा। इसमें कोई शर्म की बात नहीं है। अगर आपकी (मीडिया) सलाह से कुछ फायदा होता है, तो मैं इसे भी लूंगा। उन्होंने इस पार्टी के लिए काम किया है और उनकी सलाह लेना मेरा कर्तव्य है।’’

बकौल कांग्रेस नेता, ‘‘सोनिया और राहुल गांधी देश के कोने-कोने को जानते हैं कि कौन कहां है और कौन पार्टी के लिए क्या कर सकता है। पार्टी में एकता के लिए क्या करना होगा, मुझे सीखना होगा और मैं करूंगा।’’ वैसे, खड़गे ने चुनाव में अपने प्रतिद्वंद्वी थरूर या उनके अभियान पर कोई सीधी टिप्पणी करने से परहेज किया और केवल इतना कहा कि समर्थन मांगते समय हर किसी को अपनी योग्यता के बारे में बोलने का अधिकार है, जैसे वह पार्टी के जमीनी स्तर के साथ अपने जुड़ाव को रेखांकित कर रहे हैं।

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अभिषेक गुप्ता author

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