पोकटप्ली फॉरवर्ड आउट पोस्ट पहुंची 'टाइम्स नाउ नवभारत' की टीम, नक्सलियों के गढ़ में CRPF का स्थापना दिवस, अमित शाह हुए शामिल-Video
CRPF 84th Foundation Day: नक्सलियों के गढ़ छत्तीसगढ़ में अमित शाह पहुंचे हैं, वहीं भारतीय टेलीविजन के इतिहास में पहली बार पोकटप्ली फॉरवर्ड आउट पोस्ट पहुंची टाइम्स नाउ नवभारत की टीम...
CRPF अपना 84वां स्थापना दिवस मना रही है
वहीं बताते हैं कि भारत सरकार के गृह मंत्रालय ने इस चैलेंज के रूप में लिया और रिकॉर्ड एक साल में पोस्ट बनाकर तैयार कर दिया जिसका शनिवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने इस पोस्ट का दौरा किया
वहीं भारतीय टेलीविजन के इतिहास में पहली बार पोकटप्ली फॉरवर्ड आउट पोस्ट पहुंची टाइम्स नाउ नवभारत की टीम देखिए क्या है वहां है नजारा-
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को कहा कि देश में वामपंथ उग्रवाद के खिलाफ लड़ाई जीत के अंतिम चरण में है। इस खतरे से जूझ रहे सीआरपीएफ जवानों के सर्वोच्च बलिदान ने इसमें बहुत बड़ा योगदान दिया है। केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के 84वें स्थापना दिवस समारोह को संबोधित करते हुए शाह ने बल से अनुरोध किया कि जब तक इस खतरे का पूरी तरह से सफाया नहीं हो जाता वे वामपंथी उग्रवाद के खिलाफ अपनी लड़ाई बहादुरी से जारी रखें।
नक्सलियों के खिलाफ लड़ाई में सीआरपीएफ की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि माओवाद प्रभावित क्षेत्रों में विकास की राह में आने वाली बाधाओं को दूर करने का श्रेय सीआरपीएफ कर्मियों को जाता है।केंद्रीय मंत्री ने कहा, 'वामपंथ उग्रवाद के खिलाफ लड़ाई विजय के अंतिम पड़ाव पर खड़ी दिखाई पड़ रही है। आपके परिवार के सदस्यों द्वारा किए गए सर्वोच्च बलिदान का इसमें बहुत बड़ा योगदान है। उनकी कुर्बानियों को याद करते हुए जीत की गाथा सुनहरे अक्षरों में लिखी जाएगी।'
'सुरक्षा बलों ने वामपंथ उग्रवाद के खिलाफ मजबूती से लड़ाई लड़ी है'
शाह ने कहा, 'मैं आज बस्तर में हूं, मैं आपको बताना चाहता हूं कि हमारे सुरक्षा बलों ने पिछले नौ वर्षों में वामपंथ उग्रवाद के खिलाफ मजबूती से लड़ाई लड़ी है और सभी मोर्चों पर सफलता हासिल की है। उन्होंने न केवल उन्हें पीछे हटने के लिए मजबूर करने में जीत हासिल की है बल्कि आदिवासियों तक विकास को पहुंचाने में भी मदद की है।' उन्होंने कहा, 'माओवादी स्कूलों, सड़कों, अस्पतालों और उचित मूल्य की दुकानों के निर्माण और मोबाइल टावरों की स्थापना में बाधा बन रहे थे। एक गृह मंत्री के रूप में मैं कहना चाहता हूं कि माओवाद प्रभावित क्षेत्रों में इन विकास कार्यों की बाधाओं को दूर करने का श्रेय सीआरपीएफ कर्मियों को जाता है।'
संयुक्त शिविर स्थापित किए और इन क्षेत्रों में सुरक्षा स्थापित की
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सीआरपीएफ ने स्थानीय पुलिस के साथ समन्वय स्थापित कर और नक्सली गतिविधियों के खिलाफ संयुक्त अभियान चलाकर संगठनात्मक कौशल का भी उदाहरण पेश किया है, उन्होंने कहा कि नक्सलियों के अंतरराज्यीय गतिविधियों की जांच के लिए सीआरपीएफ ने विभिन्न राज्यों की पुलिस के साथ समन्वय स्थापित कर संयुक्त कार्य बल का गठन किया, संयुक्त शिविर स्थापित किए और इन क्षेत्रों में सुरक्षा स्थापित की।
शाह ने यह भी कहा कि बिहार और झारखंड में सुरक्षा की कमी खत्म होने के कगार पर है, जो सीआरपीएफ और स्थानीय पुलिस (वहां माओवादी विरोधी अभियानों में शामिल) के कारण संभव हुआ है।
'वामपंथी उग्रवादी हिंसा की घटनाओं में 76 प्रतिशत की कमी'
उन्होंने कहा कि 2010 की तुलना में देश में वामपंथी उग्रवादी हिंसा की घटनाओं में 76 प्रतिशत की कमी आई है और साथ ही (आम लोगों और सुरक्षाकर्मियों की) जान जाने की घटनाओं में भी 78 प्रतिशत की कमी आई है। चुनावों को शांतिपूर्ण संपन्न कराने में सीआरपीएफ की भूमिका की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि लोकतंत्र तभी जीवित रह सकता है जब इसे समर्पित तरीके से संरक्षित किया जाए।
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