ISI के इशारे पर भारत में ट्रेन पलटाने की साजिश! क्या पाकिस्तान से जुड़े हैं तार? क्या कहते हैं ये संकेत

Kalindi Express Derail Attempt: रेलवे ट्रैक पर रखे जा रहे विस्फोटक, पत्थरों और गैस सिलेंडर की जांच आगे बढ़ रही है। सूत्रों के मुताबिक, इन सभी घटनाओं के तार आकंती संगठनों से जुड़े हो सकते हैं। इससे संबंधित एक वीडियो पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान से सामने आया था, उसको देखते हुए प्राथमिक तौर पर ऐसी घटनाओं के पीछे विदेशी हाथ होने की गुंजाइश लग रही है।

Kalindi Express Derail Attempt

भारत में ट्रेन डिरेल का आईएसआई कनेक्शन!

Kalindi Express Derail Attempt: भारतीय रेलवे के खिलाफ कौन साजिश रच रहा है? इसके कुछ इशारे पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान से सामने आ रहे हैं। कानपुर में रसोई गैस सिलेंडर और अन्य विस्फोटक सामग्री रखकर कालिंदी एक्सप्रेस को पटरी से उतारने की कोशिश की घटना के सिलसिले में जांच के दौरान बड़ा खुलासा हुआ है। चूंकि, पिछले एक सप्ताह में 4 बार ट्रेनों को पलटाने या डिरेल करने की कोशिश की गई। 23 दिनों के अंदर सिर्फ कानपुर के आसपास तीन बार ट्रेन को डिरेल करने की नाकाम साजिश रची गई। इस गंभीर मामले की एनआईए और एटीएस की टीमों ने जांच शुरू कर दी है। हालिया के दिनों में पाकिस्तान का जो एक वीडियो सामने आया है, उसको आधार मानते हुए आतंकी संगठन आईएसआई (ISI) और इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड द लेवेंट (ISIS) पर साजिश का संदेह जताया जा रहा है। प्राथमिक तौर पर ऐसी घटनाओं के पीछे विदेशी हाथ होने का अंदेशा जताया जा रहा है और इस एंगल से भी जांच हो रही है।

कालिंदी एक्सप्रेस को पटरी से उतारने की कोशिश

दरअसल, कानपुर में रविवार रात प्रयागराज से भिवानी जा रही कालिंदी एक्सप्रेस को पटरी से उतारने की कोशिश की गई थी। इसके तहत कुछ अज्ञात लोगों ने पटरी पर रसोई गैस सिलेंडर रख दिया था। इसे देखकर चालक ने आपातकालीन ब्रेक लगा दिया और सिलिंडर उससे टकराकर दूर जा गिरा। गनीमत रही कि सिलेंडर ट्रेन के इंजन में फंसकर फटा नहीं, वरना बड़ा हादसा हो सकता था। पुलिस जांच इस निष्कर्ष पर नहीं पहुंची है कि ट्रेन को पटरी से उतारने की कोशिश आतंकी कृत्य थी या नहीं। यहां तक कि जिन लोगों को संदेह के आधार पर हिरासत में लिया गया था, उन्हें भी 24 घंटे की लंबी पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया। हालांकि, पुलिस ने मामले से जुड़े करीब एक दर्जन अन्य लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है, जिनमें से ज्यादातर आपराधिक पृष्ठभूमि के हैं।

ये जांच एजेंसियां कर रहीं जांच

अपर पुलिस महानिदेशक (रेलवे) प्रकाश डी, जिन्होंने घटनास्थल का दौरा किया था, ने दावा किया कि पुलिस जांच में मामले में सफलता मिली है और जल्द ही इसका खुलासा हो जाएगा। एडीजी ने बताया कि राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए), खुफिया ब्यूरो (आईबी), रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ), उप्र पुलिस के आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस), राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी), राज्य खुफिया और कानपुर पुलिस द्वारा गठित विशेष जांच दल सहित कई राज्य और केंद्रीय एजेंसियां मामले को सुलझाने के लिए एक साथ आई हैं। हमने कुछ महत्वपूर्ण साक्ष्य और सुराग जुटाए हैं, जिनसे एजेंसियों को रहस्य सुलझाने में मदद मिल सकती है।

एलपीजी सिलेंडर बरामद

पुलिस उपायुक्त (पश्चिम) राजेश कुमार सिंह ने कहा कि घटनास्थल से बरामद माचिस और एलपीजी सिलेंडर से पुलिस को मामले की जांच में मदद नहीं मिली। इंडियन ऑयल के अधिकारी और एजेंसी मालिक सिलेंडर पर लिखे विशिष्ट नंबरों की मदद से एलपीजी उपयोगकर्ता की पहचान करने का प्रयास कर रहे हैं। इसके पहले सोमवार को कानपुर पश्चिम के पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) राजेश कुमार सिंह ने बताया था कि पुलिस ने इस सिलसिले में सोमवार को दो स्थानीय कुख्यात अपराधियों समेत छह लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है। इस मामले में भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 287 (आग या ज्वलनशील पदार्थ के संबंध में लापरवाही पूर्ण आचरण), 125 (दूसरों के जीवन या व्यक्तिगत सुरक्षा को खतरे में डालने वाला कृत्य) और विस्फोटक अधिनियम, 1884 तथा रेलवे अधिनियम के प्रावधानों के तहत अज्ञात आरोपियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है।

कॉल डिटेल्स से जुटा रहे जानकारी

एक अधिकारी ने नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर बताया कि ट्रेन को पटरी से उतारने की कोशिश भले ही नाकाम रही, लेकिन इसे अंजाम देने के लिए जो कार्यप्रणाली अपनायी गई थी उससे यह पता चलता है कि यह किसी ‘अकुशल’ व्यक्ति का काम था और यह किसी अंदरूनी व्यक्ति का काम भी हो सकता है। हमने पिछले छह दिनों के मोबाइल टावरों का डेटा (ग्राहकों की जानकारी वाले कॉल विस्तृत रिकॉर्ड) भी मांगा है, क्योंकि हमें लगता है कि इससे पुलिस को मामले को सुलझाने में मदद मिलेगी, लेकिन कई मोबाइल सेवा प्रदाता इसे उपलब्ध कराने में विफल रहे।
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Pushpendra kumar author

पुष्पेंद्र यादव यूपी के फतेहुपुर जिले से ताल्लुक रखते हैं। बचपन एक छोटे से गांव में बीता और शिक्षा-दीक्षा भी उसी परिवेश के साथ आगे बढ़ी। साल 2016 स...और देखें

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