Rape News: कोलकाता में 7 महीने की बच्ची के साथ बलात्कार के मामले में एक व्यक्ति को 'मौत की सजा'

Kolkata Seven Month Old Infant Rape Case: पिछले छह महीनों में पश्चिम बंगाल की अदालतों द्वारा सुनाई गई यह सातवीं मौत की सजा है और नाबालिगों पर यौन उत्पीड़न करने के लिए पोक्सो अधिनियम के तहत दी गई छठी मौत की सजा है

Kolkata Seven Month Old Infant Rape Case

पिछले छह महीनों में पश्चिम बंगाल की अदालतों द्वारा सुनाई गई यह सातवीं मौत की सजा (प्रतीकात्मक फोटो)

Death Sentence Kolkata Infant Rape: कोलकाता की एक विशेष पोक्सो अदालत ने मंगलवार (18 फरवरी, 2025) को उत्तरी कोलकाता में सात महीने की बच्ची के साथ बलात्कार और हत्या के प्रयास के दोषी एक व्यक्ति को फांसी की सजा सुनाई। बैंकशाल कोर्ट में (POCSO) अदालत ने सोमवार (17 फरवरी, 2025) को व्यक्ति को शहर के बुरटोला इलाके से उसकी गिरफ्तारी के 75 दिनों के भीतर बच्ची के अपहरण, बलात्कार और हत्या के प्रयास का दोषी ठहराया था।

न्यायालय ने बचाव पक्ष के वकील और राज्य का प्रतिनिधित्व करने वाले सरकारी अभियोजक की दलीलों के अंतिम दौर की सुनवाई के बाद सजा की घोषणा की, जिन्होंने मृत्युदंड की मांग करते हुए तर्क दिया कि अपराध 'दुर्लभतम' (rarest of the rare) मामले की श्रेणी में आता है।

पिछले छह महीनों में पश्चिम बंगाल की अदालतों द्वारा सुनाई गई यह सातवीं मौत की सजा है और नाबालिगों पर यौन उत्पीड़न करने के लिए POCSO अधिनियम के तहत दी गई छठी मौत की सजा है।

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न्यायाधीश इंद्रिला मुखर्जी ने दोषी राजीव घोष को भारतीय न्याय संहिता की धारा 65 (2), 140 (4), 137 (2) और 118 तथा POCSO अधिनियम की धारा 6 के तहत दोषी पाया। दोनों अधिनियमों की पहली और आखिरी धाराओं में दोषी के लिए अधिकतम सजा के रूप में फांसी की सजा का प्रावधान है।

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पीड़िता का अभी भी आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में इलाज चल रहा है

पिछले साल 30 नवंबर को अपराध करने वाले राजील घोष को 5 दिसंबर की सुबह झारग्राम जिले के गोपीबल्लवपुर इलाके में उसके घर से गिरफ्तार किया गया था, जहां से वह भाग गया था। पुलिस ने मामले में अपना पहला आरोप पत्र 30 दिसंबर को दाखिल किया और कुछ दिनों बाद एक पूरक आरोप पत्र दाखिल किया। विशेष सरकारी अभियोजक बिभास चटर्जी ने बताया कि पीड़िता का अभी भी कोलकाता में सरकारी आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में इलाज चल रहा है। चटर्जी ने कहा कि 7 जनवरी को शुरू हुई सुनवाई प्रक्रिया को पूरा होने में मात्र 40 दिन लगे।

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रवि वैश्य author

मैं 'Times Now नवभारत' Digital में Assistant Editor के रूप में सेवाएं दे रहा हूं, 'न्यूज़ की दुनिया' या कहें 'खबरों के संसार' में काम करते हुए करीब...और देखें

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