EVM के मुद्दे पर उमर अब्दुल्ला ने दिया राहुल गांधी को बड़ा झटका, कहा- रोना बंद करे कांग्रेस, परिणाम को करे स्वीकार
जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव में नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस गठबंधन में चुनाव लड़ी थी। गठबंधन तो जीता था, लेकिन कांग्रेस का प्रदर्शन खराब रहा था, जिसके बाद से दोनों पार्टियों में खटपट है, कांग्रेस सरकार में भी शामिल नहीं हुई है।
जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला
मुख्य बातें
- ईवीएम पर कांग्रेस से अलग हुई नेशनल कांफ्रेंस
- नेशनल कांफ्रेंस नेता उमर अब्दुल्ला ने कांग्रेस को घेरा
- कांग्रेस और सपा ईवीएम को लेकर है आक्रमक
कांग्रेस और इंडिया गठबंधन के कई नेता ईवीएम में धांधली को लेकर काफी मुखर रहे हैं, कई बार चुनाव आयोग के पास शिकायत भी कर चुके हैं, लेकिन इस मामले पर अब कांग्रेस की सहयोगी पार्टी नेशनल कांफ्रेंस ने बड़ा झटका दे दिया है। जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने ईवीएम के मुद्दे पर कांग्रेस को कहा कि वो रोना बंद कर परिणाम को स्वीकार करे।
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कांग्रेस पर उमर अब्दुल्ला के तीखे बोल
जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने अपने महत्वपूर्ण सहयोगी के साथ टकराव के एक और मुद्दे को छेड़ते हुए कांग्रेस पार्टी की ईवीएम पर आपत्ति को खारिज किया और एक तरह से भाजपा के रुख को दोहराते हुए कहा कि ऐसा नहीं हो सकता कि जब आप चुनाव जीतें तो परिणाम स्वीकार कर लें और जब हार जायें तो ईवीएम पर दोष मढ़ दें। उमर अब्दुल्ला ने पीटीआई से कहा- ‘‘जब इसी ईवीएम के इस्तेमाल से संसद में आपके सौ से अधिक सदस्य पहुंच जाते हैं और आप इसे अपनी पार्टी के लिए जीत का जश्न मनाते हैं, तो आप कुछ महीने बाद पलटकर यह नहीं कह सकते कि... हमें ये ईवीएम पसंद नहीं हैं क्योंकि अब चुनाव के परिणाम उस तरह नहीं आ रहे हैं जैसा हम चाहते हैं।’’
भाजपा प्रवक्ता की लाइन पर क्या बोले अब्दुल्ला
यह कहे जाने पर कि वह भाजपा के एक ‘प्रवक्ता’ की तरह बात कर रहे हैं, तो अब्दुल्ला ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये कहा, ‘‘ईश्वर ना करें।’’ उन्होंने फिर कहा, ‘‘नहीं, यह ऐसा ही है...जो सही है वह सही है।’’
पहले भी अपना चुके हैं अलग राह
उमर ने कहा कि वह गठबंधन सहयोगी के प्रति निष्ठा के बजाय सिद्धांतों के आधार पर बोलते हैं और सेंट्रल विस्टा जैसी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए अपने समर्थन को अपनी स्वतंत्र सोच का उदाहरण बताया। नेशनल कांफ्रेंस नेता अब्दुल्ला ने कहा, ‘‘हर किसी की धारणा के विपरीत, मुझे लगता है कि दिल्ली में सेंट्रल विस्टा परियोजना के साथ जो हो रहा है वह एक बहुत अच्छी चीज है। मेरा मानना है कि नया संसद भवन बनाना एक बेहतरीन विचार था। हमें नये संसद भवन की आवश्यकता थी। पुराना भवन अपनी उपयोगिता खो चुका है।’’
भरोसा नहीं तो न लड़ें चुनाव- अब्दुल्ला
उन्होंने कहा कि अगर पार्टियों को मतदान तंत्र पर भरोसा नहीं है तो उन्हें चुनाव नहीं लड़ना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘यदि आपको ईवीएम से दिक्कत है, तो उसे लेकर आपका रुख एकसमान रहना चाहिए।’’ उनसे पूछा गया था कि क्या उन्हें लगता है कि आम तौर पर विपक्ष, खास तौर पर कांग्रेस ईवीएम पर ध्यान केंद्रित करके गलत रास्ता अपना रही है।
चुनाव के बाद से कांग्रेस-नेशनल कांफ्रेंस में खटपट
अब्दुल्ला की टिप्पणियों से उनकी पार्टी नेशनल कांफ्रेंस की कांग्रेस के प्रति नाराजगी प्रकट होती है। दोनों दलों ने जम्मू कश्मीर में सितंबर में हुए विधानसभा चुनाव के लिए गठबंधन किया था। नेशनल कांफ्रेंस के पदाधिकारियों ने निजी तौर पर कहा है कि कांग्रेस ने चुनाव प्रचार के दौरान अपना पूरा जोर नहीं लगाया और सारा भार उनकी पार्टी (नेकां) पर आ गया। फिर भी, 90 सदस्यीय जम्मू कश्मीर विधानसभा में उनकी पार्टी ने 42 सीट जीतीं जबकि कांग्रेस को केवल छह सीट मिलीं।
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शिशुपाल कुमार author
पिछले 10 सालों से पत्रकारिता के क्षेत्र में काम करते हुए खोजी पत्रकारिता और डिजिटल मीडिया के क्षेत्र...और देखें
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