मोबाइल रिचार्ज महंगा हुआ तो सियासत में आया उबाल, सरकार पर कांग्रेस ने लगाए ये इल्जाम

Congress Slams Modi Sarkar: कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर फोन रिचार्ज की दरें बढ़ाए जाने को लेकर बड़ा हमला बोला है। साथ ही ये आरोप लगाया है कि 'मोदी सरकार ने दूरसंचार कंपनियों को उपभोक्ताओं से 34,824 करोड़ रुपये वसूलने की छूट दी।' जियो, एयरटेल और वोडाफोन का प्लान हाल ही में मंहगा हुआ है।

Politics on Recharge Becomes Expensive

जियो, एयरटेल और वोडाफोन का प्लान महंगा होने पर सियासत।

Politics on Recharge Becomes Expensive: मोबाइल रिचार्ज का प्लान महंगा होने के बाद सियासत में आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है। कांग्रेस ने दूरसंचार क्षेत्र की तीन प्रमुख कंपनियों द्वारा शुल्क दर में बढ़ोतरी किए जाने के बाद शुक्रवार को केंद्र सरकार पर निशाना साधा और कटाक्ष किया कि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के तीसरे कार्यकाल का जनता के लिए उसके ‘मित्रवादी पूंजीवाद’ का ‘प्रसाद’ है। कांग्रेस ने कहा कि 3 जुलाई, 2024 से इस देश में सेल फोन की दरें बढ़ा दी गई। सेलफोन सेवाओं का शुल्क बढ़ने से जनता को यह अतिरिक्त भुगतान करना पड़ेगा।

क्यों दी 34,824 करोड़ रुपये की वसूली की अनुमति?

पार्टी महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने सवाल किया कि मोदी सरकार ने 109 करोड़ सेल फोन उपभोक्ताओं की जेब से 34,824 करोड़ रुपये की वसूली की अनुमति क्यों दी? उन्होंने कहा कि देश के 109 करोड़ सेल फोन यूजर्स रिलायंस जियो, एयरटेल और वोडाफोन का सेल फोन इस्तेमाल करते हैं। मोदी सरकार ने इन 109 करोड़ सेल फोन यूजर्स पर सालाना 34,824 करोड़ रुपए का बोझ डाल दिया है।

जियो, एयरटेल और वोडाफोन का प्लान हुआ है महंगा

देश की प्राइवेट सेल फोन कंपनियों, यानी रिलायंस जियो, भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया ने एक साथ अपना टैरिफ औसतन 15 प्रतिशत बढ़ा दिया है। इनका मार्केट शेयर 91.6 फीसदी है, यानी कुल 119 करोड़ में से 109 करोड़ सेल फोन यूजर केवल रिलायंस जियो, एयरटेल और वोडाफोन का प्लान इस्तेमाल करते हैं।

सरकार पर लगाया कंपनियों को फायदा पहुंचाने का आरोप

कांग्रेस ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने दरें बढ़ाकर जनता पर बोझ डालने का काम किया है। अब 109 करोड़ सेलफोन यूज़र्स को अपनी जेब से 34,824 करोड़ सालाना भुगतान करना पड़ेगा। मोदी सरकार की आंख, कान, नाक के नीचे उनकी सहमति से इस देश की तीन सेल फोन कंपनियों के दरों में इजाफा हुआ है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार 119 करोड़ सेल फोन यूजर के कॉस्ट पर तीन सेल फोन कंपनियों को सालाना 34,824 करोड़ रुपये का फायदा पहुंचा रही है। सबसे पहले जियो ने अपने प्लान के रेट बढ़ाए। उसको देखते हुए अन्य मोबाइल सर्विस प्रोवाइडर कंपनियों ने भी दाम बढ़ा दिए।

उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान के सेल फोन मार्केट में सिर्फ तीन सेल फोन ऑपरेटर हैं। इसमें रिलायंस जियो के 48 करोड़ यूजर्स, एयरटेल के 39 करोड़ यूजर्स, वोडाफोन आइडिया के 22 करोड़ 37 लाख यूजर्स हैं।

कंपनियों ने यह वृद्धि आपस में मिलकर तय की- कांग्रेस

उन्होंने कहा कि रिलायंस जियो ने अपने सेल फोन यूजर्स के लिए शुल्क 12 प्रतिशत से 27 प्रतिशत तक बढ़ा दिया है। जियो का सबसे लोकप्रिय और किफायती प्लान 155 रुपए प्रतिमाह से 22 प्रतिशत बढ़ाकर 189 रुपए प्रति माह कर दिया गया। शुल्क में की गई औसत वृद्धि 20 प्रतिशत है। एयरटेल ने अपने सेल फोन यूजर्स के लिए शुल्क 11 प्रतिशत से 21 प्रतिशत तक बढ़ा दिया। शुल्क में की गई औसत वृद्धि 15 प्रतिशत है। वोडाफोन आइडिया ने अपने सेल फोन यूजर्स के लिए शुल्क 10 प्रतिशत से 24 प्रतिशत तक बढ़ा दिया। शुल्क में की गई औसत वृद्धि 16 प्रतिशत है। सुरजेवाला ने कहा कि इस घटनाक्रम से साफ है कि सेल फोन कंपनियों ने यह वृद्धि आपस में मिलकर तय की।

48 करोड़ जियो ग्राहकों के लिए, यह वृद्धि 1,464 करोड़ रुपए प्रति माह या 17,568 करोड रुपये सालाना है। 39 करोड़ एयरटेल ग्राहकों के लिए यह 10,704 करोड़ रुपए सालाना है। वोडाफोन आइडिया ग्राहकों के लिए, यह वृद्धि 6,552 करोड़ रुपए सालाना है।

सरकार व ट्राई से कांग्रेस ने पूछा ये सवाल

उन्होने कहा कि मोदी सरकार ने किसी भी रेगुलेशन, नियम या निगरानी के बिना प्राइवेट सेल फोन कंपनियों को एकतरफा मर्जी व मनमानी से सेल फोन टैरिफ 34,824 करोड़ रुपए सालाना बढ़ाने की अनुमति क्यों दी। सरकार व ट्राई ने 109 करोड़ सेल फोन यूजर्स के प्रति अपने कर्तव्य से मुंह क्यों मोड़ लिया।

सुरजेवाला ने कहा कि क्या मोदी सरकार ने सेल फोन की कीमतों में होने वाली वृद्धि को संसदीय चुनाव पूरा होने तक रोक कर रखा था, ताकि उनसे 109 करोड़ सेल फोन यूजर्स पर डाले गए बोझ और 34,824 करोड़ रुपये की अतिरिक्त वसूली करने के लिए जवाब न मांगा जाए? उन्होने कहा कि प्रधानमंत्री को 109 करोड़ प्रभावित सेल फोन यूजर्स और भारत के सभी नागरिकों को इसका जवाब देना होगा।

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आयुष सिन्हा author

मैं टाइम्स नाउ नवभारत (Timesnowhindi.com) से जुड़ा हुआ हूं। कलम और कागज से लगाव तो बचपन से ही था, जो धीरे-धीरे आदत और जरूरत बन गई। मुख्य धारा की पत्रक...और देखें

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