कर्नाटक की पिच से मध्य प्रदेश में बैटिंग करेगी कांग्रेस, BJP को घेरने के लिए हुआ मंथन
MP Assembly Election: कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने राज्य में 40 प्रतिशत कमीशन के मुद्दे को जोर-शोर से उठाया था, जिसका उसे विधानसभा चुनाव में लाभ हुआ और पार्टी यहां सत्ता हासिल करने में कामयाब रही। अब पार्टी मध्य प्रदेश में भी भ्रष्टाचार को प्रमुख चुनावी मुद्दा बनाने जा रही है।
कांग्रेस नेता कमलनाथ
MP Assembly Election: कर्नाटक विधानसभा चुनाव में जीत से उत्साहित कांग्रेस अब मध्य प्रदेश में भी सियासी उलटफेर की तैयारी में है। पार्टी यहां सत्ता में वापसी करना चाहती है। इसके लिए वह अपने नेताओं के साथ लगातार बैठक कर रही है। सोमवार को भी एक बैठक हुई, जिसमें तय हुआ है कि कांग्रेस पार्टी मध्य प्रदेश में भी कर्नाटक की तरह भ्रष्टाचार को प्रमुख मुद्दा बनाएगी।
बता दें, कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने राज्य में 40 प्रतिशत कमीशन के मुद्दे को जोर-शोर से उठाया था, जिसका उसे विधानसभा चुनाव में लाभ हुआ और पार्टी यहां सत्ता हासिल करने में कामयाब रही। बता दें, मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए छह महीने से भी कम समय बचा है, ऐसे में विपक्षी दल कांग्रेस ने सोमवार को यहां एक रणनीति बैठक की। इस बैठक में भाजपा को घेरने के लिए पार्टी ने भ्रष्टाचार को एक प्रमुख चुनावी मुद्दा बनाने की योजना बनाई है।
दो घंटे तक चली बैठक
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस महासचिव के सी वेणुगोपाल, मध्य प्रदेश कांग्रेस के प्रमुख कमल नाथ और मध्य प्रदेश के एआईसीसी (अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी) प्रभारी जय प्रकाश अग्रवाल ने राज्य की राजनीतिक मामलों की समिति की बैठक की अध्यक्षता की, जो दो घंटे तक चली। कांग्रेस सूत्रों ने बताया कि बैठक के दौरान पार्टी नेताओं ने मुख्य रूप से शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार से मुकाबला करने के लिए भ्रष्टाचार को एक प्रमुख चुनावी मुद्दा बनाने पर ध्यान केंद्रित किया। सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस मध्य प्रदेश में इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले भ्रष्टाचार, महंगाई और राज्य पर बढ़ते कर्ज समेत अन्य मुद्दे जोर-शोर से उठाएगी। कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, भ्रष्टाचार हमारा प्रमुख चुनावी मुद्दा होने जा रहा है।
भाजपा की टेंशन बढ़ी
मध्य प्रदेश भाजपा भले ही ऊपर ही ऊपर विधानसभा चुनाव में जीत को लेकर आश्वस्त है, लेकिन कांग्रेस की रणनीति उसे चिंता में जरूर डाल सकती है। दरअसल, पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस यहां सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी और सरकार बनाई थी। हालांकि, ज्योतिरादित्य सिंधिया समेत कई नेताओं की बगावत के बाद यहां कांग्रेस की सरकार गिर गई। ऐसे में भाजपा खेमे में इस बात की टेंशन जरूर है कि कांग्रेस यहां फिर से उलटफेर कर सकती है।
(भाषा इनपुट के साथ)
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