'शिवसेना को खत्म करने में लगी थी BJP', राउत का आरोप- यह मगरमच्छ जैसी, साथ वालों को ही लेती है निगल

Maharashtra Politics: दरअसल, महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के साथ हाथ मिलाने के बाद उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना 2019 में राजग से बाहर हो गई थी। तीनों दलों ने महा विकास आघाडी (एमवीए) सरकार का गठन किया था। पिछले साल शिवसेना में फूट के बाद शिंदे ने भाजपा से हाथ मिला लिया था और मुख्यमंत्री बन गए थे।

बीजेपी चीफ जेपी नड्डा और शिवसेना के नेता संजय राउत। (फाइल)

Maharashtra Politics: शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के सीनियर नेता संजय राउत ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर बड़ा आरोप लगाया है। उन्होंने कहा है कि भाजपा तब शिवसेना को खत्म करने में लगी हुई थी। यह पार्टी मगरमच्छ और अजगर जैसी है, जो कि अपने साथ वालों को ही निगल लेती है। शनिवार (27 मई, 2023) को उन्होंने ये बातें महाराष्ट्र के मुंबई शहर में पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहीं। महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के बाद तत्कालीन अविभाजित शिवसेना और भाजपा की राहें जुदा होने का हवाला देते हुए उन्होंने बताया कि यही वजह थी कि उनकी पार्टी के प्रमुख उद्धव ठाकरे ने साल 2019 में भाजपा से दूरी बना ली थी।
बकौल राउत, ‘‘शिवसेना ने खुद को भाजपा से दूर कर लिया, क्योंकि पार्टी इसे खत्म करने की कोशिश कर रही थी। भाजपा मगरमच्छ या अजगर की तरह है। जो भी उनके साथ जाता है, वे उसे निगल जाते हैं। अब वे (शिवसेना सांसद और विधायक, जिन्होंने नेतृत्व के खिलाफ बगावत की थी) महसूस करेंगे कि इस मगरमच्छ से दूरी बनाने का उद्धव ठाकरे का कदम सही था।’’
राज्यसभा सांसद ने आगे कहा कि भाजपा के व्यवहार में कोई बदलाव नहीं आया है, आज भी वह वैसा ही व्यवहार करती है। उन्होंने इसके साथ ही यह भी दावा किया कि महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना में काफी बेचैनी है। राउत के मुताबिक, ‘‘शिवसेना के सांसद गजानन कीर्तिकर ने जो बात कही है, वही शिवसेना (यूबीटी) का भी रुख है। वे (भाजपा) अपनी बात पर कायम नहीं रहे। उन्होंने शिवसेना के विधायकों को फंड नहीं दिया और शिवसेना नेताओं का अपमान करने का प्रयास किया। इसी कारण से महाराष्ट्र और पार्टी के सम्मान के लिए उद्धव ठाकरे ने अलग होने का फैसला लिया।’’
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