दुनिया में बढ़ रहा रुतबा, अब तीन और देश खरीदेंगे भारत का तेजस लड़ाकू विमान

Tejas Aircraft: तेजस लड़ाकू विमानों को हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड द्वारा निर्मित किया गया है। ये विमान भारतीय वायु सेना में मिग-21 को रिप्लेस करने के लिए तैयार हैं। अब भारत इन विमानोंं को निर्यात करने की भी योजना बना रहा है।

तेजस लड़ाकू विमान

Tejas Aircraft: रक्षा क्षेत्र में बढ़ रही आत्मनिर्भरता के साथ ही दुनिया में धीरे-धीरे भारत का रुतबा भी बढ़ता जा रहा है। एक समय था कि हथियारों, लड़ाकू विमानों के लिए देश दूसरे देशों पर निर्भर था, लेकिन अब भारत रक्षा क्षेत्र में निर्यातकों की सूची में भी शुमार होने लगा है। दरअसल, भारत के लड़ाकू विमान तेजस की मांग धीरे-धीरे बढ़ती जा रही है।
अर्जेंटीना के बाद अब तीन और देशों ने तेजस विमान रखीदने के लिए रुचि दिखाई है। हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक सीबी अनंतकृष्णन ने बताया कि नाइजीरिया, फिलीपींस, अर्जेंटीना और मिस्र ने स्वदेशी रूप से विकसित हल्के लड़ाकू विमान तेजस को खरीदने में रुचि दिखाई है। उन्होंने बताया कि संभावित खरीद के लिए इन देशों से बातचीत चल रही है।

अर्जेंटीना से डील में हो सकती है ये मुश्किल

अगर अर्जेंटीना से इस रक्षा खरीद को लेकर वार्ता सफल हो जाती है तो इस डील में एक मुश्किल आ सकती है। दरअसल, तेजस विमान के कुछ कल-पुर्जे ब्रिटेन से मंगवाए गए हैं। और वर्ष 1982 के फॉकलैंड युद्ध के बाद ब्रिटेन ने अर्जेंटीना को सैन्य साजो-सामान की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया था और खासकर ऐसे साजो-सामान पर, जो ब्रिटेन निर्मित हैं। ब्रिटिश प्रतिबंधों को देखते हुए यह माना जा रहा है कि अर्जेंटीना को तेजस की आपूर्ति की सूरत में ब्रिटेन से प्राप्त होने वाले कल-पुर्जे की आपूर्ति भारत के लिए मुश्किल हो सकती है। हालांकि, एचएएच अध्यक्ष ने कहा कि अगर ऐसी स्थिति उत्पन्न होती है तो इसके लिए कोई समाधान निकाला जाएगा। बता दें, इसी साल जुलाई में अर्जेंटीना के रक्षा मंत्री ने रक्षा औद्योगिक साझेदारी को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करते हुए भारत का दौरा किया था।
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