'NCERT की किताबों से हटाई जा रही संविधान की प्रस्तावना...'कांग्रेस ने लगाया गंभीर आरोप, सरकार ने किया खंडन

NCERT Books: मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, सांप्रदायिक विचारधारा को देश के लोगों पर थोपने के लिए सरकार पाठ्यक्रम के साथ छेड़छाड़ कर रही है। प्रस्तावना हमारे संविधान की मूल आत्मा और संविधान तथा लोकतंत्र का मूलभूत आधार है। इसमें किसी भी प्रकार का बदलाव देश को लोगों को स्वीकार नहीं होगा।

Mallikarjun Kharge

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे।

NCERT Books: राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने बुधवार को सरकार पर एनसीईआरटी की कुछ किताबों से संविधान की प्रस्तावना को हटाए जाने का आरोप लगाया। उन्होंने इस मामले में सरकार से स्पष्टीकरण की भी मांग की। हालांकि, सरकार ने उनके आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि नेता प्रतिपक्ष ने जो विषय उठाया उसमें कोई तथ्य नहीं हैं।
सदन में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, अभी सात कक्षाओं की किताब आई है। पहले प्रस्तावना हुआ करती थी इनमें, जिसके बारे में नेता प्रतिपक्ष जिक्र कर रहे थे। अभी तक जो नयी पाठ्य पुस्तक आयी हैं कक्षा छह की, उसमें भी प्रस्तावना है। न केवल प्रस्तावना बल्कि उसके साथ मौलिक अधिकार, मौलिक कर्तव्य, राष्ट्रगान...ये भी संविधान की प्रस्तावना और उसके मूल्यों का प्रतिनिधितव करते हैं। इन सारे विषयों को रखा गया और वह जो विषय रख रहे थे उसमें तथ्य नहीं था।

कक्षा 3 और 6 की किताबों से हटाई गई प्रस्तावना

केंद्रीय मंत्री के जवाब के बाद भी खरगे ने कहा कि कक्षा तीन और कक्षा छह की पाठ्य पुस्तकों से संविधान की प्रस्तावना को हटा दिया गया है। उनके आपत्ति जताने पर सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि संबंधित मंत्री ने सदन में बयान दिया है और वह अगर गलत होगा तो यह विशेषाधिकार का मामला होगा। इससे पहले, खरगे ने इस मुद्दे को शून्यकाल में उठाया और अखबारों में छपी खबरों का हवाला देते हुए दावा किया कि एनसीईआरटी की कुछ पाठ्यपुस्तकों से संविधान की प्रस्तावना को हटा दिया गया है।

सांप्रदायिक विचारधारा थोपने के लिए छेड़छाड़ कर रही सरकार

मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, प्रस्तावना हमारे संविधान की मूल आत्मा और संविधान तथा लोकतंत्र का मूलभूत आधार है। इसमें किसी भी प्रकार का बदलाव देश को लोगों को स्वीकार नहीं होगा। उन्होंने कहा कि सांप्रदायिक विचारधारा को देश के लोगों पर थोपने के लिए सरकार पाठ्यक्रम के साथ छेड़छाड़ कर रही है। एनसीईआरटी ने यह जो कदम उठाया है, ठीक नहीं है। मैं सरकार से मांग करता हूं कि पाठ्यक्रमों में हुए बदलाव को लेकर एक विस्तृत तथ्य सदन के सामने रखें। इस मुद्दे पर सरकार स्पष्टीकरण दे और संविधान के बारे में अपना कदम वापस ले।
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प्रांजुल श्रीवास्तव author

मैं इस वक्त टाइम्स नाउ नवभारत से जुड़ा हुआ हूं। पत्रकारिता के 8 वर्षों के तजुर्बे में मुझे और मेरी भाषाई समझ को गढ़ने और तराशने में कई वरिष्ठ पत्रक...और देखें

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