RSS के गढ़ में शक्ति प्रदर्शन को कांग्रेस तैयार, स्थापना दिवस पर 2024 की यही से भरेगी हुंकार; समझें- पूरा प्लान

कांग्रेस के इस कदम को राजनीतिक परिपेक्ष्य में एक लाइन में समझना चाहें तो पार्टी लोकसभा चुनाव का बिगुल आरएसएस के गढ़ से फूंकना चाहती है।

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तस्वीर का इस्तेमाल सिर्फ प्रस्तुतिकरण के लिए किया गया है। (फाइल)

तस्वीर साभार : टाइम्स नाउ ब्यूरो
देश के सबसे पुराने सियासी दल कांग्रेस को भले ही हाल में हुए पांच सूबों के चुनावी नतीजों से बड़े अच्छे संकेत न मिले हों, फिर भी राजनीतिक मोर्चे पर उसका मनोबल कम होता नहीं दिख रहा है। पंजे के निशान वाली पार्टी की अब निगाहें साल 2024 के लोकसभा चुनाव पर हैं। कांग्रेस ने इसी के तहत अपने चुनावी बिगुल को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के गढ़ नागपुर (महाराष्ट्र) से फूंकने का प्लान बनाया है।
रोचक बात है कि कांग्रेस इस चीज का शंखनाद अपने स्थापना दिवस यानी कि 28 दिसंबर के मौके पर करेगी। हालांकि, पार्टी का असल इरादा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) से लोहा लेने के साथ दिल्ली की गद्दी हथियाने की कोशिश भी रहेगा। ऐसा माना जा रहा है कि नागपुर में कांग्रेस के स्थापना दिवस पर होने वाली इस बड़ी रैली में पार्टी की पूर्व अंतरिम चीफ सोनिया गांधी, मौजूदा पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के अलावा दल के और क़द्दावर नेता शरीक होंगे।
सियासी गलियारों में इस इवेंट को कांग्रेस पार्टी का बड़ा शक्ति प्रदर्शन माना जा रहा है। पार्टी सांसद और संगठन महासचिव के.सी.वेणुगोपाल ने इस बारे में टाइम्स नाऊ नवभारत को बताया है- नागपुर में इस दौरान एक रैली में निकलेगी, जिसमें 10 लाख से अधिक लोगों के हिस्सा लेने की संभावना है। रैली में खड़गे के अलावा सोनिया और राहुल का संबोधन होगा।

...तो कांग्रेस के कदम के पीछे यह है वजह?

कांग्रेस के लिए नागपुर नया सियासी ठीया नहीं है। पार्टी का पहला अधिवेशन इसी शहर में हुआ था। साथ ही कांग्रेस के अध्यक्ष चुनने में डॉ.हेडगेवर की अहम भूमिका रही थी। चूंकि, पार्टी की स्थापना 1885 में महाराष्ट्र के मंबई में हुई थी। ऐसे में पार्टी के सभी नेता पहले मुंबई में ही स्थापना दिवस पर एक बड़ी रैली का आयोजन करने जा रहे थे, पर अब बाद में नागपुर को चुना गया।
नागपुर में कार्यक्रम के पीछे की असल वजह कर्नाटक, तेलंगाना, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की भौगोलिक स्थिति बताई जा रही है। यह भी बताया गया कि इवेंट के लोकेशन पर कार्यकर्ताओं के लिए आसान रहेगा। हालांकि, कांग्रेस इस रैली से 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव का बिगुल फूंकना चाहती है।
वैसे, पार्टी के सीनियर नेताओं की ओर से कहा गया है कि यह पार्टी का औपचारिक कार्यक्रम है, इसलिए इसे लोकसभा चुनाव से जोड़ कर देखना ठीक नहीं होगा। बता दें कि इस प्रोग्राम से पहले 19 दिसंबर, 2023 को विपक्षी गठजोड़ इंडिया की बैठक भी है।
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रंजीता झा author

13 साल के राजनीतिक पत्रकारिता के अनुभव में मैंने राज्य की राजधानियों से लेकर देश की राजधानी तक सियासी हलचल को करीब से देखा है। प्लांट की गई बातें ख़बरे...और देखें

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