COVID-19: कम्युनिटी में फैल चुका है JN.1! कोच्चि में ऐसे 30% मरीज पॉजिटिव, एक्सपर्ट ने किया आगाह- इसे सामान्य सर्दी न समझें

Corona Virus Cases India Tracker: वैसे, इन दोनों एक्सपर्ट्स ने इस बात पर भी जोर दिया कि कोरोना का यह वैरिएंट अधिक संक्रामक है, लेकिन अधिक संख्या में अस्पताल में भर्ती होने का कारण नहीं बन सकता है। वजह- आंशिक रूप से भारत की उच्च टीकाकरण दर है।

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दक्षिण भारतीय सूबे कर्नाटक का बेंगलुरू शहर भी कोरोना को लेकर अलर्ट है। क्रिसमस से पहले वहां के एक गिरजाघर में मास्क लगाकर प्रार्थन करते लोग।

तस्वीर साभार : टाइम्स नाउ ब्यूरो
Corona Virus Cases India Tracker: कोरोना वायरस के ओमीक्रॉन वेरियंट के सब-वेरियंट जेएन.1 ने क्रिसमस और नए साल से पहले देशवासियों की चिंता बढ़ा दी है। नेशनल इंडियन मेडिकल एसोसिएशन कोविड टास्क फोर्स के को-चेयरमैन डॉ.राजीव की ओर से बताया गया है कि कोविड (जेएन.1) का कम्युनिटी ट्रांसमिशन हो चुका है। यानी यह लोगों के बीच फैल चुका है और हर जगह है।
बुधवार (20 दिसंबर, 2023) को उन्होंने एक अंग्रेजी समाचार चैनल को दिए इंटरव्यू में खुलासा करते हुए आगे बताया, "यह लोगों के बीच बहुत अधिक है। मेरा पड़ोसी शाम को ही कोविड पॉजिटिव पाया गया है। ऐसे में यह हर जगह है, लेकिन इससे अस्पताल में भर्ती होने की संख्या में भारी वृद्धि नहीं हो रही है...तो यह अलग बात है।"
एक्सपर्ट के मुताबिक, जेएन.1 को सबसे तेजी से बढ़ने वाला वेरिएंट माना जाता है, पर इसका मतलब यह नहीं है कि अधिक मामले होंगे। हां, यह "कोविड परिदृश्य पर हावी हो रहा है"। उन्होंने यह भी कहा कि केरल के कोच्चि में लगभग 24 घंटों में इन्फ्लूएंजा सरीखी बीमारियों वाले सभी रोगियों में से 30 फीसदी मरीज़ कोरोना वायरस पॉजिटिव मिले हैं।
इस बीच, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की पूर्व साइंटिस्ट की ओर से जानकारी देते हुए आगाह किया कि कोविड को सामान्य सर्दी के रूप में न समझा जाए। ऐसा इसलिए क्योंकि लोग इसके चलते न सिर्फ गंभीर रूप से बीमार पड़ते हैं बल्कि उनमें इसके लॉन्ग टर्म इफेक्ट्स भी दिखते हैं। जैसे कि दिल का दौरा पड़ना, स्ट्रोक आना और मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं आदि।
हालांकि, देश में बुधवार को कोविड के जेएन.1 स्वरूप के 21 मामले सामने आने के मद्देनजर विभिन्न वैज्ञानिकों ने मौजूदा एहतियाती उपायों का पालन करने की सलाह देते हुए यह भी कहा कि नए स्वरूप का उभरना ना तो हैरानी की बात है ना ही इससे घबराने की जरूरत है।
तीन राज्यों में नए उप-स्वरूप के मामले आने के साथ कोविड-19 संक्रमण के 614 नए मामले सामने आए, जो 21 मई के बाद एक दिन का सर्वाधिक आंकड़ा है। नए स्वरूप को लेकर कोविड के फिर से चर्चा में आने के बीच विशेषज्ञों ने कहा है कि घबराने की कोई जरूरत नहीं है- उपलब्ध उपचार प्रभावी हैं, संक्रमण हल्का है और सभी वायरस में बदलाव होता रहता है।
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अभिषेक गुप्ता author

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