शाह की खुली चुनौती: नक्सलियों के गढ़ में पहली बार CRPF का स्थापना दिवस, गृहमंत्री कैंप में बिताएंगे रात

जगदलपुर कभी नक्सलियों का गढ़ हुआ करता था, लेकिन बीते सालों में नक्सल विरोधी अभियानों का यहां खासा असर हुआ है। आलम यह है कि देश के इतिहास में पहली बार सीआरपीएफ यहां अपना स्थापना दिवस मनाने जा रहा है।

Amit- Shah

गृहमंत्री अमित शाह

Amit Shah News: CRPF के इतिहास में ऐसा पहली बार हो रहा है की सीआरपएफ का रेजिंग डे नक्सलियों के गढ़ में हो रहा है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह आजरात भी जगदलपुर कैंप में जवानों के साथ बिताने वाले हैं, इससे जवानों में खास उत्साह है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह आज एक फॉरवर्ड पोस्ट पर जाएंगे, जवान कैसे यहां कठिन परिस्थिति में काम करते है, इसका जायजा लेंगे। साथ ही सरकार ने जवानों को भरोसा दिया है वो उनके लिए हर सुविधा मुहैया कराएंगे।

अप्रैल 2014 के बाद घट गईं नक्सली घटनाएंआंकड़ों की बात करें तो 2014 के बाद से नक्सली हमलों की घटनाओं में काफी कमी आई है। सितंबर 2005 से अप्रैल 2014 तक 14322 नक्सली घटनाएं हुई थीं। हालांकि, मई 2014 से दिसंबर 2022 इन घटनाओं में 52 प्रतिशत की कमी आई और 6907 घटनाएं दर्ज की गईं। हमलों में जान गंवाने वाले सैनिकों की संख्या में 71 प्रतिशत कमी आई और यह घटकर 1706 से 465 पहुंच गई। 2014 के बाद आम नागरिकों की हत्या की घटनाओं में भी 67 प्रतिशत कमी देखी गई।

अमित शाह का बस्तर दौरा क्यों है नक्सलियों पर निर्णायक प्रहार 25 मार्च को गृहमंत्री अमित शाह नक्सलियों के गढ़ रहे जगदलपुर में सीआरपीएफ जवानों की हौसलाअफजाई करेंगे। सीआरपीएफ के 84वें स्थापना दिवस का आयोजन यहां होगा, जहां गृहमंत्री नक्सल विरोधी अभियान का जायजा भी लेंगे। ऐसा पहली बार हो रहा है जब देश के गृहमंत्री नक्सल प्रभावित इस इलाके में रात बिताएंगे और सीआरपीएफ के इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में शिरकत करेंगे। गृहमंत्री अमित शाह के इस दौरे से देशवासियों को नक्सलियों के उन इलाकों की झलक देखने को मिलेगी जहां कुछ महीनों पहले तक नक्सलियों की तूती बोलती थी और इस इलाके को इन लोगों ने स्वतंत्र इलाका घोषित कर रखा था, लेकिन अब इन इलाकों से नक्सलियों का पूरी तरह से खात्मा हो चुका है।

कभी नक्सलियों का गढ़ था बक्सरकभी बस्तर रीजन नक्सलियों का गढ़ था, जिसके चार प्रमुख केन्द्र थे.. बीजापुर, सुकमा, दांतेवाड़ा और बस्तर। जगदलपुर इस रीजन का हेडक्वार्टर थ। नक्सलियों की प्रमुख समीति दंडकारण्य जोनल समीति भी इसी बस्तर रीजन में सक्रिय था और हिडमा समेत नक्सलियों के शीर्ष नेता अब भी यहां मौजूद है, लेकिन जहां तक उनके प्रभाव की बात है तो आज की तारीख में ये पूरी तरीके से खत्म होता दिखाई दे रहा है। करणपुर सीआरपीएफ कोबरा हेडक्वार्टर, जहां गृहमंत्री अमित शाह जवानों को संबोधित करेंगे वो इस बात का गवाह है कि हमारे देश के जवानों के बलिदान से देश के सबसे बड़ी आंतरिक फोर्स अपना रीजनल हेडक्वार्टर स्थापित करने में कामयाब हो गई है। इसकी वजह से बड़ी तादात में सीआरपीएफ अंदरूनी इलाकों में अपने फारवर्ड बेस यानि नए कैंप भी स्थापित कर रही है जहां कुछ महीनों पहले ही नक्सली प्रमुखता से अपनी गतिविधियां चलाते थे। पिछले डेढ़ साल की बात करें तो इस अवधि में सीआरपीएफ ने अपने 18 फारवर्ड बेस स्थापित किए हैं जहां आजादी के बाद पहली बार देश की कोई फोर्स घुस पाई थी।

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रविकांत राय author

सत्ता के गलियारों से आम जनमानस से जुड़ी हर ख़बर पर पैनी नज़र, । राजनीति के हर दांव पेंच से वाकिफ, 13 सालों में दो लोकसभा चुनाव और कई राज्यों के विधान ...और देखें

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