राहुल गांधी को कोर्ट ने दोषी ठहराया, इसमें राजनीति नहीं है, अयोग्यता पर बोले सीएम हिमंत बिस्वा सरमा

मोदी सरनेम मामले में राहुल गांधी को दो सजा की सजा सुनाए जाने के बाद कानून के अनुसार लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने उनकी संसद सदस्यता खत्म कर दी। इसके बाद पक्ष और विपक्ष में जमकर वार पटलवार हुए। बीजेपी के सीनियर नेता और असम के मुख्यमंत्री हेमंता बिस्वा सरमा ने कहा कि ओबीसी समुदाय के खिलाफ असंसदीय शब्दों का प्रयोग करने के कारण उन्हें कोर्ट द्वारा दोषी ठहराया गया है।

असम सीएम हिमंत बिस्वा सरमा

मोदी सरनेम मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी को दो साल की सजा सुनाए जाने के बाद लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने उनकी संसद सदस्यता खत्म कर दी। इसको लेकर पक्ष विपक्ष में जमकर वार पटलवार हो रहे हैं। इसी क्रम में बीजेपी के सीनियर नेता और असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि राहुल गांधी भारत सरकार द्वारा अयोग्य नहीं हुए। ओबीसी समुदाय के खिलाफ असंसदीय शब्दों का प्रयोग करने के कारण उन्हें कोर्ट द्वारा दोषी ठहराया गया है और न्यायालय की घोषणा के परिणामस्वरूप उन्हें अयोग्य घोषित किया गया है। यह एक न्यायिक प्रक्रिया है, इसमें कुछ भी राजनीतिक नहीं है। राहुल गांधी ने माफी क्यों नहीं मांगी, इतना अहंकार क्यों है? राजनीति में कभी-कभी ऐसे बयान मुंह से निकल जाते हैं लेकिन उसे तुरंत माफी मांगकर सुधार लिया जाता है। लेकिन राहुल गांधी को बहुत अहंकार है।

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सरमा ने कहा कि कभी-कभी जुबान फिसल जाती है और 'हमने भी इसका अनुभव किया है, लेकिन हम माफी मांगते हुए बयान जारी करते हैं और कहते हैं कि यह अनजाने में हुआ था। गांधी भी ऐसा कर सकते थे और यह मामला वहीं खत्म हो जाता। शर्मा ने मानहानि मामले में सूरत की एक अदालत के फैसले का जिक्र करते हुए दावा किया कि लेकिन, राहुल गांधी ने माफी नहीं मांगी और न ही पिछले पांच साल में अपनी टिप्पणी को वापस लिया जो दिखाता है कि जानबूझकर ऐसा किया गया था और यह ओबीसी समुदाय को अपमानित करने के लिए था। उधर पूर्व क्षेत्र में विपक्षी शासन वाले कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने राहुल की अयोग्यता का विरोध किया है।

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