जलवायु परिवर्तन प्रदर्शन सूचकांक की रैकिंग में सुधार, अब सातवें स्थान पर पहुंचा भारत

Climate Change Performance Index: जलवायु परिवर्तन प्रदर्शन सूचकांक में भारत पिछले साल 8वें पायदान पर था। हालांकि, इस साल भारत ने रैंकिंग में सुधार करते हुए 7वें स्थान को हासिल कर लिया है।

Climate Change Performance Index

जलवायु परिवर्तन प्रदर्शन सूचकांक में भारत की 7वीं रैंक

तस्वीर साभार : भाषा

Climate Change Performance Index: भारत जलवायु परिवर्तन प्रदर्शन सूचकांक में इस साल पिछली बार की तुलना में एक पायदान ऊपर, सातवें स्थान पर पहुंच गया और सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वालों में शुमार रहा। शुक्रवार को यहां वैश्विक जलवायु शिखर सम्मेलन सीओपी28 के दौरान जारी की गई एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। जलवायु परिवर्तन प्रदर्शन सूचकांक तैयार करने के लिए 63 देशों और यूरोपीय संघ के जलवायु शमन प्रयासों की निगरानी की गई, जो दुनियाभर में 90 प्रतिशत से अधिक ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन करते हैं।

सूचकांक में भारत को ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन और ऊर्जा उपयोग श्रेणियों में उच्च रैंकिंग प्राप्त हुई है, लेकिन जलवायु नीति और नवीकरणीय ऊर्जा में पिछले वर्ष की तरह मध्यम रैंकिंग मिली है। सूचकांक में कहा गया है कि भारत दुनिया का सबसे अधिक आबादी वाला देश है, लेकिन यहां प्रति व्यक्ति उत्सर्जन अपेक्षाकृत कम है।

मानक को पूरा करने की राह पर भारत

सूचकांक पर आधारित रिपोर्ट में कहा गया है, हमारा डेटा दिखाता है कि प्रति व्यक्ति ग्रीनहाउस गैस श्रेणी में, देश दो डिग्री सेल्सियस से नीचे के मानक को पूरा करने की राह पर है। हालांकि भारत में नवीकरणीय ऊर्जा की हिस्सेदारी में थोड़ा सकारात्मक रुझान दिखता है, लेकिन यह रुझान बहुत धीमी गति से आगे बढ़ रहा है। जलवायु परिवर्तन प्रदर्शन सूचकांक (सीसीपीआई) विशेषज्ञों ने बताया कि भारत स्पष्ट दीर्घकालिक नीतियों के साथ अपने राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान (एनडीसी) को पूरा करने की कोशिश कर रहा है, जो नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देने और नवीकरणीय ऊर्जा घटकों के घरेलू विनिर्माण के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करने पर केंद्रित है।

ऊर्जा जरूरतें तेल-गैस और कोयले पर निर्भर

रिपोर्ट में बताया गया है कि इसके बावजूद, भारत की बढ़ती ऊर्जा ज़रूरतें अभी भी तेल और गैस के साथ-साथ कोयले पर भारी निर्भरता से पूरी हो रही हैं। रिपोर्ट के अनुसार, यह निर्भरता ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन का एक प्रमुख स्रोत है और विशेष रूप से शहरों में गंभीर वायु प्रदूषण का कारण बनती है।

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