बालासोर ट्रेन हादसे में आई सीआरएस रिपोर्ट सामने, कई स्तर पर खामियों का जिक्र

Balasore Train Accident: बालासोर ट्रेन हादसे में आई सीआरएस रिपोर्ट सामने, कई स्तर पर खामियों का जिक्र है। हालांकि रेलवे ने यह सुनिश्चित करने के लिए रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं करने का फैसला किया है कि दुर्घटना की सीबीआई जांच पर कोई प्रभाव या हस्तक्षेप न हो।

जून के महीने में बालासोर में हुआ था हादसा

Balasore Train Accident: बालासोर ट्रेन हादसे में आई सीआरएस रिपोर्ट सामने आ चुकी है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक रिपोर्ट प्रस्तुत की गई और इसमें रिले रूम के प्रभारी कुछ कर्मचारियों के साथ-साथ कुछ विभागों की ओर से खामियां पाई गईं है। यह पूछे जाने पर कि क्या रिपोर्ट में किसी अन्य संलिप्तता का संकेत दिया गया है।अधिकारी ने कहा कि तोड़फोड़ का पहलू यदि कोई है, तो उसकी जांच केवल सीबीआई (CBI) द्वारा की जाएगी।सीआरएस जांच के अलावा सीबीआई भी घटना की जांच कर रही है। हालांकि अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि रेलवे ने यह सुनिश्चित करने के लिए रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं करने का फैसला किया है कि दुर्घटना की सीबीआई जांच पर कोई प्रभाव या हस्तक्षेप न हो।सीबीआई की चल रही एक और स्वतंत्र जांच के कारण सीआरएस रिपोर्ट का खुलासा नहीं करेंगे। यह सुनिश्चित करना है कि यह रिपोर्ट किसी भी तरह से अन्य रिपोर्ट को प्रभावित या हस्तक्षेप न करे। हम दोनों रिपोर्टों का संज्ञान लेंगे और घटना का समग्र मूल्यांकन करेंगे और फिर जो भी आवश्यक कदम होंगे उठाएंगे।

क्या हुई थी छेड़छाड़

आमतौर पर सीआरएस द्वारा की गई सिफारिशों को सख्ती से नोट किया जा सके और लागू किया जा सके। अधिकारियों ने कहा कि सीआरएस आम तौर पर किसी भी दुर्घटना के एक सप्ताह के भीतर अंतिम रिपोर्ट से पहले एक अंतरिम रिपोर्ट दाखिल करता है, लेकिन इस बार, उसने सिर्फ एक रिपोर्ट जमा की है।रिपोर्ट सौंपे जाने के कुछ दिन पहले, रेलवे बोर्ड ने अपने सभी रिले रूम के लिए ट्रेन नियंत्रण तंत्र, रिले हट (लेवल-क्रॉसिंग के सिग्नलिंग और दूरसंचार उपकरण) और पॉइंट और ट्रैक सर्किट सिग्नल के साथ डबल-लॉकिंग व्यवस्था का आदेश दिया था। इसने एक पत्र में संकेत दिया था कि रिले रूम तक पहुंच, सिग्नलिंग हस्तक्षेप की कुंजी थी, जिसके कारण कोरोमंडल एक्सप्रेस बालासोर में लूप लाइन पर गई और एक खड़ी मालगाड़ी से टकरा गई।

2 जून को हुआ था हादसा

यह भी जानकारी सामने आ रही है कि स्टेशन प्रबंधक को एक डिस्कनेक्शन मेमो (इंटरलॉकिंग सिस्टम को बंद करने और काम शुरू करने के लिए) और एक रीकनेक्शन मेमो (काम खत्म होने का संकेत देने वाला सिस्टम का दोबारा कनेक्शन) प्राप्त हुआ था। लेकिन तकनीशियन ने सिस्टम को बायपास कर दिया क्योंकि काम पूरा नहीं हुआ था और उसने कोरोमंडल एक्सप्रेस के लिए 'ग्रीन सिग्नल' पाने के लिए लोकेशन बॉक्स में हेराफेरी की। 2 जून को ओडिशा के बालासोर जिले के बहनागा बाजार रेलवे स्टेशन पर कोरोमंडल एक्सप्रेस, यशवंतपुर-हावड़ा एक्सप्रेस और लौह अयस्क से भरी मालगाड़ी की एक घातक ट्रिपल-ट्रेन दुर्घटना हुई, जिसमें 290 लोगों की मौत हो गई और करीब 1200 लोग घायल हुए।

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