NGT को सौंपी गयी CPCB रिपोर्ट दर्शाती है कि 80 प्रतिशत पर्यावरण रकम इस्तेमाल नहीं की गयी

CPCB Report: सीपीसीबी को राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों द्वारा वसूली गयी पर्यावरण क्षतिपूर्ति का 25 प्रतिशत मिलता है। वह विभिन्न मामलों में प्रदूषकों/उल्लंघनकताओं से भी सीधे पर्यावरण जुर्माना वसूलता है।

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प्रतीकात्मक फोटो

तस्वीर साभार : भाषा
CPCB Report: केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) ने अब तक वसूले गये पर्यावरण संरक्षण शुल्क और पर्यावरण क्षतिपूर्ति राशि का केवल 20 प्रतिशत ही दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण कम करने और पर्यावरण संरक्षण पर खर्च किया है।सीपीसीबी को मोटे तौर पर दो मदों--पर्यावरण संरक्षण शुल्क (EPC) और पर्यावरण क्षतिपूर्ति (EC) के तहत क्षतिपूर्ति मिलती है। राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) को 20 मार्च को सौंपी गयी सीपीसीबी रिपोर्ट के मुताबिक इस केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण निकाय ने इन दो मदों के तहत मिले कुल 777.69 करोड़ रुपये में केवल 156.33 रुपये ही खर्च किये हैं।
डीलर/विनिर्माता को 2000 सीसी या उससे अधिक क्षमता के इंजन वाले नये डीजल वाहनों के शोरूम मूल्य पर एक प्रतिशत पर्यावरण संरक्षण शुल्क देना होता है। यह दिल्ली और एनसीआर में पंजीकृत वाहनों पर लागू होता है। इसे पर्यावरण संरक्षण शुल्क का जाता है।

EPC उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर मिलता है

ईपीसी उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर मिलता है और इसका उपयोग दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता सुधार एवं अन्य संबंधित कार्यों जैसे अनुसंधान एवं विकास गतिविधियों, वाहन प्रदूषण नियंत्रण, स्वास्थ्य प्रभाव अध्ययन तथा दिल्ली-एनसीआर और पंजाब में प्रदूषण नियंत्रण विशिष्ट परियोजनाओं पर किया जाता है।

पर्यावरण क्षतिपूर्ति एनजीटी के आदेश पर मिलती है

पर्यावरण क्षतिपूर्ति एनजीटी के आदेश पर मिलती है। इसका उपयोग प्रयोगशालाओं/ निगरानी नेटवर्क को मजबूत कर, परियोजनाओं, अध्ययनों और निगरानी के माध्यम से पर्यावरण में सुधार एवं सुरक्षा पर किया जाता है।
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