महिला डॉक्टर से दरिंदगी के दोषी संजय रॉय को मिली उम्रकैद की सजा, अदालत में खुद को बताता रहा बेगुनाह
संजय को सुबह 10.30 बजे अदालत परिसर लाया गया था। सजा पर फैसले पर बहस के दौरान दोषी संजय रॉय को भी अपना पक्ष रखने का मौका दिया गया। मामले की जांच कर रही कोलकाता पुलिस ने संजय रॉय को 10 अगस्त 2024 को गिरफ्तार किया था।
संजय रॉक को मिली गुनाह की सजा
RG Kar Rape Muder Case: कोलकाता के आरजी कर अस्पताल मेंडॉक्टर के साथ बलात्कार-हत्या मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद आज अदालत में संजय रॉय को सजा सुना दी। उसे उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। उस पर 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। कार्यवाही के दौरान सीबीआई के वकील ने दोषी को कड़ी से कड़ी सजा देने का अनुरोध किया था। अपने फैसले में कोर्ट ने राज्य सरकार को बलात्कार और हत्या मामले में पीड़ित डॉक्टर के परिवार को 17 लाख रुपये का मुआवजा देने का निर्देश दिया। वहीं, पीड़िता के माता-पिता ने सियालदह अदालत के जज से कहा, हमें मुआवजा नहीं, न्याय चाहिए।
संजय ने खुद को बताया बेगुनाह
इससे पहले संजय की सजा पर बहस हुई। संजय को सुबह 10.30 बजे अदालत परिसर लाया गया था। सजा पर फैसले पर बहस के दौरान दोषी संजय रॉय को भी अपना पक्ष रखने का मौका दिया गया। इस दौरान संजय नेअदालत से कहा कि मुझे फंसाया जा रहा है, मैने कोई अपराध नहीं किया है। मैंने कुछ भी नहीं किया है और फिर भी मुझे दोषी ठहराया गया है। अदालत ने आरजी कर मामले के आरोपी संजय रॉय को भारतीय न्याय संहिता की धारा 64, 66 और 103 (1) के तहत बलात्कार और हत्या का दोषी ठहराया था।
कार्यवाही के दौरान सीबीआई के वकील ने दोषी को कड़ी से कड़ी सजा देने का अनुरोध किया। वकील ने अदालत से कहा, हम समाज में लोगों का विश्वास बनाए रखने के लिए कड़ी से कड़ी सजा का अनुरोध करते हैं। इस पर संजय रॉय के बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने तर्क दिया कि अभियोजन पक्ष ऐसे साक्ष्य प्रस्तुत करे, जिससे यह साबित हो सके कि दोषी के सुधरने की कोई संभावना नहीं है। बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने उसे सुधरने का मौका देने के लिए मृत्युदंड के अलावा किसी अन्य वैकल्पिक सजा का अनुरोध किया।
भारी संख्या में पुलिस की तैनाती
भारी पुलिस तैनाती के बावजूद कई लोग अदालत परिसर में जमा हो गए और कुछ को दोषी की एक झलक पाने के लिए रेलिंग पर चढ़ने की कोशिश करने लगे। पीड़ित डॉक्टर के माता-पिता ने कहा कि उन्हें न्याय देने के लिए न्यायपालिका पर भरोसा है। पीड़िता के पिता ने कहा, हमें जज पर भरोसा है। एक अन्य महिला ने कहा, हम चाहते हैं कि फैसला तेजी से सुनाया जाए ताकि यह एक उदाहरण स्थापित कर सके और भविष्य में ऐसे अपराधों को रोका जा सके। पिछले साल 9 अगस्त को हुई डॉक्टर की बलात्कार-हत्या से देश भर में आक्रोश फैल गया था और लंबे समय तक विरोध प्रदर्शन हुआ था।
9 अगस्त 2024 को वारदात
कोलकाता पुलिस के नागरिक स्वयंसेवक संजय रॉय पर पिछले साल 9 अगस्त को शहर के उत्तरी हिस्से में स्थित सरकारी अस्पताल में स्नातकोत्तर प्रशिक्षु डॉक्टर के साथ जघन्य अपराध करने का आरोप लगा था। इस मामले में 12 नवंबर को बंद कमरे में सुनवाई शुरू हुई थी, इसके 57 दिन बाद सियालदह अदालत के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश अनिर्बान दास ने फैसला सुनाया।
10 अगस्त 2024 को गिरफ्तार
मामले की जांच कर रही कोलकाता पुलिस ने रॉय को 10 अगस्त 2024 को गिरफ्तार किया था। इससे एक दिन पहले ही डॉक्टर का शव अस्पताल के सेमिनार रूम से बरामद किया गया था। बाद में कलकत्ता उच्च न्यायालय ने मामले को सीबीआई को सौंप दिया था। ट्रेनी डॉक्टर के साथ बलात्कार व हत्या के मामले में रॉय पर मुकदमे की सुनवाई नौ जनवरी को पूरी हुई, जिसके दौरान 50 गवाहों से पूछताछ की गई।
पीड़ित डॉक्टर के माता-पिता चाहते हैं पूरा न्याय
पीड़ित डॉक्टर के माता-पिता ने कहा कि अपराध में अन्य लोग भी शामिल थे और उन्हें उम्मीद है कि उन्हें भी गिरफ्तार किया जाएगा और अदालत में उनके खिलाफ मुकदमा चलाया जाएगा। पीड़िता के माता-पिता ने भी मामले की आगे की जांच की मांग करते हुए अदालत में एक आवेदन दायर किया है। इस अपराध के कारण देश भर में आक्रोश फैल गया और कोलकाता में जूनियर डॉक्टरों ने पीड़िता के लिए न्याय और सरकारी अस्पतालों में पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था की मांग करते हुए लंबे समय तक विरोध प्रदर्शन किया।
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अमित कुमार मंडल author
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