PM मोदी ने रखा भारत में COP33 की मेजबानी का प्रस्ताव: बोले- बीती सदी की गलतियां सुधारने को ज्यादा वक्त नहीं
COP28 in Dubai: दरअसल, सीओपी 28 की अध्यक्षता कर रहे संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा आयोग (आईईए) ने शुक्रवार को कार्बन उत्सर्जन घटाने को लेकर उन पहल पर प्रकाश डाला जो विश्व को 1.5° डिग्री सेल्सियस का लक्ष्य पहुंच के भीतर रखने के लिहाज से सुसंगत ऊर्जा प्रणाली की राह का मार्ग प्रशस्त कर सकती हैं।
दुबई में अपनी बात रखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी।
COP28 in Dubai: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि भारत ने पारिस्थितिकी और अर्थव्यवस्था के बीच बेहतरीन संतुलन बनाकर दुनिया के सामने विकास का एक मॉडल पेश किया है। देश अपने राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान लक्ष्यों को प्राप्त करने की राह पर है। हमने (हिंदुस्तान) ने निर्धारित समय सीमा से 11 साल पहले अपने उत्सर्जन तीव्रता लक्ष्य हासिल कर लिए हैं। ये बातें शुक्रवार (एक दिसंबर, 2023) को पीएम मोदी ने दुबई में संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन (सीओपी 28) के दौरान कहीं।
मोदी के मुताबिक, "भारत ने 2030 तक उत्सर्जन की तीव्रता को 45 प्रतिशत तक कम करने, गैर-जीवाश्म ईंधन की हिस्सेदारी को 50 प्रतिशत तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा है। पिछली सदी की गलतियों को सुधारने के लिए हमारे पास ज्यादा समय नहीं है।"
दरअसल, सीओपी 28 की अध्यक्षता कर रहे संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा आयोग (आईईए) ने शुक्रवार को कार्बन उत्सर्जन घटाने को लेकर उन पहल पर प्रकाश डाला जो विश्व को 1.5° डिग्री सेल्सियस का लक्ष्य पहुंच के भीतर रखने के लिहाज से सुसंगत ऊर्जा प्रणाली की राह का मार्ग प्रशस्त कर सकती हैं।
यह पहल संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन (सीओपी 28) के तहत आयोजित उच्च-स्तरीय वार्ता शृंखला के सारांश का हिस्सा हैं। सीओपी 28 अध्यक्ष सुल्तान अल जाबेर और आईईए के कार्यकारी निदेशक फतीह बिरोल की सहअध्यक्षता में वार्ता श्रृंखला आयोजित की गईं। इस सारांश में ऊर्जा प्रणाली के रूपांतरण (ट्रांजिशन ऑफ एनर्जी) में तेजी लाने और 1.5 डिग्री सेल्सियस के लक्ष्य को पहुंच के भीतर बनाए रखने के लिए कार्रवाई की अपील की गई है।
40 से अधिक देशों और 20 संगठनों के मंत्रियों, नीति निर्माताओं और मुख्य कार्यकारी अधिकारियों (सीईओ) ने वार्ताओं में भाग लिया जिनमें नवीकरणीय ऊर्जा, ऊर्जा दक्षता, वित्तपोषण, जीवाश्म ईंधन की मांग और आपूर्ति और कार्बन उत्सर्जन में कटौती (डीकार्बोनाइजेशन) सहित ऊर्जा प्रणाली के रूपांतरण से जुड़े अन्य प्रमुख तत्वों पर चर्चा की गई है। (पीटीआई-भाषा इनपुट्स के साथ)
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अभिषेक गुप्ता author
छोटे शहर से, पर सपने बड़े-बड़े. किस्सागो ऐसे जो कहने-बताने और सुनाने को बेताब. कंटेंट क्रिएशन के साथ...और देखें
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