EWS आरक्षण का संसद में समर्थन कर फंसी कांग्रेस, SC के फैसले पर अब उठा रही सवाल

हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के 5 जजों की संवैधानिक पीठ ने ईडब्ल्यूएस आरक्षण को गैरसंविधानिक नहीं माना। लेकिन अब कांग्रेस पार्टी सुप्रीम कोर्ट के फैसले का गंभीरता पूर्वक अध्ययन कर रही है। पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम और अभिषेक मनु सिंघवी को इस बिल के कानूनी पहलू को बारीकी से देखने के लिए अध्ययन करने को कहा गया है।

ईडब्ल्यूएस कोटे पर एससी के फैसले का अध्ययन कर रही कांग्रेस।

Congress stand on EWS Quota : ज्यादातर राजनीतिक दलों ने संसद में आर्थिक आधार पर आरक्षण का समर्थन किया था। बिल का समर्थन करने वालों में कांग्रेस पार्टी भी शामिल थी क्योंकि उसे लगता था की इस से आर्थिक रूप से कमजोर सवर्णों को आरक्षण मिलेगा। साल 2004 के बाद से ही कांग्रेस पार्टी सवर्णों को आर्थिक रूप से शैक्षणिक संस्थाओं में और रोजगार के मामले में आरक्षण की पैरवी करती रही है। लेकिन कांग्रेस का यह मानना है कि ऐसा करते वक्त एससी एसटी और ओबीसी के वर्तमान आरक्षण से कोई छेड़छाड़ ना किया जाए।

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संसद में कांग्रेस पार्टी ने बिल का समर्थन किया

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2019 के लोकसभा चुनाव से ठीक पहले मोदी सरकार ने संसद में संविधान संशोधन विधेयक के जरिए आर्थिक आधार पर आरक्षण का बिल संसद में पेश किया। कांग्रेस ने उस वक्त भी संसद के दोनों सदनों में इस बिल को ज्वाइंट पार्लियामेंट्री कमिटी को भेजने की वकालत की थी जिसे सरकार ने अनसुना कर दिया। बावजूद इसके कांग्रेस पार्टी ने बिल का समर्थन किया।

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