राज्य के पौड़ी, बागेश्वर, उत्तरकाशी, टिहरी और रुद्रप्रयाग का भी यही हश्र हो सकता है
मुख्य बातें
- ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन निर्माण को लेकर रुद्रप्रयाग के मरोदा गांव के लोग बेहाल
- राज्य के पौड़ी, बागेश्वर, उत्तरकाशी, टिहरी और रुद्रप्रयाग का भी यही हश्र हो सकता है
- यहां के स्थानीय लोगों में जोशीमठ जैसे संकट का खौफ मंडरा रहा है
जोशीमठ के घरों, इमारतों और सड़कों में दरार आने का सिलसिला लगातार जारी है, जिससे लोग दहशत में हैं प्रशासन और सरकार हाई अलर्ट पर है।
और लोग दहशत में जी रहे हैं वैसी ही स्थिति उत्तराखंड के 5 और जिलों में भी सामने आ रही है, ऐसा मीडिया रिपोर्टों में बताया जा रहा है बताते हैं कि
पौड़ी, बागेश्वर, उत्तरकाशी, टिहरी गढ़वाल और रुद्रप्रयाग में कमोबेश यही हाल सामने आ सकते हैं ऐसा कहा जा रहा है इन जिलों के स्थानीय लोगों को जोशीमठ जैसे संकट का खौफ है।
जोशीमठ की स्थिति पर खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पूरी स्थिति पर अपडेट ले रहे हैं वहीं लोगों की सुरक्षा के मद्देनजर प्रशासन खतरनाक इमारतों को गिराने की तैयारी में हैं, शहर के कुछ परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है यहां रेड मार्किंग वाले कुछ घरों को तोड़ा जा सकता है।
जोशीमठ अकेला नहीं
जोशीमठ अकेला नहीं है जो इस आपदा को झेल रहा है, बताते हैं कि राज्य के पौड़ी, बागेश्वर, उत्तरकाशी, टिहरी और रुद्रप्रयाग का भी यही हश्र हो सकता है यहां के स्थानीय लोगों में जोशीमठ जैसे संकट का खौफ मंडरा रहा है।
पौड़ी के घरों में भी सामने आ रहीं दरारें
पौड़ी के घरों में भी सामने आ रहीं दरारें, पौड़ी के स्थानीय लोगों का कहना है कि चल रहे रेलवे प्रोजेक्ट की वजह से उनके घरों में दरारें आ गई हैं, ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे लाइन के सुरंग निर्माण कार्य से श्रीनगर के हेदल मोहल्ला, आशीष विहार सहित तमाम घरों में दरारें दिखाई देने लगी हैं।
लोग इसे लेकर परेशान हैं।
रुद्रप्रयाग के मरोदा गांव के लोग बेहाल
ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन निर्माण को लेकर रुद्रप्रयाग के मरोदा गांव के लोग बेहाल हैं, बताते हैं कि यहां रेल मार्ग के रास्ते में सुरंग निर्माण के कारण कुछ घर धराशायी हो गए हैं और कई घर नष्ट होने की कगार पर हैं गौर हो कि यहां रेलवे का निर्माण कार्य जोरों से जारी है, वहीं कहा जा रहा है कि जल्द ही ग्रामीणों को यहां से नहीं हटाया गया तो ये इलाका भी बड़े हादसे का सबब बनेगा।
उत्तरकाशी के भटवाड़ी और मस्तदी गांव पर खतरा
जोशीमठ में गहराए संकट को लेकर उत्तरकाशी के मस्तदी के लोगों में भय और खौफ का का माहौल है बताते हैं कि जिले के मस्तदी और भटवाड़ी गांव खतरे के निशान पर हैं गौर हो कि साल 1991 में आए भूकंप ने इमारतों में दरारें छोड़ दीं थीं पूरा उत्तरकाशी जिला प्राकृतिक आपदा की चपेट में है यहां के लोगों का कहना है कि गांव धीरे-धीरे धंस रहा है और घरों में दरारें दिखने लगी हैं।
बागेश्वर के खरबगड़ गांव का भी यही हाल
बागेश्वर के कपकोट के खरबगड़ गांव के ऊपर जलविद्युत परियोजना की सुरंग के ऊपर पहाड़ी में गड्ढे बना दिए गए हैं और जगह-जगह से पानी का रिसाव हो रहा है इससे गांव वालों में दहशत का माहौल है वहीं कपकोट में भी भूस्खलन होने की बात सामने आई है, स्थानीय निवासियों का कहना है कि टनल से पानी टपकने की समस्या लंबे समय से बनी हुई है।
टिहरी जिले में ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन ने बढ़ाईं दिक्कतें
टिहरी जिले अटाली गांव से होकर गुजरने वाली ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन से वैसे तो विकास आएगा ऐसा कहा जा रहा है कि लेकिन स्थानीय लोगों के लिए ये दिक्कत का सबब नजर आ रहा है, बताते हैं कि ब्लास्टिंग के काम से भी मकानों में दरारें आ रही हैं, यहां के निवासियों का कहना है कि टनल में जब ब्लास्टिंग होती है, तो उनका घर हिलने लगता है, अटाली गांव से अपने पुनर्वास की मांग कर रहे हैं।
जोशीमठ में भू-धंसाव से बुरी तरह प्रभावित दो होटलों को गिराने की तैयारी
उत्तराखंड सरकार ने जोशीमठ में भू-धंसाव से बुरी तरह प्रभावित दो होटलों को गिराने की तैयारी कर ली है लेकिन संपत्ति मालिकों और स्थानीय लोगों ने इसका विरोध किया, वहीं खतरा संभावित क्षेत्र से और लोगों को निकाला गया है तथा प्रभावित मकानों की संख्या बढ़कर 700 से अधिक हो गयी है।राज्य सरकार ने सोमवार को 'माउंट व्यू' और 'मालारी इन' होटलों को गिराने का फैसला किया जिनमें हाल में बड़ी दरार आ गयीं और दोनों एक-दूसरे की ओर झुक गये हैं। इससे आसपास की इमारतों को खतरा पैदा हो गया है।