Goa: मोपा एयरपोर्ट पर जमीन को लीज पर देने का विवाद गरमाया, विपक्ष ने लगाया अनियमितता का आरोप

Goa News Today: गोवा के मोपा याने मनोहर पर्रिकर अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट की जमीन को लेकर विवाद जारी है। गोवा कैबिनेट ने हाल ही में मोपा याने मनोहर पर्रिकर अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट पर होटल भूखंडों के लिए जमीन को 60 साल के लिए लीज पर दिए जाने का फैसला किया है। विपक्षी दलों ने सावंत सरकार के इस फैसले की कड़ी आलोचना की है।

Goa MOPA Airport

गोवा सरकार पर आम आदमी पार्टी ने उठाया सवाल।

Goa Politics: गोवा में आम आदमी पार्टी के प्रमुख अमित पालेकर ने इस फैसले की आलोचना करते हुए सवाल उठाया कि लीज मंजूरी में सही प्रक्रिया कानूनी मानदंडों का पालन नहीं किया गया। सरकारी भूमि को लीज पर देने की पारंपरिक अवधि 40 वर्षों की है, लेकिन सावंत सरकार ने इसे बढ़ाकर 60 वर्षों के लिए जमीन को लीज पर देकर नियमों का उल्लंघन किया है। मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने अटॉर्नी जनरल की सलाह को भी नजरंदाज कर लीज को 60 वर्षों के लिए बढ़ा दिया। ये चौंकाने वाली बात है कि कुछ रियल एस्टेट कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए नियमों में ये बदलाव किया गया। ये जमीन पेरनेम के किसानों की थी लेकिन अब जीएमआर को मुफ्त दी है।

गोवा सरकार पर आम आदमी पार्टी ने लगाए गंभीर आरोप

पालेकर ने ये भी आरोप लगाते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट के ऐसे कुछ कई फैसले हैं जिसमे स्पष्ट रूप से कहा गया है कि ऐसी चीजें ना की जा सकतीं हैं और न हीं की जानी चाहिए। फिर भी मुख्यमंत्री ने अपनी मर्यादा लांघते हुए लीज की अवधि को 40 साल से बढ़ाकर ने 60 साल तक करने की कैबिनेट से मंजूरी ली हैं। हम व्यक्तिगत रूप से दस्तावेज प्राप्त करेंगे और पता लगाएंगे कि इसकी स्थिति क्या होगी और यह पता लगाएंगे कि इस फैसले से किस तरह से रियल एस्टेट लॉबी को फायदा होगा,'

कांग्रेस नेता चोडनकर ने भी सरकार के फैसले पर उठाया सवाल

इस फैसले पर गंभीर सवाल उठाते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गिरीश चोडनकर ने कहा, 'यह करोड़ों रुपये का घोटाला है। पहले भी हमने देखा है कि किस तरह से पर्यटन क्षेत्रों को लंबी लीज पर दिया जाता है। भ्रष्टाचार करने का यह और एक तरीका है। बीजेपी टोटल कमीशन के लिए जानी जाती है और साथ-साथ गोवा को बेचने के लिए भी जानी जाती है। सरकार द्वारा मोपा हवाई अड्डे के पास होटल भूखंडों को 60 साल के लिए लीज पर देकर, सरकार ने दिखाया है कि वे किस तरह से पैसे कमाने की कोशिश कर रहे हैं और राज्य को लूटने के लिए वे गोवा को एटीएम के रूप में उपयोग कर रहे हैं।'

शरद पवार गुट ने भी गोवा सरकार की आलोचना की

एनसीपी (शरद पवार गुट) के गोवा प्रभारी और पर्यवेक्षक क्लाइड क्रैस्टो ने भी राज्य सरकार के इस फैसले पर आलोचना की है। क्रैस्टो ने सवाल खड़े करते हुए कहा कि 'भाजपा सरकार व्यापारियों का साथ देनेवाली सरकार पहचानी जाती हैं। और यह सरकार जनविरोधी है। ये बिना टेंडर प्रक्रिया के ठेकेदारों को ठेका देते हैं। इसका सबूत हैं कला अकादमी नूतनीकरण परियोजना। जब सवाल उठाए गए, तो सीएम ने कोई जांच नहीं की और खुद ही अपने आप को क्लीन चिट दे दी । गोवा के मुख्यमंत्री लीज की अवधि बढ़ा रहे हैं और किसानों की जमीन जीएमआर को मुफ्त दे रहे हैं यह आश्चर्य की बात नहीं है क्योंकि यह सरकार जनविरोधी है।'
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